• Sat. Sep 13th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

महिलाओं की आवाज़ बन रहा “महिला संवाद” कार्यक्रम।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।

गुलशन बेगम पीने के पानी के इस्तेमाल को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए कहती हैं कि हमें मिलकर इसकी बर्बादी को रोकना होगा। इसकी उपयोगिता को लेकर सरकारी और सामुदायिक – सामूहिक स्तर पर प्रयास करने होंगे। भविष्य में अपने बच्चों के लिए जल को सुरक्षित रखना होगा। बहादुरगंज प्रखंड के चंदवार पंचायत की गुलशन बेगम, घर-घर तक पीने के पानी की समुचित उपलब्धता को और बेहतर बनाने को लेकर अपने विचार व्यक्त करते हुए ये बातें कहीं। नल-जल योजना के छूटे हुए लाभार्थियों को इसका अविलंब लाभ पहुँचाने की बात महिला संवाद कार्यक्रम में उन्होंने रखी। साथ ही, पानी निकासी, सोख्ता बनाने की बात भी उन्होंने उठाई। महिला संवाद कार्यक्रम, समाज में सामूहिक प्रयास के लिए उत्प्रेरक का काम कर रहा है। महिलाएँ अपने विचार, सुझाव, समस्याएँ, आकांक्षाएँ मुक्त स्वर में व्यक्त कर रही हैं। समस्याओं पर समाज के स्तर पर सामूहिक प्रयास की बातें भी कर रही हैं। महिला संवाद कार्यक्रम उन्हें खुला अवसर दे रहा है। किशनगंज जिला के सातों प्रखंड में, दोनों पालियों (सुबह और शाम) में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है। महिलाएँ मंच पर अपने मन की बात सभी के साथ साझा कर रही हैं। उनकी आकांक्षाओं को सुना जा रहा है। साथ ही, उसे लिखित रूप में दर्ज भी किया जा रहा है, ताकि भविष्य में उस पर नीतिगत फैसले, योजनाएँ बनाई जा सकें। महिला संवाद कार्यक्रम के सोलहवें दिन शनिवार को, बीस ग्राम संगठन में संवाद आयोजित किया गया। किशनगंज जिला में अब तक तीन सौ दस ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें तिरपन हजार से अधिक महिलाएँ शामिल हुईं। टेढ़ागाछ प्रखंड के चिलहनिया पंचायत की फूलकुमारी ने हुनर एवं औजार कार्यक्रम के तहत प्रशिक्षण केंद्र सुदूर क्षेत्रों में बनाने की बात महिला संवाद कार्यक्रम में की। उन्होंने इसके तहत टूल किट के रूप में मिलने वाली राशि बढ़ाने की मांग भी महिला संवाद कार्यक्रम में उठाई। हुनर एवं औजार कार्यक्रम के तहत सोलह वर्ष की बालिकाओं के लिए रोजगारोन्मुख शिक्षा के लिए निःशुल्क व्यावसायिक प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षणों उपरांत टूल-किट भी दिया जाता है। अल्पसंख्यक समुदाय की बालिकाओं के साथ-साथ अनुसूचित जाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग की बालिकाएँ भी इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।

क्या आप इस लेख को किसी विशेष उद्देश्य के लिए उपयोग करना चाहते हैं, जैसे समाचार प्रकाशन या रिपोर्ट?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *