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ई शिक्षाकोष एप पर शिक्षकों की नहीं बन पा रही ऑनलाइन हाजिरी।

सारस न्यूज़, राहुल कुमार, किशनगंज।

पहले ही दिन फेल हुआ एप।

ई शिक्षा कोष ऐप में तकनीकी समस्या।

स्कूल लोकेशन शो न होना सहित अन्य है परेशानियां।

बिहार सरकार के शिक्षा विभाग द्वारा लाए गए ई शिक्षा कोष एप लागू होते ही फेल हो गया है। शिक्षा विभाग के काफी बड़े शिद्दत से एप्लीकेशन को शुरू किया था। जो तकनीकी खामियों की वजह से कामयाब नहीं होता दिख रहा है। शिक्षकों को ऑफलाइन मोड में ही उपस्थिति दर्ज करानी पड़ रही है। ऐप में सबसे ज्यादा परेशानी है कि स्कूल का लोकेशन शो नहीं कर रहा। शिक्षकों का डेटाबेस भी नहीं दिख रहा। ऐप ओपन नहीं होना भी एक बड़ी समस्या है। टैब या मोबाइल पर ऐप खुलने में टाइम आउट हो रहा। इंटरनेट पुअर शो जैसी दिक्कत आ रही है। ऑनलाइन हाजिरी बनाने में परेशानी के बाद ऑफलाइन मोड को जारी रखा गया है। अगले तीन महीने तक उपस्थिति पंजी पर हाजिरी बनती रहेगी। हालांकि, ऑनलाइन उपस्थिति प्रतिदिन दर्ज करना अनिवार्य है।
शिक्षा विभाग ने ई शिक्षाकोष ऐप को 25 जून से अनिवार्य रूप में लागू किया था, इसके पहले ट्रायल भी किया गया था। सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापक और शिक्षकों को 25 जून से ऑनलाइन अटेंडेंस बनाने के लिए शिक्षा विभाग की ओर से ई-शिक्षाकोष (एप) विकसित किया गया है।

पहले ही दिन हो गया एप फेल।

शिक्षक विद्यालय पहुंचकर वहां जब एप खोलकर उपस्थिति दर्ज करने का प्रयास किया तो लोकेशन कई किलोमीटर दूर बताया गया जिसके बाद शिक्षक स्कूल कैंपस में घूम घूम कर ऑनलाइन उपस्थिति दर्ज करने का प्रयास करते रहे लेकिन यह संभव होता नहीं दिखा। मात्र कुछ ही शिक्षक उपस्थिति दर्ज कर पाए।

कई इलाकों में है नेटवर्क की समस्या।

जिले के सीमावर्ती इलाकों खासकर नेपाल और पश्चिम बंगाल बॉर्डर इलाके में मोबाइल नेटवर्क की समस्या है ऐसे में इन इलाकों में इस एप का संचालन शायद ही सुचारू रूप से हो सके।

एप्लीकेशन कैसे काम करता है।

ई शिक्षा कोष एप्लीकेशन और पोर्टल पर हाजिरी बनाने के लिए शिक्षकों को संबंधित विद्यालय के पांच सौ मीटर की दायरे में रहना अनिवार्य है। शिक्षक को उनके मोबाइल स्क्रीन पर दो बटन दिखाई देते हैं। एक स्कूल इन और दूसरा स्कूल आउट। विद्यालय में उपस्थित रहने की स्थिति में प्रधानाध्यापक और शिक्षक सेल्फ अटेंडेंस को चुनते हुए बटन को क्लिक करते हैं। इसके बाद सेल्फी कैमरा खुलेगा। सेल्फी मोड में फोटो क्लिक करना होता है। सेल्फी कैमरा से खींची गई फोटो एप पर लोड हो जाएगा। शिक्षकों का अटेंडेंस बन जाएगा। शिक्षको को यह काम दो बार करना होता है। स्कूल पहुंचने पर पहली दफा और स्कूल से जाने वक्त दूसरी दफा।
बीपीएससी शिक्षकों को अब तक नहीं मिल पाया है आईडी और पासवर्ड। बिहार लोकसेवा आयोग से चयनित शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी के लिए जरूरी आईडी और पासवर्ड अब तक नहीं मिल है।

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