• Fri. Sep 12th, 2025

Saaras News - सारस न्यूज़ - चुन - चुन के हर खबर, ताकि आप न रहें बेखबर

आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।

शांतिकुंज हरिद्वार के मार्गदर्शन में ‘आओ गढ़ें संस्कारवान पीढ़ी’ अभियान के अंतर्गत एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला आयोजित की गई। रविवार को तेघरिया गायत्री शक्तिपीठ में गर्भधारण पूर्व की तैयारी, गर्भ संस्कार तथा आदर्श दिनचर्या अपनाकर एक महान संतति के जन्म की प्रक्रिया पर विस्तारपूर्वक जानकारी दी गई।
एजीएसपी पश्चिम बंगाल समन्वयक रामानुज तिवारी, सह-समन्वयक डॉ. विजय अग्रवाल, ट्रस्टी सुदामा राय, सहायक ट्रस्टी मिक्की साह एवं जिला संयोजक सौरभ कुमार ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। परिजनों ने सभी अतिथियों का मंत्र चादर व तिलक-पुष्प के साथ स्वागत किया।

इस अवसर पर एजीएसपी समन्वयक रामानुज तिवारी ने कहा कि वैदिक कालीन संस्कारों की परंपरा को पुनः जाग्रत करने की आवश्यकता है। पुंसवन संस्कार एक तरह का आध्यात्मिक टीकाकरण है, जो आत्मा के मलिन संस्कारों से मुक्ति दिलाता है। प्राचीन काल में हमारे ऋषि संस्कारों के माध्यम से भावी पीढ़ी को युग के अनुकूल बनाते थे। आज इस परंपरा को फिर से तेज करने की आवश्यकता है।

डॉ. विजय अग्रवाल ने कहा कि माँ के आहार-विहार, चिंतन और जीवनशैली का गर्भस्थ शिशु पर गहरा प्रभाव पड़ता है। माँ बच्चे की पहली गुरु होती है। पुंसवन संस्कार से स्वस्थ, सुंदर और गुणवान संतान पूरी तरह संभव है। यह संस्कार गर्भवती महिला को आत्मिक रूप से सबल बनाता है। सामवेद में इस संस्कार का उल्लेख मिलता है। जब गर्भ दो-तीन महीने का होता है, तब गर्भस्थ शिशु के पूर्ण विकास हेतु पुंसवन संस्कार किया जाता है। स्त्री के गर्भ में तीसरे महीने से शिशु का शरीर बनना प्रारंभ हो जाता है, जिससे शिशु के अंग और संस्कार दोनों अपना स्वरूप ग्रहण करने लगते हैं। गर्भस्थ शिशु पर माता-पिता के मन और स्वभाव का गहरा प्रभाव पड़ता है। इसलिए माता को मानसिक रूप से गर्भस्थ शिशु की उचित देखभाल के लिए सक्षम बनाने हेतु यह संस्कार कराया जाता है।

‘माँ की पाठशाला’ का संचालन और सुझाव श्रीमती रीता शर्मा ने प्रोजेक्टर के माध्यम से प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि हम अपनी आने वाली पीढ़ी को कैसे गुरु परंपराओं से जोड़ सकते हैं और उन्हें श्रेष्ठ व सबल बना सकते हैं।

इस दौरान गायत्री परिवार ट्रस्ट द्वारा सीबीएसई बोर्ड में जिला टॉपर बनने पर आदित्य दुबे, पलक साहा एवं नैन्सी सिन्हा को शॉल व गुरुदेव रचित साहित्य देकर सम्मानित किया गया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य के नगंज लिए शुभकामनाएं दी गईं।

कार्यक्रम में बिहार, बंगाल, पूर्णिया, कटिहार, अररिया, किशनगंज और सिलीगुड़ी से आए सैकड़ों परिजन, आंगनबाड़ी बहनें, सेविका-सहायिका एवं एएनएम दीदी, गायत्री परिवार के सक्रिय परिजन उपस्थित रहे।

इस अवसर पर रश्मि प्रकाश, रेखा अग्रवाल, रूबी सिन्हा, मनोज, मायाकांत झा, अधिवक्ता शिशिर दास, परमानंद यादव, हेमंत चौधरी, सत्यनारायण पंडित, प्रवीर, सुमित साहा, प्रसुन्न, दुर्गा कुमारी, भारती ठाकुर, मधु सोम, कमला पंडित, गीता देवी, पंडित पुष्पत राय, नवीन मल्लाह, मनोज सिन्हा, विशाल स्वर्णकार, सदानंद सिन्हा, पूरन माझी, बागेश्वर सिंह, आशुतोष, बलराम ठाकुर, ब्रजेश चंद्र, अभय रंजन सिन्हा तथा जिला संयोजक सौरभ कुमार उपस्थित रहे।


Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *