राष्ट्रीय पोषण माह – एनीमिया, विकास निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ाई भी, बेहतर प्रशासन के लिए प्रौद्योगिकी, और एक पेड़ मां के नाम के साथ मनाया जा रहा पोषण अभियान।
पूरे महीने हो रहा है जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन-
जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की गोदभराई का आयोजन-
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
अच्छा पोषण स्वास्थ्य को बनाए रखने, बीमारियों को रोकने और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है । राष्ट्रीय पोषण माह जिला सहित पुरे भारत में राष्ट्रीय पोषण माह, पोषण अभियान के तहत एक पहल है जिसका उद्देश्य कमज़ोर आबादी के लिए पोषण संबंधी परिणामों को बढ़ाना है। सितंबर में मनाया जाने वाला यह इस साल का 7वां राष्ट्रीय पोषण माह है। इसे एनीमिया, विकास निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ा भी, बेहतर शासन के लिए प्रौद्योगिकी और एक पेड़ माँ के नाम की थीम के साथ मनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय पोषण माह 2024 में पोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई गतिविधियाँ शामिल किया गया है जिसमे स्वास्थ्य जाँच, सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम और पोषण संबंधी पूरक आहार का वितरण। राष्ट्रीय पोषण माह कुपोषण को दूर करने और बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच बेहतर पोषण प्रथाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिसको लेकर जिलाधिकारी श्री तुषार सिंगला के के दिशा निर्देश में जिले की गर्भवती महिलाओं के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक भोजन की जानकारी को सामने लाने के लिए वृक्षारोपण, भोजन पकाने की विधि का आयोजन भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान सभी केन्द्रों में गोद भराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पोषण अभियान, जिसे पहले राष्ट्रीय पोषण मिशन के नाम से जाना जाता था, 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण में सुधार के लिए मार्च 2018 में शुरू हुआ था । इस कार्यक्रम का उद्देश्य बौनापन, कमज़ोरी और एनीमिया को कम करना है। पोषण अभियान के मुख्य घटकों में प्रौद्योगिकी का उपयोग, सामुदायिक भागीदारी और पौष्टिक भोजन तक बेहतर पहुंच के लिए न्यूट्री-गार्डन की स्थापना शामिल है। जिसमें कुपोषण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आहार विविधता, खाद्य सुदृढ़ीकरण और बाजरा के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
पूरे महीने हो रहा है जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन: आईसीडीएस डीपीओ मो अजमल खुर्शीद ने बताया कि पोषण माह अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। ताकि बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं सहित समुदाय के अन्य सदस्यों के पोषण स्तर में सुधार संभव हो सके। इस क्रम में एनीमिया के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये विशेष कैंप आयोजित किये जायेंगे। समुदाय को वृद्धि निगरानी के महत्व के प्रति जागरूक करते हुए इसे अपडेट किया जायेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिक्षा चौपाल आयोजित किये जायेंगे। बच्चे व उनके माता-पिता के साथ खेल व खिलौना आधारित गतिविधियां आयोजित की जायेगी। स्तनपान के महत्व, छह माह से अधिक उम्र के बच्चों को दिये जाने वाले पूरक आहार में विविधता, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषण युक्त खाद्य पदार्थ का पूरक आहार के रूप में प्रयोग के प्रति लोगों को जागरूक किया जायेगा। एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण की शपथ के साथ पौधारोपण संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने, पोषण को प्रभावित करने वाले कारकों पर आधारित निबंध, चित्रकला सहित अन्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। आयोजित इन सभी गतविधियों में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित कराते हुए इस अभियान को जन आंदोलन का रुप देने का प्रयास किया जायेगा।
