निदेशक-सह-राज्य अग्निशमन पदाधिकारी के निर्देशानुसार, प्रत्येक वर्ष 14 से 20 अप्रैल तक “अग्निशमन सेवा सप्ताह” का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य नागरिकों को अग्निकांडों से बचाव तथा आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित एवं प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए जागरूक करना है। इस वर्ष यह सप्ताह निदेशक-सह-राज्य अग्निशमन पदाधिकारी, बिहार, पटना के मार्गदर्शन में राज्य के सभी जिलों में मनाया जा रहा है।
इसी क्रम में किशनगंज जिले के कोचाधमन एवं बहादुरगंज प्रखंड, जो कि अग्नि प्रवण क्षेत्रों के रूप में चिन्हित हैं, में “अग्नि सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम” आयोजित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में हर वर्ष गर्मियों के मौसम में अगलगी की घटनाएँ बड़ी संख्या में सामने आती हैं, जिससे जनहानि, पशुहानि और संपत्ति का भारी नुकसान होता है। इन आपदाजनक घटनाओं की रोकथाम एवं उनके प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम ग्रामीण स्तर पर जनता की सक्रिय भागीदारी एवं सहयोग से संचालित किया जा रहा है। ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य, जीविका दीदियाँ तथा ग्रामीण पुरुष-महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित की गई है।
गोष्ठियों के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:
अगलगी से बचाव हेतु जागरूकता फैलाना: गाँव-गाँव जाकर गोष्ठियों का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों को यह बताया गया कि सूखे मौसम में किस प्रकार के एहतियात बरत कर अगलगी की घटनाओं से बचा जा सकता है।
“क्या करें और क्या न करें” विषयक चर्चा: ग्रामीणों को सरल भाषा में यह बताया गया कि आग से बचाव हेतु किन सावधानियों को अपनाना चाहिए—जैसे खुले में आग न जलाना, बिजली उपकरणों का सुरक्षित प्रयोग, रसोई गैस का सतर्क उपयोग, तथा भूसा एवं अन्य ज्वलनशील पदार्थों को सुरक्षित स्थान पर रखना।
मवेशियों की सुरक्षा: पशुपालकों को जानकारी दी गई कि आग से मवेशियों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्हें पशुशाला में आग से सुरक्षा, प्राथमिक आग बुझाने के उपाय, तथा पानी की व्यवस्था जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।
प्रचार सामग्री का वितरण: उपस्थित जनप्रतिनिधियों, जीविका दीदियों एवं ग्रामीणों को अग्नि सुरक्षा से संबंधित पंपलेट, लिफलेट व पोस्टर आदि वितरित किए गए ताकि वे अपने-अपने गाँवों में अन्य लोगों को भी जागरूक कर सकें।
सूचना संप्रेषण हेतु व्हाट्सएप समूह: कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों को एक समर्पित व्हाट्सएप समूह से जोड़ा गया है, जिसमें नियमित रूप से अग्नि सुरक्षा से संबंधित जानकारी, दिशा-निर्देश एवं आपातकालीन संपर्क साझा किए जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु स्थानीय प्रशासन, पंचायत प्रतिनिधियों तथा सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा इसकी लगातार निगरानी की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जागरूकता कार्यक्रम का लाभ अधिकतम ग्रामीणों तक पहुँचे।
सभी पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीण नागरिकों से अपील है कि वे इस जागरूकता कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी करें और अपने गाँव को अग्निकांड जैसी आपदा से सुरक्षित रखने में सहयोग दें।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
