“माल मूरारी का और मिर्जा खेले होली”—यह कहावत यहां की जनवितरण प्रणाली व्यवस्था पर सटीक बैठती है। प्रखंड में सरकारी राशन वितरण को लेकर लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं। क्षेत्र के तनवीर उसमानी, बी.के. झा, अंसार आलम, महेंद्र कुमार और आफाक आलम सहित कई लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पीडीएस (जनवितरण प्रणाली) दुकानों की नियमित जांच होनी चाहिए। उनका कहना है कि प्रशासन और संबंधित विभाग हर महीने इन दुकानों का निरीक्षण करें ताकि गड़बड़ियों को रोका जा सके।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जनवितरण प्रणाली विक्रेताओं की मनमानी बढ़ गई है। सरकार द्वारा राशन दुकानों के संचालन के लिए स्पष्ट कैलेंडर जारी किया गया है, लेकिन अधिकतर दुकानदार इसका सही पालन नहीं करते। उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि उन्हें राशन तो मिलता है, लेकिन निर्धारित मात्रा से कम दिया जाता है। जब इस बारे में विभागीय अधिकारियों से शिकायत की जाती है तो कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
वहीं, कई पीडीएस विक्रेताओं ने सफाई देते हुए कहा कि वे सरकारी नियमों के तहत ही खाद्यान्न का उठाव और वितरण करते हैं। उनका दावा है कि गोदाम से ही अनाज की बोरियों में निर्धारित मात्रा से कम अनाज दिया जाता है, जिससे उपभोक्ताओं तक पूरा राशन नहीं पहुंच पाता। इस मुद्दे पर प्रशासन से जल्द से जल्द कदम उठाने की मांग की जा रही है।
सारस न्यूज़, कोचाधामन, किशनगंज।
“माल मूरारी का और मिर्जा खेले होली”—यह कहावत यहां की जनवितरण प्रणाली व्यवस्था पर सटीक बैठती है। प्रखंड में सरकारी राशन वितरण को लेकर लोग लगातार सवाल उठा रहे हैं। क्षेत्र के तनवीर उसमानी, बी.के. झा, अंसार आलम, महेंद्र कुमार और आफाक आलम सहित कई लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि पीडीएस (जनवितरण प्रणाली) दुकानों की नियमित जांच होनी चाहिए। उनका कहना है कि प्रशासन और संबंधित विभाग हर महीने इन दुकानों का निरीक्षण करें ताकि गड़बड़ियों को रोका जा सके।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि जनवितरण प्रणाली विक्रेताओं की मनमानी बढ़ गई है। सरकार द्वारा राशन दुकानों के संचालन के लिए स्पष्ट कैलेंडर जारी किया गया है, लेकिन अधिकतर दुकानदार इसका सही पालन नहीं करते। उपभोक्ताओं ने शिकायत की है कि उन्हें राशन तो मिलता है, लेकिन निर्धारित मात्रा से कम दिया जाता है। जब इस बारे में विभागीय अधिकारियों से शिकायत की जाती है तो कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती।
वहीं, कई पीडीएस विक्रेताओं ने सफाई देते हुए कहा कि वे सरकारी नियमों के तहत ही खाद्यान्न का उठाव और वितरण करते हैं। उनका दावा है कि गोदाम से ही अनाज की बोरियों में निर्धारित मात्रा से कम अनाज दिया जाता है, जिससे उपभोक्ताओं तक पूरा राशन नहीं पहुंच पाता। इस मुद्दे पर प्रशासन से जल्द से जल्द कदम उठाने की मांग की जा रही है।
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