गरीब परिवारों के लिए संजीवनी बनी यह योजना, अब तक दर्जनों बच्चों को मिला नया जीवन
जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित मंसूर रहमान (उम्र: 4 वर्ष 9 माह, निवासी: पोठिया) को सोमवार को मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत सदर अस्पताल, किशनगंज से राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना के लिए रवाना किया गया। वहां से मंगलवार को उन्हें श्री सत्य साईं हार्ट हॉस्पिटल, अहमदाबाद के लिए हवाई मार्ग से भेजा जाएगा, जहां उनकी निःशुल्क सर्जरी की जाएगी।
सरकार की इस अनूठी योजना के तहत बच्चों के ऑपरेशन, दवा, यात्रा और रहने-खाने का पूरा खर्च बिहार सरकार वहन करती है। अब तक किशनगंज जिले के 40 से अधिक बच्चों का सफल हृदय उपचार किया जा चुका है।
जागरूक बनें और बच्चों की समय पर जांच कराएं
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने कहा कि जन्मजात हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी के बावजूद सही समय पर इलाज से बच्चों को नया जीवन मिल सकता है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की:
“यदि आपके बच्चे को सांस लेने में परेशानी होती है, सीने में दर्द रहता है या वह जल्दी थक जाता है, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं।”
उन्होंने बताया कि जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की टीम नियमित रूप से स्कूलों और आंगनबाड़ियों में जाकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर रही है। समय रहते पहचान होने पर ऐसे मरीजों को मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है।
हर जरूरतमंद तक पहुंचे योजना का लाभ – जिला पदाधिकारी
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने योजना की सराहना करते हुए कहा:
“मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। अब तक इस योजना के माध्यम से जिले के कई बच्चों को नई जिंदगी मिली है।”
उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे इस योजना के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें, ताकि कोई भी बच्चा सिर्फ आर्थिक तंगी की वजह से इलाज से वंचित न रह जाए।
बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकार संकल्पित
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों में 38 प्रकार की बीमारियों की पहचान कर निःशुल्क इलाज किया जाता है।
उन्होंने कहा: “मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत अब तक किशनगंज जिले के 40 से अधिक बच्चों का सफल इलाज हो चुका है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की यह कोशिश है कि किसी भी जरूरतमंद बच्चे को इलाज से वंचित न रहने दिया जाए।”
आरबीएसके टीम लगातार चला रही जागरूकता अभियान
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने कहा कि उनकी टीम ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बच्चों की जांच कर रही है और गंभीर रूप से बीमार बच्चों को चिन्हित कर रही है।
उन्होंने बताया: “हमारा लक्ष्य है कि किसी भी गरीब बच्चे को उचित इलाज से वंचित न रहना पड़े। यदि किसी बच्चे में हृदय रोग के लक्षण दिखें, तो अभिभावक तुरंत आरबीएसके टीम से संपर्क करें।”
योजना का लाभ उठाएं, समय पर करें बच्चों की जांच
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत सरकार पूरी तरह से खर्च उठाती है, ताकि गरीब और जरूरतमंद परिवारों को किसी भी प्रकार की वित्तीय परेशानी न हो।
“अगर आपके आसपास कोई बच्चा हृदय रोग से पीड़ित है, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आरबीएसके टीम से संपर्क करें।”
यह योजना केवल एक सरकारी सहायता नहीं, बल्कि उन मासूम जिंदगियों के लिए एक नई उम्मीद है, जिन्हें सही इलाज मिलने से एक स्वस्थ जीवन मिल सकता है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
गरीब परिवारों के लिए संजीवनी बनी यह योजना, अब तक दर्जनों बच्चों को मिला नया जीवन
जन्मजात हृदय रोग से पीड़ित मंसूर रहमान (उम्र: 4 वर्ष 9 माह, निवासी: पोठिया) को सोमवार को मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत सदर अस्पताल, किशनगंज से राज्य स्वास्थ्य समिति, पटना के लिए रवाना किया गया। वहां से मंगलवार को उन्हें श्री सत्य साईं हार्ट हॉस्पिटल, अहमदाबाद के लिए हवाई मार्ग से भेजा जाएगा, जहां उनकी निःशुल्क सर्जरी की जाएगी।
सरकार की इस अनूठी योजना के तहत बच्चों के ऑपरेशन, दवा, यात्रा और रहने-खाने का पूरा खर्च बिहार सरकार वहन करती है। अब तक किशनगंज जिले के 40 से अधिक बच्चों का सफल हृदय उपचार किया जा चुका है।
जागरूक बनें और बच्चों की समय पर जांच कराएं
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने कहा कि जन्मजात हृदय रोग जैसी गंभीर बीमारी के बावजूद सही समय पर इलाज से बच्चों को नया जीवन मिल सकता है। उन्होंने अभिभावकों से अपील की:
“यदि आपके बच्चे को सांस लेने में परेशानी होती है, सीने में दर्द रहता है या वह जल्दी थक जाता है, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं।”
उन्होंने बताया कि जिले में राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) की टीम नियमित रूप से स्कूलों और आंगनबाड़ियों में जाकर बच्चों की स्वास्थ्य जांच कर रही है। समय रहते पहचान होने पर ऐसे मरीजों को मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत निःशुल्क इलाज उपलब्ध कराया जाता है।
हर जरूरतमंद तक पहुंचे योजना का लाभ – जिला पदाधिकारी
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने योजना की सराहना करते हुए कहा:
“मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना गरीब और जरूरतमंद परिवारों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। अब तक इस योजना के माध्यम से जिले के कई बच्चों को नई जिंदगी मिली है।”
उन्होंने आम जनता से अपील की कि वे इस योजना के बारे में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक करें, ताकि कोई भी बच्चा सिर्फ आर्थिक तंगी की वजह से इलाज से वंचित न रह जाए।
बच्चों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए सरकार संकल्पित
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के तहत 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों में 38 प्रकार की बीमारियों की पहचान कर निःशुल्क इलाज किया जाता है।
उन्होंने कहा: “मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत अब तक किशनगंज जिले के 40 से अधिक बच्चों का सफल इलाज हो चुका है। प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की यह कोशिश है कि किसी भी जरूरतमंद बच्चे को इलाज से वंचित न रहने दिया जाए।”
आरबीएसके टीम लगातार चला रही जागरूकता अभियान
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (RBSK) के जिला समन्वयक पंकज कुमार शर्मा ने कहा कि उनकी टीम ग्रामीण क्षेत्रों में जाकर बच्चों की जांच कर रही है और गंभीर रूप से बीमार बच्चों को चिन्हित कर रही है।
उन्होंने बताया: “हमारा लक्ष्य है कि किसी भी गरीब बच्चे को उचित इलाज से वंचित न रहना पड़े। यदि किसी बच्चे में हृदय रोग के लक्षण दिखें, तो अभिभावक तुरंत आरबीएसके टीम से संपर्क करें।”
योजना का लाभ उठाएं, समय पर करें बच्चों की जांच
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि मुख्यमंत्री बाल हृदय योजना के तहत सरकार पूरी तरह से खर्च उठाती है, ताकि गरीब और जरूरतमंद परिवारों को किसी भी प्रकार की वित्तीय परेशानी न हो।
“अगर आपके आसपास कोई बच्चा हृदय रोग से पीड़ित है, तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र या आरबीएसके टीम से संपर्क करें।”
यह योजना केवल एक सरकारी सहायता नहीं, बल्कि उन मासूम जिंदगियों के लिए एक नई उम्मीद है, जिन्हें सही इलाज मिलने से एक स्वस्थ जीवन मिल सकता है।