मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और ग्रामीणों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणीकरण योजना के तहत किशनगंज जिले ने एक और उपलब्धि हासिल की है। जिले के काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) को राज्यस्तरीय एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ, जिससे पूरे जिले में खुशी का माहौल है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम की कड़ी मेहनत
इस उपलब्धि में स्वास्थ्य विभाग की टीम, जिसमें सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार, डीपीएम डॉ. मुनाजिम, डीपीसी, डीडीए, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सीएचओ और एएनएम का विशेष योगदान रहा। जिला पदाधिकारी विशाल राज ने टीम की मेहनत की सराहना करते हुए कहा, “यह सफलता पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी प्रतिबद्धता और सामूहिक प्रयासों से यह मुकाम हासिल किया है।”
सामूहिक प्रयासों की अहम भूमिका
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि इस सफलता में जिला प्रशासन, प्रखंड विकास पदाधिकारी, स्थानीय मुखिया और सहयोगी संस्थाओं का बड़ा योगदान रहा। उनके तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को एनक्वास मानकों के अनुरूप तैयार करने में मदद की। सामूहिक प्रयासों से इस केंद्र को राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त हुई।
राष्ट्रीय स्तर की तैयारी जारी
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि अब टीम राष्ट्रीय स्तर के एनक्वास प्रमाणीकरण की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा, “एनक्वास प्रमाणीकरण से न केवल अस्पताल को वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलेंगी। काशीबाड़ी केंद्र का प्रमाणीकरण इसे एक आदर्श स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।”
मुखिया अबू नसर का अहम योगदान
इस प्रमाणीकरण में स्थानीय मुखिया अबू नसर की भूमिका महत्वपूर्ण रही। उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य केंद्र का जीर्णोद्धार किया गया। संपर्क सड़क निर्माण और बागवानी जैसे कार्यों ने केंद्र को आदर्श हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में स्थापित करने में मदद की।
प्रमाणीकरण के लाभ
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि एनक्वास प्रमाणीकरण के बाद स्वास्थ्य केंद्रों को वित्तीय सहायता मिलेगी। इससे मरीजों को सस्ती और भरोसेमंद सेवाएं मिलेंगी। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अब मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
जिले में खुशी का माहौल
प्रमाणीकरण की खबर से जिले के ग्रामीणों और स्वास्थ्य विभाग में उत्साह है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “एनक्वास प्रमाणीकरण से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह ग्रामीणों को सुलभ और भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवाएं देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।” ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और मुखिया अबू नसर के प्रयासों की सराहना की और इसे जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का मील का पत्थर बताया।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
स्वास्थ्य विभाग की मेहनत और डीएम ने की सराहना
मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने और ग्रामीणों को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक (एनक्वास) प्रमाणीकरण योजना के तहत किशनगंज जिले ने एक और उपलब्धि हासिल की है। जिले के काशीबाड़ी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) को राज्यस्तरीय एनक्वास प्रमाणीकरण प्राप्त हुआ, जिससे पूरे जिले में खुशी का माहौल है।
स्वास्थ्य विभाग की टीम की कड़ी मेहनत
इस उपलब्धि में स्वास्थ्य विभाग की टीम, जिसमें सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार, डीपीएम डॉ. मुनाजिम, डीपीसी, डीडीए, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक, सीएचओ और एएनएम का विशेष योगदान रहा। जिला पदाधिकारी विशाल राज ने टीम की मेहनत की सराहना करते हुए कहा, “यह सफलता पूरे जिले के लिए गर्व का विषय है। स्वास्थ्य विभाग ने अपनी प्रतिबद्धता और सामूहिक प्रयासों से यह मुकाम हासिल किया है।”
सामूहिक प्रयासों की अहम भूमिका
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि इस सफलता में जिला प्रशासन, प्रखंड विकास पदाधिकारी, स्थानीय मुखिया और सहयोगी संस्थाओं का बड़ा योगदान रहा। उनके तकनीकी सहयोग और मार्गदर्शन ने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर को एनक्वास मानकों के अनुरूप तैयार करने में मदद की। सामूहिक प्रयासों से इस केंद्र को राज्यस्तरीय मान्यता प्राप्त हुई।
राष्ट्रीय स्तर की तैयारी जारी
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि अब टीम राष्ट्रीय स्तर के एनक्वास प्रमाणीकरण की तैयारी कर रही है। उन्होंने कहा, “एनक्वास प्रमाणीकरण से न केवल अस्पताल को वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी मिलेंगी। काशीबाड़ी केंद्र का प्रमाणीकरण इसे एक आदर्श स्वास्थ्य केंद्र के रूप में स्थापित करेगा।”
मुखिया अबू नसर का अहम योगदान
इस प्रमाणीकरण में स्थानीय मुखिया अबू नसर की भूमिका महत्वपूर्ण रही। उनके नेतृत्व में स्वास्थ्य केंद्र का जीर्णोद्धार किया गया। संपर्क सड़क निर्माण और बागवानी जैसे कार्यों ने केंद्र को आदर्श हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में स्थापित करने में मदद की।
प्रमाणीकरण के लाभ
डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि एनक्वास प्रमाणीकरण के बाद स्वास्थ्य केंद्रों को वित्तीय सहायता मिलेगी। इससे मरीजों को सस्ती और भरोसेमंद सेवाएं मिलेंगी। गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए अब मरीजों को बाहर नहीं जाना पड़ेगा।
जिले में खुशी का माहौल
प्रमाणीकरण की खबर से जिले के ग्रामीणों और स्वास्थ्य विभाग में उत्साह है। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “एनक्वास प्रमाणीकरण से जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार होगा। यह ग्रामीणों को सुलभ और भरोसेमंद स्वास्थ्य सेवाएं देने की दिशा में एक बड़ा कदम है।” ग्रामीणों ने स्वास्थ्य विभाग और मुखिया अबू नसर के प्रयासों की सराहना की और इसे जिले की स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार का मील का पत्थर बताया।