बेलवा PHC में कालाजार और फाइलेरिया पर केंद्रित CHO’s प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
किशनगंज में स्वास्थ्य सुरक्षा की नई पहल
किशनगंज, 08 जुलाई। भारत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक देश को कालाजार और लिम्फेटिक फाइलेरिया से पूर्णतः मुक्त किया जाए। इस दिशा में किशनगंज जिला प्रशासन ने एक और ठोस कदम बढ़ाया है। बेलवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में आज एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें Community Health Officers (CHO’s) को इन बीमारियों की रोकथाम, उपचार और जन-जागरूकता अभियानों से जुड़ी व्यवहारिक जानकारी दी गई।
यह कार्यक्रम पिरामल स्वास्थ्य के सहयोग से आयोजित हुआ, जिसमें MOIC, BHM, BCM, VBDS सहित अन्य तकनीकी विशेषज्ञों ने सहभागिता की।
प्रशिक्षण का फोकस: रोकथाम, पहचान और जागरूकता
CHO’s को निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया गया:
कालाजार और फाइलेरिया के शुरुआती लक्षणों की पहचान
संदिग्ध रोगियों का समय पर रेफरल और जांच व्यवस्था
IRS (इंडोर रेसिडुअल स्प्रे) और MDA (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियानों का प्रभावी संचालन
समुदाय में संवाद, जागरूकता तकनीक व निगरानी प्रणाली
⚠️ जानिए ‘दो साइलेंट किलर’ बीमारियों को
भीबीडीसीओ डॉ. मंजर आलम ने कहा कि—
कालाजार (Visceral Leishmaniasis) एक रेत मक्खी से फैलने वाला संक्रमण है, जिसमें मरीज को लगातार बुखार, तिल्ली व यकृत में सूजन और अत्यधिक वजन गिरावट जैसी समस्याएं होती हैं।
वहीं, फाइलेरिया (हाथीपांव)मच्छरों के ज़रिए फैलता है और लिम्फ ग्रंथियों को प्रभावित करता है, जिससे हाथ-पैरों में सूजन, दर्द व बुखार हो सकता है। इन बीमारियों की समय पर पहचान और मुफ्त इलाज से इन्हें जड़ से मिटाया जा सकता है।
🧾 सरकारी योजनाएं — रोगियों के लिए राहत
कालाजार के लिए निःशुल्क जांच व उपचार
₹7100 तक की आर्थिक सहायता
फाइलेरिया पीड़ितों को MMDP किट व लिम्ब केयर परामर्श
साल में एक बार DEC+Albendazole की दवा खुराक (MDA)
प्रत्येक घर में IRS कीटनाशक का छिड़काव
CHO, ANM, ASHA कार्यकर्ताओं द्वारा सतत निगरानी
🗣️ “प्रशिक्षण नहीं, जिम्मेदारी है ये” — सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी
डॉ. चौधरी ने कहा,
“बीमारी जब छुपी रहती है, तब सबसे ज़्यादा घातक होती है। यह प्रशिक्षण CHO को केवल जानकारी नहीं, बल्कि गांव की सेहत की जिम्मेदारी सौंपता है। किशनगंज स्वास्थ्य विभाग केंद्र सरकार के लक्ष्य को धरातल पर लाने को पूरी तरह संकल्पित है।”
🏡 “स्वस्थ गांव, समृद्ध जिला” — जिलाधिकारी विशाल राज
जिलाधिकारी विशाल राज ने इस अवसर पर कहा,
“फाइलेरिया और कालाजार जैसे रोग केवल चिकित्सा से नहीं, बल्कि समुदाय की भागीदारी से खत्म होंगे। CHO और स्वास्थ्यकर्मी अपनी भूमिका निभा रहे हैं, अब आमजन को भी सामने आना होगा। किशनगंज प्रशासन इस अभियान के साथ हर कदम पर खड़ा है।”
📢 जनभागीदारी से ही संभव है बीमारी पर विजय
इस अभियान की सफलता के लिए आम नागरिकों से अपेक्षित सहयोग:
किसी भी लक्षण के दिखते ही तुरंत स्वास्थ्य केंद्र जाएं
IRS छिड़काव में सहयोग करें
घर व आसपास की साफ-सफाई रखें
CHO व ASHA से नियमित संवाद बनाए रखें
रोग को न छुपाएं — इलाज और जागरूकता अपनाएं
💪 यह शुरुआत है जनआंदोलन की
डॉ. मंजर आलम ने कहा,
“PHC बेलवा में हुआ यह प्रशिक्षण एक क्रांति की नींव है। अब जब CHO प्रशिक्षित हैं, विभाग तैयार है और प्रशासन प्रतिबद्ध है — तो वह दिन दूर नहीं जब किशनगंज फाइलेरिया और कालाजार से पूरी तरह मुक्त होगा।”
“अब हर द्वार से उठेगी आवाज — रोग नहीं समाधान चाहिए।”
समापन संदेश: स्वस्थ समाज का निर्माण तभी संभव है जब जानकारी, सेवा और नेतृत्व एक साथ कदम बढ़ाएं। किशनगंज आज उसी राह पर चल चुका है।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
