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जिले के तीन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का एनक्वास मूल्यांकन: स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में बड़ा कदम।

राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।

मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने की दिशा में अहम कदम

स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप सुनिश्चित करने के लिए जिले के तीन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का नेशनल क्वालिटी एश्योरेंस स्टैंडर्ड्स (एनक्वास) के तहत राज्यस्तरीय मूल्यांकन किया गया। इस निरीक्षण का उद्देश्य यह देखना था कि मरीजों को मिलने वाली सेवाएं उच्च गुणवत्ता वाली और मानकों के अनुरूप हैं या नहीं।

यह राज्यस्तरीय मूल्यांकन असेसर चंदन कुमार और अर्जुन कुमार द्वारा किया गया, जिसमें डीक्यूएसी सुमन सिन्हा, स्थानीय सीएचओ, बीएचएम और बीसीएम की उपस्थिति रही।

इन हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का हुआ मूल्यांकन

HWC मोतिहारा (किशनगंज)
HWC भोगडाबर (ठाकुरगंज)
HWC धंतोला (दिघलबैंक)

निरीक्षण दल ने ओपीडी, इमरजेंसी सेवाएं, प्रयोगशाला, फार्मेसी और अन्य चिकित्सा सुविधाओं का गहन आकलन किया और अस्पतालों में दी जाने वाली सेवाओं का विस्तृत विश्लेषण किया।

मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सेवाएं देने की दिशा में अहम कदम

निरीक्षण के दौरान असेसरों ने यह परखा कि अस्पतालों में मरीजों को मिलने वाली सुविधाएं प्रभावी और मरीज-केंद्रित हैं या नहीं, स्वच्छता और सुरक्षा मानकों का पालन किया जा रहा है या नहीं, और स्वास्थ्यकर्मी अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन कितनी कुशलता से कर रहे हैं।

राज्यस्तरीय असेसर चंदन कुमार ने निरीक्षण के बाद कहा, “हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की सेवाओं को बारीकी से जांचा गया। व्यवस्थाएं संतोषजनक हैं, हालांकि कुछ सुधार की जरूरत है, जिस पर जल्द ही कार्य किया जाएगा।”

वहीं, असेसर अर्जुन कुमार ने कहा, “एनक्वास मूल्यांकन का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि मरीजों को सर्वोत्तम, सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवाएं मिलें। जिले के स्वास्थ्य केंद्र लगातार सुधार की दिशा में कार्य कर रहे हैं।”

एनक्वास प्रमाणीकरण क्यों है जरूरी?

एनक्वास प्रमाणीकरण सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि मरीजों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सेवाओं की गारंटी है। इससे स्वास्थ्य केंद्रों में समय पर इलाज, स्वच्छता और मरीजों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है। मरीजों और उनके परिवारों को भरोसा होता है कि उन्हें सही समय पर उचित चिकित्सा सेवाएं मिलेंगी।

डीक्यूएसी सुमन सिन्हा ने संतोष व्यक्त करते हुए कहा कि “एनक्वास प्रमाणीकरण से इन स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाएं और अधिक प्रभावी होंगी। ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं मिलेंगी, जिससे वे समय पर सही उपचार प्राप्त कर सकेंगे।”

प्रशासनिक अधिकारियों की सकारात्मक प्रतिक्रिया

सिविल सर्जन डॉ. मंजर ने कहा, “हमारी प्राथमिकता है कि स्वास्थ्य सेवाओं को राष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जाए। यह मूल्यांकन यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया कि मरीजों को सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण इलाज मिले। आवश्यक सुधारों पर शीघ्र कार्रवाई की जाएगी।”

जिलाधिकारी विशाल राज ने इस निरीक्षण को स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताते हुए कहा, “हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की सेवाओं को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए एनक्वास मूल्यांकन बेहद जरूरी है। इससे ग्रामीणों को सहज, सुलभ और बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त होंगी।”

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार से ग्रामीणों को क्या लाभ?

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं – मरीजों को गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा सेवा मिलेगी।
समय पर उपचार – बीमारियों का जल्द पता चलने और समय पर इलाज होने की संभावना बढ़ेगी।
सुरक्षित और स्वच्छ चिकित्सा वातावरण – अस्पतालों में स्वच्छता और सुरक्षा मानकों का कड़ाई से पालन होगा।
बढ़ेगा अस्पतालों पर विश्वास – मरीज और उनके परिवार स्वास्थ्य सेवाओं का अधिक भरोसे के साथ लाभ उठा सकेंगे।

एनक्वास प्रमाणीकरण से बढ़ेगी स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता

सिविल सर्जन डॉ मंजर आलम ने बताया कि यह मूल्यांकन जिले के स्वास्थ्य केंद्रों की सेवाओं में निरंतर सुधार सुनिश्चित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। एनक्वास प्रमाणीकरण से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों की सेवाएं और अधिक प्रभावी, सुरक्षित और मरीजों के अनुकूल बनेंगी, जिससे ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों को उच्च गुणवत्ता वाली चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिलेगा।

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