निदेशक-सह-राज्य अग्निशमन पदाधिकारी के निर्देशानुसार, प्रत्येक वर्ष 14 से 20 अप्रैल तक “अग्निशमन सेवा सप्ताह” का आयोजन किया जाता है। इसका उद्देश्य नागरिकों को अग्निकांडों से बचाव तथा आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित एवं प्रभावी प्रतिक्रिया के लिए जागरूक करना है। इस वर्ष यह सप्ताह निदेशक-सह-राज्य अग्निशमन पदाधिकारी, बिहार, पटना के मार्गदर्शन में राज्य के सभी जिलों में मनाया जा रहा है।
इसी क्रम में किशनगंज जिले के कोचाधमन एवं बहादुरगंज प्रखंड, जो कि अग्नि प्रवण क्षेत्रों के रूप में चिन्हित हैं, में “अग्नि सुरक्षा जागरूकता कार्यक्रम” आयोजित किया जा रहा है। इन क्षेत्रों में हर वर्ष गर्मियों के मौसम में अगलगी की घटनाएँ बड़ी संख्या में सामने आती हैं, जिससे जनहानि, पशुहानि और संपत्ति का भारी नुकसान होता है। इन आपदाजनक घटनाओं की रोकथाम एवं उनके प्रति जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
यह कार्यक्रम ग्रामीण स्तर पर जनता की सक्रिय भागीदारी एवं सहयोग से संचालित किया जा रहा है। ग्राम पंचायत स्तर पर सरपंच, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य, जीविका दीदियाँ तथा ग्रामीण पुरुष-महिलाओं की सहभागिता सुनिश्चित की गई है।
गोष्ठियों के प्रमुख उद्देश्य इस प्रकार हैं:
अगलगी से बचाव हेतु जागरूकता फैलाना: गाँव-गाँव जाकर गोष्ठियों का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामीणों को यह बताया गया कि सूखे मौसम में किस प्रकार के एहतियात बरत कर अगलगी की घटनाओं से बचा जा सकता है।
“क्या करें और क्या न करें” विषयक चर्चा: ग्रामीणों को सरल भाषा में यह बताया गया कि आग से बचाव हेतु किन सावधानियों को अपनाना चाहिए—जैसे खुले में आग न जलाना, बिजली उपकरणों का सुरक्षित प्रयोग, रसोई गैस का सतर्क उपयोग, तथा भूसा एवं अन्य ज्वलनशील पदार्थों को सुरक्षित स्थान पर रखना।
मवेशियों की सुरक्षा: पशुपालकों को जानकारी दी गई कि आग से मवेशियों को कैसे सुरक्षित रखा जा सकता है। उन्हें पशुशाला में आग से सुरक्षा, प्राथमिक आग बुझाने के उपाय, तथा पानी की व्यवस्था जैसे विषयों पर प्रशिक्षित किया गया।
प्रचार सामग्री का वितरण: उपस्थित जनप्रतिनिधियों, जीविका दीदियों एवं ग्रामीणों को अग्नि सुरक्षा से संबंधित पंपलेट, लिफलेट व पोस्टर आदि वितरित किए गए ताकि वे अपने-अपने गाँवों में अन्य लोगों को भी जागरूक कर सकें।
सूचना संप्रेषण हेतु व्हाट्सएप समूह: कार्यक्रम में भाग लेने वाले सभी लोगों को एक समर्पित व्हाट्सएप समूह से जोड़ा गया है, जिसमें नियमित रूप से अग्नि सुरक्षा से संबंधित जानकारी, दिशा-निर्देश एवं आपातकालीन संपर्क साझा किए जा रहे हैं।
इस कार्यक्रम के सफल संचालन हेतु स्थानीय प्रशासन, पंचायत प्रतिनिधियों तथा सामाजिक संस्थाओं का सहयोग लिया जा रहा है। जिला प्रशासन द्वारा इसकी लगातार निगरानी की जा रही है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि जागरूकता कार्यक्रम का लाभ अधिकतम ग्रामीणों तक पहुँचे।
सभी पंचायत प्रतिनिधियों एवं ग्रामीण नागरिकों से अपील है कि वे इस जागरूकता कार्यक्रम में सक्रिय भागीदारी करें और अपने गाँव को अग्निकांड जैसी आपदा से सुरक्षित रखने में सहयोग दें।
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