किशनगंज महिला हेल्पलाइन की महिला पदाधिकारी शशि शर्मा पर नुसरत प्रवीण ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद यह मामला ज़िले में चर्चा का विषय बना हुआ है।हालांकि, महिला पदाधिकारी शशि शर्मा ने इन आरोपों को एक षड्यंत्र बताते हुए निराधार करार दिया है। वहीं, सारस न्यूज़ टीम ने जब इस मामले की सच्चाई जानने की कोशिश की, तो टीम के हाथ एक वीडियो क्लिप लगी। इस वीडियो क्लिप में शिकायतकर्ता नुसरत प्रवीण और उनके भाई सद्दाम, महिला पदाधिकारी शशि शर्मा के सामने पैसे के बदले आपसी समझौते की बात करते दिख रहे हैं। 4 मिनट 36 सेकंड की इस क्लिप में नुसरत प्रवीण, उनके भाई सद्दाम और महिला पदाधिकारी शशि शर्मा के बीच की बातचीत को समझने का प्रयास किया गया है।
वीडियो क्लिप के अनुसार:
महिला पदाधिकारी शशि शर्मा: “बोलो, जो सही बात है यहां बताओ, दोनों भाई-बहन।”
नुसरत प्रवीण: “मैडम, 2 लाख 70 हजार में दूसरे पक्ष के लोग सैयद अनवर और इम्तियाज नसर केस बंद करने के लिए देंगे।”
शशि शर्मा: “अभी तुम दोनों के बीच क्या मामला चल रहा था? तुमने जो केस महिला हेल्पलाइन में दर्ज कराया था, 96/23, जिसमें काउंसलिंग की प्रक्रिया भी की गई थी, दोनों पक्षों को बुलाकर बात की गई थी। तुम दोनों ने पारिवारिक स्तर पर बैठकर समझौता करने का निर्णय लिया है।”
नुसरत प्रवीण: “जी मैडम, हमने यह निर्णय लिया है कि 2 लाख 70 हजार में केस खत्म करने की बात फाइनल हो गई है।”
शशि शर्मा: “क्या फाइनल हुआ? वह तुमको 2 लाख 70 हजार रुपये देंगे? किसलिए देंगे पैसा?”
नुसरत प्रवीण: “जी हां मैडम, इम्तियाज नसर 2 लाख 70 हजार रुपये देंगे ताकि महिला हेल्पलाइन में दर्ज केस 96/23 को मैं खत्म कर दूं।”
शशि शर्मा: “कब देंगे पैसा?”
नुसरत प्रवीण: “10 तारीख को देने की बात है, मैडम।”
शशि शर्मा: “तुम दोनों भाई-बहन पैसा लेकर केस बंद करना चाहते हो?”
नुसरत और सद्दाम: “जी हां, मैडम।”
शशि शर्मा: “तुम चाहती हो कि पैसा लेकर केस बंद हो जाए?”
नुसरत प्रवीण: “जी हां मैडम, हम तो 3 लाख में बंद करना चाहते थे, लेकिन 2 लाख 70 हजार तय हो चुका है। मैडम, इतने पैसे में तो हम लोगों का नुकसान हो रहा है, मगर पैसा लेकर केस बंद कर देंगे।”
शशि शर्मा: “कहां करोगी?”
नुसरत प्रवीण: “10 तारीख को होगा और आपके कार्यालय में लिखित में नामांकन होगा।”
शशि शर्मा: “नहीं-नहीं, क्यों लिखित नामांकन होगा? अगर पैसे का लेनदेन आपस में कर रहे हो और केस बंद कर रहे हो, तो कार्यालय में क्यों लिखित होगा?”
नुसरत प्रवीण: “नहीं मैडम, यहीं पर होगा।”
शशि शर्मा: “नहीं, यह सरकारी कार्यालय है, यहां पर गलत काम नहीं होता। यह कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं है।”
नुसरत प्रवीण: “लीगल काम होगा, लीगल प्रोसेस से, मैडम।”
शशि शर्मा: “लीगल क्या प्रक्रिया करोगी? बताओ। आपस में समझौता कर लिया होना?”
