राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान की सफ़लता को लेकर बैठक एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम आयोजित, 01 से 19 आयु वर्ग के सभी बच्चों को कृमिनाशक के लिए निःशुल्क खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल गोली।
बच्चों में कृमि के संक्रमण से विभिन्न तरह की परेशानियाँ हो सकती हैं, जैसे शारीरिक वृद्धि में रुकावट, कमजोरी, भूख एवं एकाग्रता में कमी, खून की कमी (एनीया) थकान आदि इन सभी परेशानियों को कृमि नियंत्रण की दवाई अल्बेण्डाजोल खिलाकर ठीक किया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह एक सुरक्षित दवा है। बिहार में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन हर वर्ष में दो बार किया जाता है। वर्ष 2024 में इसका संचालन 15 मार्च को किया जा रहा है। इस दौरान सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में उपस्थित 01 से 19 वर्ष के बच्चों को दवाई खिलाई जाएगी। छूटे हुए बच्चों को मॉपअप राउंड द्वारा 19 मार्च को विद्यालय में ही कृमि नियंत्रण की दवाई खिलायी जाएगी। उक्त कार्यक्रम की सफलता को लेकर शनिवार को सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम के अध्यक्षता में सभी जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों की बैठक में उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन जिला स्वास्थ्य समिति कार्यलय सभागार में किया गया।साथ ही उन्मुखीकरण कार्यक्रम के बाद जागरूकता रथ को हरी झंडी भी दिखाई गयी।
01 से 19 आयु आर्ग के सभी बच्चों को निःशुल्क खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल गोली:- सिविल सर्जन।
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया कि जिले के सरकारी एवं गैर विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, मदरसा, संस्कृत विद्यालय सहित सभी तकनीकी शिक्षण संस्थानों जैसे: पॉलिटेक्निक एवं आईटीआई सहित गैर तकनीकी संस्थानों एवं आगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 01 से 19 आयु वर्ग के सभी बच्चों को अल्बेंडाजोल (400 मिली ग्राम) की गोली खिलाई जाएगी। अल्बेंडाजोल दवा की आपूर्ति ससमय जिला औषधि एवं स्वास्थ्य केंद्रों के औषधि भंडारण पर सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।
अल्बेंडाजोल की गोली खाने के बाद उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नही: डीपीएम।
जिला स्वास्थ्य समिति के डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया कि कृमि संक्रमण के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर कई प्रकार के हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। जिस कारण बच्चों में कुपोषण, खून की कमी, भूख न लगना, बेचैनी, पेट में सूजन और उल्टी दस्त से परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि दवा खाने के बाद यदि किसी को उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं हैं। बच्चों के पेट में ज्यादा कीड़े होने पर दवा खाने के बाद सरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान होना या चक्कर आना या महसूस होना आम बात है। कुछ देर के बाद सब कुछ सामान्य हो जाता है।
जिले में 10 लाख से अधिक बच्चों को खिलायी जाएगी अल्बेंडाजोल की गोली:-
जिला स्वास्थ्य समिति के डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के दौरान जिले के 10 लाख 80 हजार 178 बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। कार्यक्रम के शत प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए जिले के सभी सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भ्रमण किया जाएगा। इसके साथ ही निजी कोचिंग संस्थानों में भी भ्रमण कर दवा से वंचित बच्चों को सेवन कराया जाएगा। 19 मार्च को मॉपअप राउंड के दौरान भी सभी संस्थाओं का पुनः भ्रमण कर वंचित बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। अभियान की सफलता को लेकर जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता को लेकर शहरी व ग्रामीण इलाकों में माइकिंग के साथ-साथ पोस्टर व बैनर सहित अन्य माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार कराया जायेगा। निर्धारित माइक्रो प्लान के तहत बच्चों को दवा का सेवन सुनिश्चित कराया जाना है। ताकि अभियान के क्रम में शत प्रतिशत बच्चों को दवा का सेवन सुनिश्चित करायी जा सके।
