सारस न्यूज़, पोठिया, किशनगंज।
बाल विवाह की रोकथाम के लिए कई संस्था और प्रशासन द्वारा लगातार जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। इसके बावजूद हर साल बाल विवाह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। बुधवार को बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत जन निर्माण केंद्र सहयोगी संस्था कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन फाउंडेशन और चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम ने संयुक्त रूप से पोठिया प्रखंड क्षेत्र के दुबानोची पंचायत निवासी नोनी गोपाल सिंह कि नाबालिग पुत्री की शादी रुकवाई है। नाबालिग लड़की का विवाह पश्चिम बंगाल के सिलीगुड़ी निवासी के एक युवक से तय हुआ था। इस बीच चाइल्ड हेल्पलाइन नंबर 1098 से सूचना मिली कि लड़की की आयु 17 साल है। सूचना मिलते ही अधिकारी हरकत में आए और बाल विवाह निषेध टीम गठित किया गया। जिला बाल संरक्षण इकाई के सहायक निदेशक रवि शंकर तिवारी ने तुरंत मामले को गंभीरता से लेकर संबंधित पदाधिकारी व क्षेत्रीय पदाधिकारियों को इसे रोकने का निर्देश दिया। अंचलाधिकारी सह प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहित राज के नेतृत्व में बनी टीम बच्ची के घर पहुंची। तो देखा कि शादी की रशमे तैयार हो चुका था। बाराती भी पहुंची हुई थी। रीति रिवाज के अनुसार खान पान चल रहा था। शादी में बाराती के अलावा उनके रिश्तेदार और भारी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे। ऐसे में शादी को रोकना चुनौती था। स्थानीय जन प्रतिनिधियों के सूझ बूझ से उक्त शादी को रोक दिया गया। अंचलाधिकारी ने जानकारी देते हुए बताया कि बच्ची की आयु 18 वर्ष कम थी। बाल विवाह निषेध अधिनियम के तहत नाबालिग की शादी करना दंडनीय अपराध है। साथ ही उसके कई दुष्परिणाम भी होते हैं। उन्होंने बताया कि समझाने पर लड़की के परिजन मान गए। परिजनों से एक शपथ पत्र भरवाया गया। जिसमें वह इकरार किया कि अपने बच्ची की शादी 18 वर्ष पूरा होने के बाद ही करेंगे। तो वही संस्था के जिला परियोजना समन्वयक मोहम्मद मुजाहिद आलम व चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपरवाइजर अब्दुल कय्यूम ने संयुक्त रूप से बताया कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के तहत सजा के कड़े प्रावधान हैं। मामला सिद्ध होने पर दुल्हा-दुल्हन, उनके माता-पिता सहित विवाह में शामिल सभी लोगों को सजा हो सकती है। बाल विवाह के मामलों में दो वर्ष सश्रम कारावास व एक लाख रुपए जुर्माने का प्रावधान है। उक्त टीम में अंचलाधिकारी सह प्रभारी प्रखंड विकास पदाधिकारी मोहित राज, चिचवाबाड़ी थाना प्रभारी सुरेश प्रसाद सिंह, चाइल्ड हेल्पलाइन के सुपरवाइजर अब्दुल कय्यूम एवं कुंदन कुमार, संस्था के सामूदायिक सामाजिक कार्यकर्ता विपिन बिहारी, स्थानीय मुखिया अशोक राम, वार्ड सदस्य सुकुर चंद्र दास, सरपंच प्रतिनिधि उमा शंकर सिंह, पुलिस बल एवं ग्रामीण मौजूद थे।