राहुल कुमार, सरस न्यूज, किशनगंज।
- हलामला पंचायत में हाइड्रोसील मरीजों को शल्यक्रिया हेतु किया गया प्रेरित
- स्वास्थ्य विभाग का फाइलेरिया उन्मूलन की ओर बड़ा कदम
किशनगंज जिले में फाइलेरिया उन्मूलन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में हलामला पंचायत के एचडब्ल्यूसी (हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर) मोतिहारा परिसर में फाइलेरिया नियंत्रण कार्यक्रम आयोजित किया गया।
एमएमडीपी किट और सेल्फ-केयर प्रशिक्षण
कार्यक्रम में हाथीपांव (लाइम्फेडेमा) से ग्रसित 17 मरीजों को मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रीवेंशन (एमएमडीपी) किट वितरित की गई। इसके साथ ही उन्हें नियमित सेल्फ-केयर के तरीकों का प्रशिक्षण दिया गया। एमएमडीपी किट में मरीजों को डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, टब, मग, तौलिया, और अन्य आवश्यक सामग्री प्रदान की गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम ने मरीजों को फाइलेरिया ग्रसित अंगों की देखभाल के तरीके सिखाए और बताया कि नियमित सफाई और एंटीसेप्टिक क्रीम का उपयोग संक्रमण को नियंत्रित करने में सहायक है।
हाइड्रोसील मरीजों को शल्यक्रिया के लिए प्रेरित किया गया
पंचायत के चार हाइड्रोसील मरीजों को जटिलताओं से बचाने के लिए शल्यक्रिया हेतु प्रेरित किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने इन मरीजों को समय पर ऑपरेशन की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक योजनाएं तैयार की हैं।
कार्यक्रम में अधिकारियों की सक्रिय भागीदारी
इस कार्यक्रम में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण अधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ. मंजर आलम, मनीष (वीडीसीओ), दीपक (वीडीसीओ), अविनाश राय (वीबीडीसी सलाहकार), अजय साह (बीएचएम), मोइन जी (वीबीडीएस), सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी, एएनएम, और संबंधित पंचायत की आशा कार्यकर्ता उपस्थित रहीं। सभी ने मिलकर मरीजों को जागरूक करने और उनकी देखभाल के लिए मार्गदर्शन दिया।
फाइलेरिया उन्मूलन पर स्वास्थ्य विभाग का विशेष जोर
डॉ. मंजर आलम ने बताया कि फाइलेरिया से प्रभावित मरीजों को नियमित सेल्फ-केयर की आदत डालनी चाहिए ताकि उनकी स्थिति नियंत्रित रहे। वीबीडीसी सलाहकार अविनाश राय ने फाइलेरिया को “साइलेंट डिजीज” कहा, जिसके लक्षण वर्षों बाद प्रकट होते हैं। उन्होंने कहा कि नियमित देखभाल और समय पर इलाज से इस बीमारी की जटिलताओं को रोका जा सकता है।
जिला प्रशासन की प्रतिबद्धता
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि जिलाधिकारी विशाल राज के निर्देशन में जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को प्राथमिकता दी जा रही है। जिलाधिकारी ने कहा कि फाइलेरिया के प्रति जागरूकता फैलाना और मरीजों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना जिला प्रशासन की प्राथमिकता है। स्वास्थ्य विभाग के इन प्रयासों से किशनगंज जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में एक और बड़ा कदम उठाया गया है।