प्रखंड के पाटकोई कलां पंचायत के घुरना कब्रिस्तान कई सालो से महानंदा नदी के कटाव से प्रभावित हैं। वर्ष 2017 के प्रलयकारी बाढ़ में घुरना कब्रिस्तान का एक बड़ा भू भाग महानंदा में समा गया था। स्थानीय पंचायत के मुखिया मु आजाद वार्ड सदस्य शकील आलम ने बताया कि बीते एक दशक से अधिक समय से कब्रिस्तान का कटाव जारी है कब्रिस्तान का आधा से अधिक हिस्सा नदी के गर्भ में समा गया है। लेकिन जिला प्रशासन, जल संसाधन विभाग या एमपी एमएलए की तरफ से कटाव का स्थाई समाधान नहीं किया गया। सामाजिक कार्यकर्त्ता सबील सिद्दीकी ,मुज़फ्फर आलम, जाबिर आलम इत्यादि ने कहा कि हर वर्ष कब्रिस्तान महानंदा में कटता जा रहा है। जबकि 15 से 20 गांव के लोगों की मिट्टी मिजिल इसी घुरना कब्रिस्तान में की जाती है।
सारस न्यूज़, कोचाधामन, किशनगंज।
प्रखंड के पाटकोई कलां पंचायत के घुरना कब्रिस्तान कई सालो से महानंदा नदी के कटाव से प्रभावित हैं। वर्ष 2017 के प्रलयकारी बाढ़ में घुरना कब्रिस्तान का एक बड़ा भू भाग महानंदा में समा गया था। स्थानीय पंचायत के मुखिया मु आजाद वार्ड सदस्य शकील आलम ने बताया कि बीते एक दशक से अधिक समय से कब्रिस्तान का कटाव जारी है कब्रिस्तान का आधा से अधिक हिस्सा नदी के गर्भ में समा गया है। लेकिन जिला प्रशासन, जल संसाधन विभाग या एमपी एमएलए की तरफ से कटाव का स्थाई समाधान नहीं किया गया। सामाजिक कार्यकर्त्ता सबील सिद्दीकी ,मुज़फ्फर आलम, जाबिर आलम इत्यादि ने कहा कि हर वर्ष कब्रिस्तान महानंदा में कटता जा रहा है। जबकि 15 से 20 गांव के लोगों की मिट्टी मिजिल इसी घुरना कब्रिस्तान में की जाती है।
Leave a Reply