नुसरत प्रवीण: “नहीं मैडम, लीगल प्रोसेस यही है कि जो केस आपके यहां दर्ज कराया है, हम चाहते हैं कि आपके सामने ही जो भी लेनदेन होगा, वह सबके सामने होगा और सबके सामने लिखित में होगा।”
शशि शर्मा: “नहीं-नहीं, यह ऑफिस अनलीगल काम नहीं करता। नुसरत, तुम लोगों ने पैसे के लेनदेन की बात अपने पारिवारिक स्तर पर की है, तो उस स्तर पर करो। कार्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने का प्रयास मत करो। जो भी लेनदेन करना है, जैसे करना है, तुम लोग करो, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं। बस कार्यालय को एक लिखित सूचना दे देना कि तुम लोगों ने आपसी समझौता कर लिया है और 2 लाख 70 हजार का लेनदेन के बाद केस को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हो।”
नुसरत और सद्दाम: “जी हां, मैडम, ठीक है।”
इस पूरे मामले में जिलाधिकारी विशाल राज भी अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि महिला पदाधिकारी के पक्ष को जानने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा।
सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज महिला हेल्पलाइन की महिला पदाधिकारी शशि शर्मा पर नुसरत प्रवीण ने कई गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसके बाद यह मामला ज़िले में चर्चा का विषय बना हुआ है।हालांकि, महिला पदाधिकारी शशि शर्मा ने इन आरोपों को एक षड्यंत्र बताते हुए निराधार करार दिया है। वहीं, सारस न्यूज़ टीम ने जब इस मामले की सच्चाई जानने की कोशिश की, तो टीम के हाथ एक वीडियो क्लिप लगी। इस वीडियो क्लिप में शिकायतकर्ता नुसरत प्रवीण और उनके भाई सद्दाम, महिला पदाधिकारी शशि शर्मा के सामने पैसे के बदले आपसी समझौते की बात करते दिख रहे हैं। 4 मिनट 36 सेकंड की इस क्लिप में नुसरत प्रवीण, उनके भाई सद्दाम और महिला पदाधिकारी शशि शर्मा के बीच की बातचीत को समझने का प्रयास किया गया है।
वीडियो क्लिप के अनुसार:
महिला पदाधिकारी शशि शर्मा: “बोलो, जो सही बात है यहां बताओ, दोनों भाई-बहन।”
नुसरत प्रवीण: “मैडम, 2 लाख 70 हजार में दूसरे पक्ष के लोग सैयद अनवर और इम्तियाज नसर केस बंद करने के लिए देंगे।”
शशि शर्मा: “अभी तुम दोनों के बीच क्या मामला चल रहा था? तुमने जो केस महिला हेल्पलाइन में दर्ज कराया था, 96/23, जिसमें काउंसलिंग की प्रक्रिया भी की गई थी, दोनों पक्षों को बुलाकर बात की गई थी। तुम दोनों ने पारिवारिक स्तर पर बैठकर समझौता करने का निर्णय लिया है।”
नुसरत प्रवीण: “जी मैडम, हमने यह निर्णय लिया है कि 2 लाख 70 हजार में केस खत्म करने की बात फाइनल हो गई है।”
शशि शर्मा: “क्या फाइनल हुआ? वह तुमको 2 लाख 70 हजार रुपये देंगे? किसलिए देंगे पैसा?”
नुसरत प्रवीण: “जी हां मैडम, इम्तियाज नसर 2 लाख 70 हजार रुपये देंगे ताकि महिला हेल्पलाइन में दर्ज केस 96/23 को मैं खत्म कर दूं।”
शशि शर्मा: “कब देंगे पैसा?”
नुसरत प्रवीण: “10 तारीख को देने की बात है, मैडम।”
शशि शर्मा: “तुम दोनों भाई-बहन पैसा लेकर केस बंद करना चाहते हो?”
नुसरत और सद्दाम: “जी हां, मैडम।”
शशि शर्मा: “तुम चाहती हो कि पैसा लेकर केस बंद हो जाए?”
नुसरत प्रवीण: “जी हां मैडम, हम तो 3 लाख में बंद करना चाहते थे, लेकिन 2 लाख 70 हजार तय हो चुका है। मैडम, इतने पैसे में तो हम लोगों का नुकसान हो रहा है, मगर पैसा लेकर केस बंद कर देंगे।”
शशि शर्मा: “कहां करोगी?”
नुसरत प्रवीण: “10 तारीख को होगा और आपके कार्यालय में लिखित में नामांकन होगा।”
शशि शर्मा: “नहीं-नहीं, क्यों लिखित नामांकन होगा? अगर पैसे का लेनदेन आपस में कर रहे हो और केस बंद कर रहे हो, तो कार्यालय में क्यों लिखित होगा?”
नुसरत प्रवीण: “नहीं मैडम, यहीं पर होगा।”
शशि शर्मा: “नहीं, यह सरकारी कार्यालय है, यहां पर गलत काम नहीं होता। यह कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा नहीं है।”
नुसरत प्रवीण: “लीगल काम होगा, लीगल प्रोसेस से, मैडम।”
शशि शर्मा: “लीगल क्या प्रक्रिया करोगी? बताओ। आपस में समझौता कर लिया होना?”
नुसरत प्रवीण: “नहीं मैडम, लीगल प्रोसेस यही है कि जो केस आपके यहां दर्ज कराया है, हम चाहते हैं कि आपके सामने ही जो भी लेनदेन होगा, वह सबके सामने होगा और सबके सामने लिखित में होगा।”
शशि शर्मा: “नहीं-नहीं, यह ऑफिस अनलीगल काम नहीं करता। नुसरत, तुम लोगों ने पैसे के लेनदेन की बात अपने पारिवारिक स्तर पर की है, तो उस स्तर पर करो। कार्यालय की गरिमा को ठेस पहुंचाने का प्रयास मत करो। जो भी लेनदेन करना है, जैसे करना है, तुम लोग करो, उससे हमारा कोई लेना-देना नहीं। बस कार्यालय को एक लिखित सूचना दे देना कि तुम लोगों ने आपसी समझौता कर लिया है और 2 लाख 70 हजार का लेनदेन के बाद केस को आगे नहीं बढ़ाना चाहते हो।”
नुसरत और सद्दाम: “जी हां, मैडम, ठीक है।”
इस पूरे मामले में जिलाधिकारी विशाल राज भी अपने स्तर पर इस मामले की जांच कर रहे हैं। उन्होंने स्पष्ट किया है कि महिला पदाधिकारी के पक्ष को जानने के बाद ही किसी निष्कर्ष पर पहुंचा जाएगा।