पोषण माह के दौरान गोद भराई कार्यक्रम का हुआ आयोजन: गोदभराई कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक मंजूर आलम ने बताया कि ज़िले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर संबंधित सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं की देखरेख में पोषण माह के दौरान गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण काल के दौरान अपने-क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, एएनएम व महिला चिकित्सकों के संपर्क में रहने के लिए आवश्यकतानुसार सलाह दी जा रही है। क्योंकि गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान गर्भवती महिलाओं के शरीर में बहुत ज़्यादा बदलाव होते रहता है। गर्भावस्था के दौरान आहार में विविधता की जरूरत होती है। इसलिए अपने आहारों में ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा की अत्यधिक मात्रा उपलब्ध हो।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर दिन हो रहा पांच गतिविधियां आयोजित: जिला पोषण समन्वयक मंजूर आलम ने बताया कि अभियान के क्रम में हर दिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर कम से कम पांच तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। इसका प्रतिवेदन ससमय जन आंदोलन डैश बोर्ड पर अपलोड किया जाना है। प्रत्येक दिन उत्कृष्ट गतिविधि से संबंधित एक सफल कहानी संबंधित फोटो व प्रतिवेदन के साथ पोषण अभियान के व्हाट्स एप समूह में साझा करना अनिवार्य होगा। उचित पोषाहार के सेवन के प्रति आम जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से पूरे जिले में पोषण रैली, प्रभात फेरी, साइकिल रैली, शपथ ग्रहण कार्यक्रम व हस्ताक्षर अभियान संचालित किये जाने की जानकारी उन्होंने दी।
पूरे महीने हो रहा है जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन-
जिले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर गर्भवती महिलाओं की गोदभराई का आयोजन-
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
अच्छा पोषण स्वास्थ्य को बनाए रखने, बीमारियों को रोकने और जीवन की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है । राष्ट्रीय पोषण माह जिला सहित पुरे भारत में राष्ट्रीय पोषण माह, पोषण अभियान के तहत एक पहल है जिसका उद्देश्य कमज़ोर आबादी के लिए पोषण संबंधी परिणामों को बढ़ाना है। सितंबर में मनाया जाने वाला यह इस साल का 7वां राष्ट्रीय पोषण माह है। इसे एनीमिया, विकास निगरानी, पूरक आहार, पोषण भी पढ़ा भी, बेहतर शासन के लिए प्रौद्योगिकी और एक पेड़ माँ के नाम की थीम के साथ मनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय पोषण माह 2024 में पोषण के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए कई गतिविधियाँ शामिल किया गया है जिसमे स्वास्थ्य जाँच, सामुदायिक आउटरीच कार्यक्रम और पोषण संबंधी पूरक आहार का वितरण। राष्ट्रीय पोषण माह कुपोषण को दूर करने और बच्चों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के बीच बेहतर पोषण प्रथाओं को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जिसको लेकर जिलाधिकारी श्री तुषार सिंगला के के दिशा निर्देश में जिले की गर्भवती महिलाओं के लिए स्थानीय रूप से उपलब्ध पौष्टिक भोजन की जानकारी को सामने लाने के लिए वृक्षारोपण, भोजन पकाने की विधि का आयोजन भी किया जा रहा है। राष्ट्रीय पोषण माह के दौरान सभी केन्द्रों में गोद भराई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। पोषण अभियान, जिसे पहले राष्ट्रीय पोषण मिशन के नाम से जाना जाता था, 0-6 वर्ष की आयु के बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं के पोषण में सुधार के लिए मार्च 2018 में शुरू हुआ था । इस कार्यक्रम का उद्देश्य बौनापन, कमज़ोरी और एनीमिया को कम करना है। पोषण अभियान के मुख्य घटकों में प्रौद्योगिकी का उपयोग, सामुदायिक भागीदारी और पौष्टिक भोजन तक बेहतर पहुंच के लिए न्यूट्री-गार्डन की स्थापना शामिल है। जिसमें कुपोषण से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए आहार विविधता, खाद्य सुदृढ़ीकरण और बाजरा के उपयोग पर ध्यान केंद्रित किया गया है।
