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मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमिटी की बैठक आयोजित, पेड़ न्यूज़, फेक न्यूज़, गलत एवं मिथ्या समाचार के प्रकाशन व प्रसारण पर एमसीएमसी कमिटी की रहेगी पैनी नजर।

सारस न्यूज, किशनगंज।

गुरुवार को जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला के निदेशानुसार अपर समाहर्ता जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी सह वरीय प्रभारी मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमिटी की बैठक मनोज कुमार रजक की अध्यक्षता में समाहरणालय स्थित कार्यालय कक्ष में आयोजित हुई। सर्वप्रथम, मीडिया सर्टिफिकेशन एवं मॉनिटरिंग कमेटी (एमसीएमसी) के कार्यों एवं उत्तरदायित्व के संबंध में उपस्थित सभी सदस्यों को विस्तार से जानकारी दिया गया। उन्होंने कहा कि यह समिति विज्ञापनों के प्रमाणीकरण के अलावा केबल नेटवर्क सहित प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुवीक्षण करेगी तथा निर्वाचन लड़ने वाले अभ्यर्थी या राजनीतिक दल के निर्वाचन से संबंधित सभी विज्ञापनों, पेड न्यूज़ निर्वाचन संबंधित समाचारों पर नजर रखेगी। उन्होंने बताया की निर्वाचन आयोग द्वारा सभी माध्यम से विज्ञापन का रेट चार्ट उपलब्ध कराया गया है जिसको जिला के वेबसाइट पर उपलध कराया गया है। साथ ही, सभी राजनैतिक दलों को भी यह चार्ट उपलब्ध करा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि एमसीएमसी समिति पेड न्यूज एवं इससे संबंधित शिकायतों का भी अनुश्रवण करेगी।
गौरतलब हो कि आगामी लोकसभा निर्वाचन 2024 में इलेक्ट्रॉनिक मीडिया व सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों के पूर्व प्रमाणीकरण और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म यथा: व्हाटएप्स न्यूज़ ग्रुप, फेसबुक पेज, न्यूज़ पोर्टल,केबल टीवी,यूट्यूब चैनल पर नजर रखने के लिए निर्वाचन आयोग के दिशा निर्देश के आलोक में उक्त कमेटी का गठन किया गया है। जिलाधिकारी, जिला एमसीएमसी कमिटी के अध्यक्ष एवं जिला जनसंपर्क पदाधिकारी पदेन सचिव है।

बताते चले कि सोशल मीडिया एवं इंटरनेट, मैसेंजर, स्मार्टफोन एप्लीकेशन के आगमन से बड़े स्तर पर संचार में सुविधा हो रही है परंतु उपयुक्त प्लेटफार्म पर निर्वाचन की अवधि के दौरान पेड न्यूज़, फेक न्यूज़, गलत सूचना और मिथ्या सूचना की संभावना बनी रहती है। ऐसे सूचनाओं का दुरुपयोग पर कमिटी कड़ी नजर रखेगी एवं विधि सम्मत कार्रवाई भी करेगी। समिति द्वारा फेक न्यूज का खण्डन 3 घंटे के भीतर तथा विस्तृत खण्डन 24। घंटे के अंदर किया जाना है । निर्वाचन प्रचार अभियान से संबंधित विधिक उपबंध सोशल मीडिया पर भी उसी तरह से लागू होते हैं जैसे मीडिया के अन्य रूपों पर लागू होते हैं। गलत सूचना ,हेट स्पीच एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप, जाति ,धर्म ,वर्ग, भाषा के आधार पर प्रचार- प्रचार कर माहौल को बिगाड़ने की कोशिश करना आदर्श आचार संहिता का स्पष्ट उल्लंघन माना जाएगा। एमसीएमसी कमिटी इन बिंदुओं के आलोक में फेक और पेड़ न्यूज़ के प्रसारण एवं प्रकाशन पर गहरी नजर रखेगी। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया पर राजनीतिक विज्ञापनों का पूर्ण प्रमाणीकरण एमसीएमसी के माध्यम से कराना भी अभ्यर्थियों के लिए अनिवार्य होगा। यह स्पष्ट है कि कोई न्यूज़ यदि पेड न्यूज़ साबित होता है तो कमेटी की अनुशंसा पर आरओ द्वारा अग्रेतर करवाई हेतु संबंधित को नोटिस भी किया जाएगा। साथ ही पेड न्यूज़ साबित होने पर भारतीय दंड संहिता की धारा 171 (ज) के उल्लंघन के लिए प्रकाशन के अभियोजन हेतु कार्रवाई भी की जा सकती है।

विभिन्न चैनलों, सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म यथा- फेसबुक पेज, पोर्टल ,व्हाट्सएप एप्स न्यूज़ ग्रुप, यूट्यूब चैनल, केबल टीवी एफएम रेडियो, सिनेमा हॉल इत्यादि पर पर किसी भी तरह के राजनीतिक विज्ञापन के प्रसारण के पूर्व एमसीएमसी कमेटी से पूर्व प्रमाणीकरण कराना अनिवार्य होगा ।ऐसा नहीं करने पर विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।

पोस्टर, पंपलेट, हैंडविल उक्त प्रचार सामग्रियों पर प्रकाशित प्रति की संख्या एवं मुद्रक का नाम स्पष्टत अंकित होना चाहिए जो कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 127(क) के अंतर्गत अपेक्षित है।
प्रत्येक चुनाव लड़ने वाले अभ्यर्थियों को नामांकन के समय अपना ईमेल आईडी के साथ अपने सोशल मीडिया अकाउंट की विस्तृत जानकारी संबधित प्रारूप में शपथ पत्र दाखिल करते समय उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा।
उक्त बैठक में अपर समाहर्ता मनोज कुमार रजक, सूचना जन संपर्क पदाधिकारी, जिला योजना पदाधिकारी जिला सूचना प्रौद्योगिकी पदाधिकारी, आईटी मैनेजर, प्रेस क्लब के अध्यक्ष आदि उपस्थित थे।

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