सारस न्यूज, किशनगंज।
शुक्रवार को ठाकुरगंज प्रखंड के पथरिया पंचायत में स्थित खौसीडांगी गांव में पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान महाविद्यालय, अर्राबाड़ी (किशनगंज) के द्वारा पशुधन संपदा जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया पशु आनुवंशिकी नेटवर्क परियोजना के अंतर्गत बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, पटना के निदेशक (अनुसंधान) डॉ वी के सक्सेना के दिशा-निर्देशन में आयोजित पशुधन संपदा जागरूकता कार्यक्रम में बड़ी संख्या में स्थानीय पशुपालकों एवं किसानों ने भाग लिया एवं इन्हें पशुधन संपदा को कैसे संरक्षित करें, के विषय पर पुर्ण जानकारी दी गई। उक्त कार्यक्रम के दौरान पशु प्रजनन के महत्व एवं प्रबंधन पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी एवं पशुपालकों में पशु प्रजनन प्रबंधन के प्रति जागरुकता लाने हेतु प्रेरित किया गया।
इस दौरान पशु विज्ञान महाविद्यालय किशनगंज के डीन डॉ. चंद्रहास ने बताया कि बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय इकाई द्वारा संचालित इस परियोजना के अंतर्गत पशुपालकों को अनुवांशिकी पहचान एवं वर्गीकरण के बारे में जागरूक करने के लिए किशनगंज जिले में जागरूकता अभियान का आयोजन किया गया। जिसमें पशुपालकों एवं किसानों को पशुओं में बांझपन की समस्या से बचने के उपायों एवं उपचार, पशुओं में गर्भाने के लक्षण, कृत्रिम गर्भाधान के समय की पहचान, पशु प्रजनन प्रबंधन, गाभिन गाय की देखभाल सहित अन्य जानकारी दी गई।
वहीं पशुधन संपदा जागरूकता कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में समन्वयक डॉ. धीरेंद्र कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय पशुधन मिशन को सतत, सुरक्षित और न्यायसंगत पशुधन विकास के माध्यम से पशुधन पालकों और किसानों, विशेष रूप से छोटे धारकों के पोषण और जीवन स्तर में सुधार करने के उद्देश्य से पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए उक्त कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं। वहीं सीमांचल क्षेत्र के पशुओं के वर्गीकरण होने से उन्हें एक अलग पहचान मिलेगी।
इस अवसर पर डॉ. मंजरी पांडे, डॉ. हेमंत कुमार, डॉ. निवेदिता कुमारी, चारा विकास पदाधिकारी आदित्य कुमार एवं डॉ. विकास कुमार आदि स्थानीय पशुपालक, किसान आदि मौजुद थे।