राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
मुहर्रम की दसवीं तारीख पर रविवार को किशनगंज शहर के चूड़ीपट्टी, फल चौक, सौदागर पट्टी, रूईधासा खानकाह, खगड़ा आदि जगहों से पहलाम के लिए ताजिया जुलूस निकाला गया। इस दौरान अकीदतमंदों की “या अली, या हुसैन” की सदा से शहर गूंज उठा था। ताजिया पर गुलाब जल छिड़का जा रहा था। अकीदतमंदों ने ताजिया को चूमा और फूल बरसाते रहे। शहर के मुख्य बाजार, फल चौक से चूड़ीपट्टी तक वाहनों की आवाजाही कुछ देर के लिए रोकी गई थी। फल चौक पर ताजिया पहुंचने के इंतजार में लोगों की भीड़ जमा रही। चूड़ीपट्टी की ओर ताजिया फल चौक होकर पहुंचा। इस दौरान पीछे-पीछे बड़ा हुजूम “या अली, या हुसैन” की सदा कर रहा था। रास्ते में जगह-जगह सामाजिक संगठनों व सामाजिक कार्यकर्ताओं ने अकीदतमंदों के लिए पेयजल व शरबत की व्यवस्था की थी। फल चौक पर सेंट्रल कमेटी का ताजिया सबसे आगे पहुंचा। इसके पीछे अन्य कमेटियों के ताजिया जुलूस फल चौक पर पहुंचे।
कर्बला में लगा मेला
कर्बला में मेला लगा था। मेले में शाही कचौड़ी, दही बड़े, पापड़, चाट, झालमूड़ी आदि की कई दुकानें सजी हुई थीं। मेला देखने के लिए किशनगंज के अलावा बंगाल के सीमावर्ती जिलों से भी लोग आए थे।
इमामबाड़ा किशनगंज हटिया से निकला जुलूसः किशनगंज मुहर्रम की दसवीं तारीख (यौमे अशूरा)
रविवार को शिया समुदाय के इमामबाड़ों पर जिक्र-ए-हुसैन और उनके अनुयायियों की शहादत के बारे में मजलिस होती रही। इमामबाड़ा किशनगंज हटिया व अन्य शिया इमामबाड़ों में मरसिया व नौहा खानी का दौर चलता रहा। अलम व ताबूत का जुलूस निकाला गया, जो हज़रत इमाम हुसैन की सवारी हुआ करती थी। जुलूस किशनगंज हटिया इमामबाड़ा से चूड़ीपट्टी, फल चौक होते हुए इमामबाड़ा पहुंचा।