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जिले में हीलिंग हैंड्स, केयरिंग हार्ट्स” की थीम पर मनाया गया राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

‘सेहत सबसे बड़ी पूंजी’ है- सिविल सर्जन।

राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो भारत में डॉक्टरों की निस्वार्थ सेवा और अमूल्य योगदान को श्रद्धांजलि देता है, तथा व्यक्तियों और समुदायों के स्वास्थ्य और कल्याण की सुरक्षा में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाता है। भारत में व्यक्तिगत जीवन और समुदायों में चिकित्सकों के अमूल्य योगदान को स्वीकार करने और मान्यता देने के लिए मनाया जाने वाला एक वार्षिक उत्सव है।
यह डॉक्टरों के निस्वार्थ प्रयासों को मान्यता देने का एक अवसर है, विशेष रूप से कोविड-19 महामारी जैसे चुनौतीपूर्ण समय के दौरान, जब वे बीमारी के खिलाफ लड़ाई में सबसे आगे रहे हैं और अनगिनत रोगियों की जान बचाई है। इसी क्रम में जिले के सदर अस्पताल सहित सभी स्वास्थ्य संस्थानों में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस भारत सरकार के प्रसिद्ध चिकित्सक, स्वतंत्रता सेनानी और पश्चिम बंगाल के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ बिधान चंद्र रॉय की जयंती और पुण्यतिथि को सम्मानित करने के उद्देश्य से मनाया गया। सदर अस्पताल में कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ अनवर हुसैन ने बताया कि डॉ. रॉय ने भारतीय चिकित्सा संघ और भारतीय चिकित्सा परिषद सहित कई प्रतिष्ठित चिकित्सा संस्थानों की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी और चिकित्सा क्षेत्र में उनके योगदान के लिए उन्हें भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न से भी सम्मानित किया गया था।

हीलिंग हैंड्स, केयरिंग हार्ट्स” की थीम पर मनाया गया राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस।

गैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ उर्मिला कुमारी ने बताया की राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस भारत में बहुत महत्व रखता है क्योंकि यह निस्वार्थ भाव से मानवता की सेवा करने वाले डॉक्टरों के प्रति आभार और प्रशंसा व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है। यह बीमारियों का निदान करने, उपचार प्रदान करने और जीवन बचाने में डॉक्टरों द्वारा दी गई अमूल्य सेवाओं की याद दिलाता है। इस दिन का उद्देश्य स्वास्थ्य सेवा के महत्व के बारे में जागरूकता पैदा करना और लोगों को स्वस्थ समाज को बढ़ावा देने में डॉक्टरों के प्रयासों को स्वीकार करने के लिए प्रोत्साहित करना है। 2024 में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस के उत्सव के लिए चुना गया विषय “हीलिंग हैंड्स, केयरिंग हार्ट्स” है, जो डॉक्टरों द्वारा अपने चिकित्सा अभ्यास में लाए जाने वाले समर्पण, करुणा और सहानुभूति पर जोर देता है, साथ ही जीवन को बचाने और बेहतर बनाने में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर देता है।
‘सेहत सबसे बड़ी पूंजी’ है।

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने सभी चिकित्सा पदाधिकारी को राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस की शुभकामना देते हुए कहा की स्वस्थ जीवन हर किसी की प्रियोरिटी लिस्ट में टॉप पर होता है। कहा भी गया है कि, ‘सेहत सबसे बड़ी पूंजी’ है। हेल्दी व्यक्ति ही लाइफ को सही तरह से एन्जॉय कर सकता है और इसमें डॉक्टर्स का रोल बहुत अहम होता है। छोटी-बड़ी हर तरह की बीमारियों को डॉक्टर्स की मदद से ठीक किया जा सकता है। शायद इसलिए ही इन्हें भगवान का दर्जा मिला हुआ है। राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस प्रसिद्ध डॉक्टर और बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉक्टर बिधान चंद्र राय के सम्मान में मनाया जाता है। इस दिन को मनाने का मकसद डॉक्टर्स के योगदान, उनके कार्यों के बारे में लोगों को जागरूक करना है। जो अपने सुख-दुख को त्याग कर मरीजों के लिए जीते हैं। समाज को रोगमुक्त रखने में अहम भूमिका निभाते हैं, तो उनके इस योगदान को सेलिब्रेट करना है इस दिन को मनाने का मकसद। कोविड संक्रमण के दौरान डॉक्टर्स ही थे, जो बिना अपनी जान की परवाह किए घंटे लगातार ड्यूटी कर रहे थे। कई डॉक्टर्स ने अपनी जान भी गंवा दी। इन डॉक्टर्स के बलिदान को भी आज के दिन याद किया जाता है।

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