बेलवा PHC में कालाजार और फाइलेरिया पर केंद्रित CHO’s प्रशिक्षण कार्यक्रम संपन्न
किशनगंज में स्वास्थ्य सुरक्षा की नई पहल
किशनगंज, 08 जुलाई। भारत सरकार का लक्ष्य है कि वर्ष 2030 तक देश को कालाजार और लिम्फेटिक फाइलेरिया से पूर्णतः मुक्त किया जाए। इस दिशा में किशनगंज जिला प्रशासन ने एक और ठोस कदम बढ़ाया है। बेलवा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) में आज एक दिवसीय विशेष प्रशिक्षण सत्र का आयोजन किया गया, जिसमें Community Health Officers (CHO’s) को इन बीमारियों की रोकथाम, उपचार और जन-जागरूकता अभियानों से जुड़ी व्यवहारिक जानकारी दी गई।
यह कार्यक्रम पिरामल स्वास्थ्य के सहयोग से आयोजित हुआ, जिसमें MOIC, BHM, BCM, VBDS सहित अन्य तकनीकी विशेषज्ञों ने सहभागिता की।
प्रशिक्षण का फोकस: रोकथाम, पहचान और जागरूकता
CHO’s को निम्नलिखित बिंदुओं पर प्रशिक्षित किया गया:
कालाजार और फाइलेरिया के शुरुआती लक्षणों की पहचान
संदिग्ध रोगियों का समय पर रेफरल और जांच व्यवस्था
IRS (इंडोर रेसिडुअल स्प्रे) और MDA (मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन) अभियानों का प्रभावी संचालन
समुदाय में संवाद, जागरूकता तकनीक व निगरानी प्रणाली
⚠️ जानिए ‘दो साइलेंट किलर’ बीमारियों को
भीबीडीसीओ डॉ. मंजर आलम ने कहा कि—
कालाजार (Visceral Leishmaniasis) एक रेत मक्खी से फैलने वाला संक्रमण है, जिसमें मरीज को लगातार बुखार, तिल्ली व यकृत में सूजन और अत्यधिक वजन गिरावट जैसी समस्याएं होती हैं।
वहीं, फाइलेरिया (हाथीपांव)मच्छरों के ज़रिए फैलता है और लिम्फ ग्रंथियों को प्रभावित करता है, जिससे हाथ-पैरों में सूजन, दर्द व बुखार हो सकता है। इन बीमारियों की समय पर पहचान और मुफ्त इलाज से इन्हें जड़ से मिटाया जा सकता है।
🧾 सरकारी योजनाएं — रोगियों के लिए राहत
कालाजार के लिए निःशुल्क जांच व उपचार
₹7100 तक की आर्थिक सहायता
फाइलेरिया पीड़ितों को MMDP किट व लिम्ब केयर परामर्श
साल में एक बार DEC+Albendazole की दवा खुराक (MDA)
प्रत्येक घर में IRS कीटनाशक का छिड़काव
CHO, ANM, ASHA कार्यकर्ताओं द्वारा सतत निगरानी
🗣️ “प्रशिक्षण नहीं, जिम्मेदारी है ये” — सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी
डॉ. चौधरी ने कहा,
“बीमारी जब छुपी रहती है, तब सबसे ज़्यादा घातक होती है। यह प्रशिक्षण CHO को केवल जानकारी नहीं, बल्कि गांव की सेहत की जिम्मेदारी सौंपता है। किशनगंज स्वास्थ्य विभाग केंद्र सरकार के लक्ष्य को धरातल पर लाने को पूरी तरह संकल्पित है।”
🏡 “स्वस्थ गांव, समृद्ध जिला” — जिलाधिकारी विशाल राज
जिलाधिकारी विशाल राज ने इस अवसर पर कहा,
“फाइलेरिया और कालाजार जैसे रोग केवल चिकित्सा से नहीं, बल्कि समुदाय की भागीदारी से खत्म होंगे। CHO और स्वास्थ्यकर्मी अपनी भूमिका निभा रहे हैं, अब आमजन को भी सामने आना होगा। किशनगंज प्रशासन इस अभियान के साथ हर कदम पर खड़ा है।”
📢 जनभागीदारी से ही संभव है बीमारी पर विजय
इस अभियान की सफलता के लिए आम नागरिकों से अपेक्षित सहयोग:
किसी भी लक्षण के दिखते ही तुरंत स्वास्थ्य केंद्र जाएं
IRS छिड़काव में सहयोग करें
घर व आसपास की साफ-सफाई रखें
CHO व ASHA से नियमित संवाद बनाए रखें
रोग को न छुपाएं — इलाज और जागरूकता अपनाएं
💪 यह शुरुआत है जनआंदोलन की
डॉ. मंजर आलम ने कहा,
“PHC बेलवा में हुआ यह प्रशिक्षण एक क्रांति की नींव है। अब जब CHO प्रशिक्षित हैं, विभाग तैयार है और प्रशासन प्रतिबद्ध है — तो वह दिन दूर नहीं जब किशनगंज फाइलेरिया और कालाजार से पूरी तरह मुक्त होगा।”
“अब हर द्वार से उठेगी आवाज — रोग नहीं समाधान चाहिए।”
समापन संदेश: स्वस्थ समाज का निर्माण तभी संभव है जब जानकारी, सेवा और नेतृत्व एक साथ कदम बढ़ाएं। किशनगंज आज उसी राह पर चल चुका है।
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