राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज जिले में अब तक छह सौ नब्बे ग्राम संगठनों में महिला संवाद कार्यक्रम आयोजित किया गया है, जिसमें एक लाख से अधिक महिलाएं भाग ले चुकी हैं। अठारह अप्रैल से शुरू हुआ यह कार्यक्रम चरणबद्ध तरीके से बारह सौ बासठ ग्राम संगठनों में आयोजित किया जाना है। कार्यक्रम में महिलाएं पूरे उत्साह से भाग ले रही हैं। सुहाना मौसम और महिलाओं की भागीदारी महिला संवाद कार्यक्रम को जीवंत बना रहे हैं। महिला संवाद कार्यक्रम के ज़रिए महिलाओं को जागरूक किया जा रहा है। जागरूकता रथ के माध्यम से सरकार की योजनाओं की जानकारी पर आधारित वीडियो फ़िल्म दिखाई जा रही है। महिला सशक्तिकरण के लिए सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी युक्त लीफलेट भी दिया जा रहा है। कार्यक्रम में महिलाएं अपना अनुभव और आकांक्षाएं साझा कर रही हैं। गाँव–पंचायत में सरकार की विभिन्न योजनाओं को लेकर अपनी बात रख रही हैं। यह बानगी जिले के सभी सात प्रखंडों में आयोजित महिला संवाद कार्यक्रम में दिख रही है।
ठाकुरगंज प्रखंड के बेसरबाटी पंचायत की शर्मिला बेगम बताती हैं कि वे सरकारी स्कूल में पढ़ाई की हैं। स्कूल से पोशाक, छात्रवृत्ति, साइकिल, मध्याह्न भोजन का लाभ मिला। महिला संवाद कार्यक्रम में अपना अनुभव साझा करते हुए वे बताती हैं कि उनका हाई स्कूल घर से आठ किलोमीटर दूर था। घर से पैदल स्कूल जाना मुश्किल था। साइकिल मिलने से स्कूल जाना आसान हुआ और वे अपनी पढ़ाई पूरी कर पाईं। किशनगंज सदर पंचायत के सिंघिया कुलामनी प्रखंड की रोशन खातुन बताती हैं कि वे स्वयं सहायता समूह से एक रुपये ब्याज दर पर ऋण लेकर खेती और पशुपालन का काम कर परिवार का भरण-पोषण कर रही हैं। बेलवा पंचायत की नूरी बेगम बताती हैं कि स्वयं सहायता समूह से अल्प ब्याज दर पर आसानी से ऋण मिल जाता है। समूह से ऋण लेकर उन्होंने मछली और गाय पालन का काम शुरू किया। मछली और दूध की बिक्री से अच्छी कमाई हो जाती है। आर्थिक स्थिति पहले से बेहतर होने से बच्चों की परवरिश में सहूलियत हुई है। अपना काम होने से अब नियमित आमदनी होने लगी है। ठाकुरगंज प्रखंड के गलगलिया पंचायत की सपना कुमारी बताती हैं कि उन्हें मुख्यमंत्री कन्या उत्थान योजना का लाभ मिला। इस योजना से मिली आर्थिक सहायता से वे उच्च शिक्षा प्राप्त कर रही हैं। वहीं, महिला संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए रेणु कुमारी ने कहा कि वे जीविका संकुल संघ से जुड़कर बैंक मित्रा के पद पर काम कर रही हैं। उन्हें रोजगार मिल गया है और अपनी पहचान मिली है।