जिले में लिंग अनुपात सुधारने हेतु महिला एवं बाल विकास निगम की विशेष पहल।
विश्व बाल दिवस के अवसर पर 17 से 20 नवम्बर 2025 तक “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के अंतर्गत किशनगंज जिले के कोचाधामन, बहादुरगंज तथा टेढ़ागाछ परियोजनाओं में बालिका सम्मान एवं जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई। इन कार्यक्रमों में नवजात कन्या शिशुओं तथा पूर्ण टीकाकरण प्राप्त बालिकाओं को बेबी किट एवं फलों की टोकरी प्रदान कर उनके परिवारों को सम्मानित किया गया।
आयोजन के दौरान कोचाधामन के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि “जहाँ स्त्रियों का सम्मान होता है, वहीं समाज उन्नति प्राप्त करता है।” उन्होंने बताया कि किसी घर में बेटी का जन्म केवल एक परिवार की खुशी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए शुभ संकेत होता है। बेटी संवेदनशीलता, संस्कार, प्रेम और उज्ज्वल भविष्य की प्रतीक होती है।
उन्होंने कहा कि आज बेटियाँ हर क्षेत्र—चाहे शिक्षा हो, खेल, विज्ञान, प्रशासन या सुरक्षा—में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। वे न सिर्फ परिवार की मर्यादा बढ़ा रही हैं, बल्कि देश के विकास में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान भी दे रही हैं।
फिर भी कुछ स्थानों पर बेटियों के जन्म को नकारात्मक दृष्टि से देखा जाता है। इस मानसिकता को बदलना समय की मांग है। बेटी बोझ नहीं, बल्कि परिवार और समाज का गौरव होती है। घर में उसका जन्म नई ऊर्जा, उम्मीद और प्रसन्नता लेकर आता है। वह दो परिवारों को जोड़ने वाली अनमोल कड़ी बनकर सबके जीवन में महत्व जोड़ती है।
उन्होंने सभी से आग्रह किया कि बेटियों को शिक्षा, सुरक्षा और समान अवसर प्रदान करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। “बेटी है तो भविष्य है”, इस विचार को समाज में दृढ़ता से स्थापित करना आवश्यक है ताकि हर बालिका आत्मसम्मान और अधिकारों के साथ आगे बढ़ सके।
कार्यक्रम के सफल संचालन में जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमेन, किशनगंज के जिला मिशन समन्वयक मोहम्मद शाहबाज आलम, जेंडर स्पेशलिस्ट सुशील कुमार झा, वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक श्रीमती रोशनी परवीन तथा आईसीडीएस के सभी कर्मियों की सक्रिय भागीदारी रही।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिले में लिंग अनुपात सुधारने हेतु महिला एवं बाल विकास निगम की विशेष पहल।
विश्व बाल दिवस के अवसर पर 17 से 20 नवम्बर 2025 तक “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान के अंतर्गत किशनगंज जिले के कोचाधामन, बहादुरगंज तथा टेढ़ागाछ परियोजनाओं में बालिका सम्मान एवं जागरूकता कार्यक्रमों की श्रृंखला आयोजित की गई। इन कार्यक्रमों में नवजात कन्या शिशुओं तथा पूर्ण टीकाकरण प्राप्त बालिकाओं को बेबी किट एवं फलों की टोकरी प्रदान कर उनके परिवारों को सम्मानित किया गया।
आयोजन के दौरान कोचाधामन के प्रखंड विकास पदाधिकारी ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि “जहाँ स्त्रियों का सम्मान होता है, वहीं समाज उन्नति प्राप्त करता है।” उन्होंने बताया कि किसी घर में बेटी का जन्म केवल एक परिवार की खुशी नहीं, बल्कि पूरे समाज के लिए शुभ संकेत होता है। बेटी संवेदनशीलता, संस्कार, प्रेम और उज्ज्वल भविष्य की प्रतीक होती है।
उन्होंने कहा कि आज बेटियाँ हर क्षेत्र—चाहे शिक्षा हो, खेल, विज्ञान, प्रशासन या सुरक्षा—में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। वे न सिर्फ परिवार की मर्यादा बढ़ा रही हैं, बल्कि देश के विकास में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान भी दे रही हैं।
फिर भी कुछ स्थानों पर बेटियों के जन्म को नकारात्मक दृष्टि से देखा जाता है। इस मानसिकता को बदलना समय की मांग है। बेटी बोझ नहीं, बल्कि परिवार और समाज का गौरव होती है। घर में उसका जन्म नई ऊर्जा, उम्मीद और प्रसन्नता लेकर आता है। वह दो परिवारों को जोड़ने वाली अनमोल कड़ी बनकर सबके जीवन में महत्व जोड़ती है।
उन्होंने सभी से आग्रह किया कि बेटियों को शिक्षा, सुरक्षा और समान अवसर प्रदान करना हम सबकी सामूहिक जिम्मेदारी है। “बेटी है तो भविष्य है”, इस विचार को समाज में दृढ़ता से स्थापित करना आवश्यक है ताकि हर बालिका आत्मसम्मान और अधिकारों के साथ आगे बढ़ सके।
कार्यक्रम के सफल संचालन में जिला हब फॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमेन, किशनगंज के जिला मिशन समन्वयक मोहम्मद शाहबाज आलम, जेंडर स्पेशलिस्ट सुशील कुमार झा, वन स्टॉप सेंटर की केंद्र प्रशासक श्रीमती रोशनी परवीन तथा आईसीडीएस के सभी कर्मियों की सक्रिय भागीदारी रही।
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