पूरे महीने हो रहा है जागरूकता संबंधी गतिविधियों का आयोजन: आईसीडीएस डीपीओ मो अजमल खुर्शीद ने बताया कि पोषण माह अभियान के दौरान स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से जागरूकता संबंधी विभिन्न गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। ताकि बच्चे, गर्भवती व धात्री महिलाएं सहित समुदाय के अन्य सदस्यों के पोषण स्तर में सुधार संभव हो सके। इस क्रम में एनीमिया के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिये विशेष कैंप आयोजित किये जायेंगे। समुदाय को वृद्धि निगरानी के महत्व के प्रति जागरूक करते हुए इसे अपडेट किया जायेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर शिक्षा चौपाल आयोजित किये जायेंगे। बच्चे व उनके माता-पिता के साथ खेल व खिलौना आधारित गतिविधियां आयोजित की जायेगी। स्तनपान के महत्व, छह माह से अधिक उम्र के बच्चों को दिये जाने वाले पूरक आहार में विविधता, स्थानीय स्तर पर उपलब्ध पोषण युक्त खाद्य पदार्थ का पूरक आहार के रूप में प्रयोग के प्रति लोगों को जागरूक किया जायेगा। एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत पर्यावरण संरक्षण की शपथ के साथ पौधारोपण संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जायेगा। आंगनबाड़ी केंद्रों पर वर्षा जल संचयन को बढ़ावा देने, पोषण को प्रभावित करने वाले कारकों पर आधारित निबंध, चित्रकला सहित अन्य प्रतियोगिता का आयोजन किया जायेगा। आयोजित इन सभी गतविधियों में अधिक से अधिक जनभागीदारी सुनिश्चित कराते हुए इस अभियान को जन आंदोलन का रुप देने का प्रयास किया जायेगा।
पोषण माह के दौरान गोद भराई कार्यक्रम का हुआ आयोजन: गोदभराई कार्यक्रम के दौरान राष्ट्रीय पोषण अभियान की जिला समन्वयक मंजूर आलम ने बताया कि ज़िले के सभी आंगनबाड़ी केंद्रों पर संबंधित सीडीपीओ एवं महिला पर्यवेक्षिकाओं की देखरेख में पोषण माह के दौरान गर्भवती महिलाओं को गर्भधारण काल के दौरान अपने-क्षेत्र की आशा कार्यकर्ता, एएनएम व महिला चिकित्सकों के संपर्क में रहने के लिए आवश्यकतानुसार सलाह दी जा रही है। क्योंकि गर्भवती महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए। इस दौरान गर्भवती महिलाओं के शरीर में बहुत ज़्यादा बदलाव होते रहता है। गर्भावस्था के दौरान आहार में विविधता की जरूरत होती है। इसलिए अपने आहारों में ऐसे पदार्थों का इस्तेमाल करना चाहिए, जिसमें प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइड्रेट एवं वसा की अत्यधिक मात्रा उपलब्ध हो।
आंगनबाड़ी केंद्रों पर हर दिन हो रहा पांच गतिविधियां आयोजित: जिला पोषण समन्वयक मंजूर आलम ने बताया कि अभियान के क्रम में हर दिन आंगनबाड़ी केंद्रों पर कम से कम पांच तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाना है। इसका प्रतिवेदन ससमय जन आंदोलन डैश बोर्ड पर अपलोड किया जाना है। प्रत्येक दिन उत्कृष्ट गतिविधि से संबंधित एक सफल कहानी संबंधित फोटो व प्रतिवेदन के साथ पोषण अभियान के व्हाट्स एप समूह में साझा करना अनिवार्य होगा। उचित पोषाहार के सेवन के प्रति आम जनमानस को जागरूक करने के उद्देश्य से पूरे जिले में पोषण रैली, प्रभात फेरी, साइकिल रैली, शपथ ग्रहण कार्यक्रम व हस्ताक्षर अभियान संचालित किये जाने की जानकारी उन्होंने दी।
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