उक्त कार्यक्रम में सिविल सर्जन, डीएस, एनसीडीओ, डीपीएम, एसएमसी यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ, सीफार के जिला समन्वयक, पिरामल स्वास्थ्य के टीम, एविडेंस एक्शन के जिला समन्वयक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
बच्चों में कृमि के संक्रमण से विभिन्न तरह की परेशानियाँ हो सकती हैं, जैसे शारीरिक वृद्धि में रुकावट, कमजोरी, भूख एवं एकाग्रता में कमी, खून की कमी (एनीया) थकान आदि इन सभी परेशानियों को कृमि नियंत्रण की दवाई अल्बेण्डाजोल खिलाकर ठीक किया जा सकता है। डब्ल्यूएचओ के अनुसार यह एक सुरक्षित दवा है। बिहार में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का आयोजन हर वर्ष में दो बार किया जाता है। वर्ष 2024 में इसका संचालन 15 मार्च को किया जा रहा है। इस दौरान सभी स्कूलों एवं आंगनबाड़ी केंद्रों में उपस्थित 01 से 19 वर्ष के बच्चों को दवाई खिलाई जाएगी। छूटे हुए बच्चों को मॉपअप राउंड द्वारा 19 मार्च को विद्यालय में ही कृमि नियंत्रण की दवाई खिलायी जाएगी। उक्त कार्यक्रम की सफलता को लेकर शनिवार को सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम के अध्यक्षता में सभी जिला एवं प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों की बैठक में उन्मुखीकरण कार्यक्रम का आयोजन जिला स्वास्थ्य समिति कार्यलय सभागार में किया गया।साथ ही उन्मुखीकरण कार्यक्रम के बाद जागरूकता रथ को हरी झंडी भी दिखाई गयी।
01 से 19 आयु आर्ग के सभी बच्चों को निःशुल्क खिलाई जाएगी अल्बेंडाजोल गोली:- सिविल सर्जन।
सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया कि जिले के सरकारी एवं गैर विद्यालय, केन्द्रीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय, मदरसा, संस्कृत विद्यालय सहित सभी तकनीकी शिक्षण संस्थानों जैसे: पॉलिटेक्निक एवं आईटीआई सहित गैर तकनीकी संस्थानों एवं आगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से 01 से 19 आयु वर्ग के सभी बच्चों को अल्बेंडाजोल (400 मिली ग्राम) की गोली खिलाई जाएगी। अल्बेंडाजोल दवा की आपूर्ति ससमय जिला औषधि एवं स्वास्थ्य केंद्रों के औषधि भंडारण पर सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया है।
अल्बेंडाजोल की गोली खाने के बाद उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नही: डीपीएम।
जिला स्वास्थ्य समिति के डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया कि कृमि संक्रमण के कारण बच्चों के स्वास्थ्य पर कई प्रकार के हानिकारक प्रभाव पड़ते हैं। जिस कारण बच्चों में कुपोषण, खून की कमी, भूख न लगना, बेचैनी, पेट में सूजन और उल्टी दस्त से परेशानी होती है। उन्होंने कहा कि दवा खाने के बाद यदि किसी को उल्टी या मिचली महसूस होती है तो घबराने की जरूरत नहीं हैं। बच्चों के पेट में ज्यादा कीड़े होने पर दवा खाने के बाद सरदर्द, उल्टी, मिचली, थकान होना या चक्कर आना या महसूस होना आम बात है। कुछ देर के बाद सब कुछ सामान्य हो जाता है।
जिले में 10 लाख से अधिक बच्चों को खिलायी जाएगी अल्बेंडाजोल की गोली:-
जिला स्वास्थ्य समिति के डीडीए सुमन सिन्हा ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के दौरान जिले के 10 लाख 80 हजार 178 बच्चों को अल्बेंडाजोल की दवा खिलाई जाएगी। कार्यक्रम के शत प्रतिशत क्रियान्वयन के लिए जिले के सभी सरकारी व प्राइवेट विद्यालयों में स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा भ्रमण किया जाएगा। इसके साथ ही निजी कोचिंग संस्थानों में भी भ्रमण कर दवा से वंचित बच्चों को सेवन कराया जाएगा। 19 मार्च को मॉपअप राउंड के दौरान भी सभी संस्थाओं का पुनः भ्रमण कर वंचित बच्चों को दवा खिलाई जाएगी। अभियान की सफलता को लेकर जिला पदाधिकारी तुषार सिंगला ने विभिन्न विभागीय अधिकारियों को जरूरी दिशा निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि अभियान की सफलता को लेकर शहरी व ग्रामीण इलाकों में माइकिंग के साथ-साथ पोस्टर व बैनर सहित अन्य माध्यम से व्यापक प्रचार प्रसार कराया जायेगा। निर्धारित माइक्रो प्लान के तहत बच्चों को दवा का सेवन सुनिश्चित कराया जाना है। ताकि अभियान के क्रम में शत प्रतिशत बच्चों को दवा का सेवन सुनिश्चित करायी जा सके।
उक्त कार्यक्रम में सिविल सर्जन, डीएस, एनसीडीओ, डीपीएम, एसएमसी यूनिसेफ, डब्ल्यूएचओ के एसएमओ, सीफार के जिला समन्वयक, पिरामल स्वास्थ्य के टीम, एविडेंस एक्शन के जिला समन्वयक, सभी प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंन्धक सहित अन्य मौजूद थे।
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