सारस न्यूज, किशनगंज।
बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर जारी सियासत के बीच राजद और कांग्रेस पार्टी स्मार्ट मीटर को लेकर प्रदर्शन कर रही है। वहीं सत्ता पक्ष इसी मुद्दे पर लगातार पलटवार भी कर रही है। इसी बीच युवा जदयू प्रदेश उपाध्यक्ष प्रशांत पटेल ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए बताया कि बिजली स्मार्ट मीटर पर विपक्षी दलों का विरोध राजनीतिक दुर्भावना से प्रेरित है। स्मार्ट मीटर को लेकर आम जनता में भ्रम फैलाने के लिए विपक्ष हर रोज नये हथकंडे अपना रहा है। वर्ष 2005 से पहले गरीबों की झोंपड़ी में बिजली की पहुंच सिर्फ कपोल कल्पना थी। आज नीतीश सरकार में हर घर बिजली योजना के तहत सुदूर गांवों तक निर्बाध बिजली आपूर्ति हो रही है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिहार को लालटेन युग से बाहर निकाल कर बिजली के क्षेत्र में नया मानक स्थापित किया है।
प्रशांत पटेल ने कहा कि राजद की सरकार में बिजली का आना एक उत्सव के रूप में देखा जाता था। आज प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में 23 से 24 घंटे और ग्रामीण क्षेत्रों में 21 से 22 घंटे बिजली की आपूर्ति हो रही है। प्रति व्यक्ति बिजली की खपत भी 70 यूनिट से बढ़कर अब 360 यूनिट हो चुकी है। साथ ही बिजली आपूर्ति के मामले में बिहार आज देश के कई समृद्ध राज्यों से आगे खड़ा है और पूरे प्रदेश के लिए यह अत्यंत गौरव का विषय है।
उन्होंने बताया कि कुछ लोगों का मानना है कि मीटर रीडिंग में अक्सर गलतियां होती हैं, लेकिन स्मार्ट प्रीपेड मीटर उपभोक्ताओं को उनकी रोजाना बिजली खपत की सटीक जानकारी देते हैं, जिससे किसी तरह की गलती की गुंजाइश नहीं रहती। इसके अलावा बिजली खपत की जानकारी न मिलने का एक और मिथक है। पर हकीकत यह है कि स्मार्ट मीटर उपभोक्ताओं को बिजली खपत की पूरी जानकारी देते हैं, जिससे वे न सिर्फ अपनी खपत पर नियंत्रण रख सकते हैं, बल्कि बचत भी कर सकते हैं। विपक्ष का यह भी मानना है कि स्मार्ट मीटर की किसी भी शिकायत के लिए दफ्तर जाना पड़ता है। लेकिन हकीकत में आप घर बैठे ही ऐप के जरिए स्मार्ट मीटर से जुड़ी सुविधाओं का लाभ उठा सकते हैं।