15 मरीजों को एमएमडीपी किट और यूडीआईडी सर्टिफिकेट वितरित
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूकता अभियान तेज
स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित देखभाल और प्रबंधन पर जोर
फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में किशनगंज जिले में स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार के निर्देशन में टेढ़ागाछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 15 फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रीवेंशन (एमएमडीपी) किट प्रदान की गई। इसके साथ ही मरीजों को यूडीआईडी (विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों का यूनिक आईडी) सर्टिफिकेट भी सौंपे गए।
स्वास्थ्य विभाग की पहल और जागरूकता का संदेश
कार्यक्रम के दौरान मरीजों को ग्रसित अंगों की देखभाल के लिए आवश्यक सामग्री जैसे डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, टब, मग, तौलिया आदि दी गई। सिविल सर्जन ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मरीजों की देखभाल के साथ-साथ जागरूकता फैलाना भी बेहद आवश्यक है।
फाइलेरिया प्रबंधन और विशेषज्ञों की राय
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने कहा कि फाइलेरिया का संपूर्ण इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसकी जटिलताओं को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने फाइलेरिया के लक्षण जैसे पैरों की सूजन (हाथीपांव), हाइड्रोसील, या महिलाओं के स्तनों में सूजन को पहचानने और समय पर उचित देखभाल की सलाह दी।
जागरूकता से ही बचाव संभव
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षण संक्रमण के पांच से दस साल बाद प्रकट होते हैं। यह बीमारी मरीज को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित करती है। लेकिन जागरूकता और सही प्रबंधन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का प्रयास
जिलाधिकारी विशाल राज ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को और तेज करने की अपील की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता को समान रूप से पहुंचाने पर जोर दिया। उन्होंने चल रहे कार्यक्रमों की सराहना करते हुए प्राथमिकता से इसे लागू करने का निर्देश दिया।
फाइलेरिया के लक्षण और बचाव
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार अविनाश रॉय ने बताया कि फाइलेरिया के लक्षणों में बुखार, खुजली, अंगों की सूजन और हाथीपांव जैसी समस्याएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रूप से एमएमडीपी किट वितरित की जाती हैं, जिससे मरीजों की देखभाल सुनिश्चित हो सके।
स्वास्थ्य विभाग की अपील
स्वास्थ्य विभाग ने सभी फाइलेरिया ग्रसित मरीजों और उनके परिवारों से अपील की है कि वे इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें और समय पर चिकित्सा सहायता लें। साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी इस बीमारी से बचाव के लिए प्रेरित करें। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के समन्वित प्रयास से किशनगंज जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया गया है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
15 मरीजों को एमएमडीपी किट और यूडीआईडी सर्टिफिकेट वितरित
फाइलेरिया उन्मूलन के लिए जागरूकता अभियान तेज
स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित देखभाल और प्रबंधन पर जोर
फाइलेरिया उन्मूलन की दिशा में किशनगंज जिले में स्वास्थ्य विभाग पूरी तत्परता से कार्य कर रहा है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार के निर्देशन में टेढ़ागाछ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में 15 फाइलेरिया ग्रसित मरीजों को मोरबिडिटी मैनेजमेंट एंड डिसेबिलिटी प्रीवेंशन (एमएमडीपी) किट प्रदान की गई। इसके साथ ही मरीजों को यूडीआईडी (विशेष रूप से सक्षम व्यक्तियों का यूनिक आईडी) सर्टिफिकेट भी सौंपे गए।
स्वास्थ्य विभाग की पहल और जागरूकता का संदेश
कार्यक्रम के दौरान मरीजों को ग्रसित अंगों की देखभाल के लिए आवश्यक सामग्री जैसे डेटॉल साबुन, एंटीसेप्टिक क्रीम, टब, मग, तौलिया आदि दी गई। सिविल सर्जन ने बताया कि फाइलेरिया उन्मूलन के लिए मरीजों की देखभाल के साथ-साथ जागरूकता फैलाना भी बेहद आवश्यक है।
फाइलेरिया प्रबंधन और विशेषज्ञों की राय
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. मंजर आलम ने कहा कि फाइलेरिया का संपूर्ण इलाज संभव नहीं है, लेकिन इसकी जटिलताओं को नियंत्रित किया जा सकता है। उन्होंने फाइलेरिया के लक्षण जैसे पैरों की सूजन (हाथीपांव), हाइड्रोसील, या महिलाओं के स्तनों में सूजन को पहचानने और समय पर उचित देखभाल की सलाह दी।
जागरूकता से ही बचाव संभव
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि फाइलेरिया मादा क्यूलेक्स मच्छर के काटने से फैलता है। इसके लक्षण संक्रमण के पांच से दस साल बाद प्रकट होते हैं। यह बीमारी मरीज को शारीरिक और मानसिक रूप से प्रभावित करती है। लेकिन जागरूकता और सही प्रबंधन से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग का प्रयास
जिलाधिकारी विशाल राज ने फाइलेरिया उन्मूलन अभियान को और तेज करने की अपील की। उन्होंने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं और जागरूकता को समान रूप से पहुंचाने पर जोर दिया। उन्होंने चल रहे कार्यक्रमों की सराहना करते हुए प्राथमिकता से इसे लागू करने का निर्देश दिया।
फाइलेरिया के लक्षण और बचाव
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार अविनाश रॉय ने बताया कि फाइलेरिया के लक्षणों में बुखार, खुजली, अंगों की सूजन और हाथीपांव जैसी समस्याएं शामिल हैं। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा नियमित रूप से एमएमडीपी किट वितरित की जाती हैं, जिससे मरीजों की देखभाल सुनिश्चित हो सके।
स्वास्थ्य विभाग की अपील
स्वास्थ्य विभाग ने सभी फाइलेरिया ग्रसित मरीजों और उनके परिवारों से अपील की है कि वे इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें और समय पर चिकित्सा सहायता लें। साथ ही अपने आसपास के लोगों को भी इस बीमारी से बचाव के लिए प्रेरित करें। जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के समन्वित प्रयास से किशनगंज जिले को फाइलेरिया मुक्त बनाने की दिशा में एक मजबूत कदम उठाया गया है।