स्वास्थ्य सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिले के सदर अस्पताल परिसर में आईडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) और एचएमपीवी (ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस) पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें जिले के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीएमएनई, और आशा फैसिलिटेटर्स ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य और सिविल सर्जन का बयान सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “आईडीएसपी और एचएमपीवी के प्रति जागरूकता फैलाना हमारी प्राथमिकता है। सही समय पर जानकारी और कार्रवाई से हम कई जीवन बचा सकते हैं।”
एचएमपीवी: एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती कार्यक्रम में उपस्थित एपिडेमियोलॉजिस्ट रीना प्रवीण और डब्लूएचओ के एसएमओ डॉ. प्रीतम घोष ने एचएमपीवी के लक्षणों और बचाव के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह वायरस विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए घातक हो सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और सिरदर्द शामिल हैं। डॉ. घोष ने कहा, “एचएमपीवी श्वसन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करता है। समय पर निदान और जागरूकता से इसकी रोकथाम संभव है।”
सर्पदंश और कुत्ते के काटने पर भी चर्चा कार्यक्रम में सर्पदंश (Snake Bite) और कुत्ते के काटने (Dog Bite) से बचाव और उपचार की विस्तृत जानकारी भी दी गई। आशा फैसिलिटेटर्स को प्राथमिक उपचार और जागरूकता फैलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
जिलाधिकारी और सिविल सर्जन के विचार सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में सहायक हैं। हमें हर स्तर पर सतर्क रहना होगा।” वहीं, जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा, “समुदाय में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे कार्यक्रम समाज को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।”
प्रतिभागियों ने महसूस किया कार्यक्रम का महत्व प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें आईडीएसपी और एचएमपीवी के साथ-साथ सर्पदंश और कुत्ते के काटने जैसी आपात स्थितियों से निपटने की उपयोगी जानकारी मिली। एक प्रतिभागी ने कहा, “अब हम अपने समुदाय में जागरूकता फैलाने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं।”
स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से समुदाय में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति तक जागरूकता पहुंचाना हमारा लक्ष्य है।” कार्यक्रम ने स्वास्थ्य कर्मियों को तैयार करने के साथ-साथ उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा भी दी।
स्वास्थ्य सुरक्षा और जागरूकता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
जिले के सदर अस्पताल परिसर में आईडीएसपी (इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम) और एचएमपीवी (ह्यूमन मेटाप्न्यूमोवायरस) पर जागरूकता बढ़ाने के उद्देश्य से एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इसमें जिले के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीएमएनई, और आशा फैसिलिटेटर्स ने भाग लिया।
कार्यक्रम का उद्देश्य और सिविल सर्जन का बयान सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “आईडीएसपी और एचएमपीवी के प्रति जागरूकता फैलाना हमारी प्राथमिकता है। सही समय पर जानकारी और कार्रवाई से हम कई जीवन बचा सकते हैं।”
एचएमपीवी: एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती कार्यक्रम में उपस्थित एपिडेमियोलॉजिस्ट रीना प्रवीण और डब्लूएचओ के एसएमओ डॉ. प्रीतम घोष ने एचएमपीवी के लक्षणों और बचाव के उपायों पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि यह वायरस विशेष रूप से बच्चों और बुजुर्गों के लिए घातक हो सकता है। इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, सांस लेने में कठिनाई और सिरदर्द शामिल हैं। डॉ. घोष ने कहा, “एचएमपीवी श्वसन तंत्र को बुरी तरह प्रभावित करता है। समय पर निदान और जागरूकता से इसकी रोकथाम संभव है।”
सर्पदंश और कुत्ते के काटने पर भी चर्चा कार्यक्रम में सर्पदंश (Snake Bite) और कुत्ते के काटने (Dog Bite) से बचाव और उपचार की विस्तृत जानकारी भी दी गई। आशा फैसिलिटेटर्स को प्राथमिक उपचार और जागरूकता फैलाने के लिए प्रशिक्षित किया गया।
जिलाधिकारी और सिविल सर्जन के विचार सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में सहायक हैं। हमें हर स्तर पर सतर्क रहना होगा।” वहीं, जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा, “समुदाय में स्वास्थ्य जागरूकता फैलाना अत्यंत आवश्यक है। ऐसे कार्यक्रम समाज को स्वस्थ और सुरक्षित बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।”
प्रतिभागियों ने महसूस किया कार्यक्रम का महत्व प्रशिक्षण में शामिल प्रतिभागियों ने कहा कि उन्हें आईडीएसपी और एचएमपीवी के साथ-साथ सर्पदंश और कुत्ते के काटने जैसी आपात स्थितियों से निपटने की उपयोगी जानकारी मिली। एक प्रतिभागी ने कहा, “अब हम अपने समुदाय में जागरूकता फैलाने के लिए बेहतर तरीके से तैयार हैं।”
स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम के माध्यम से समुदाय में स्वास्थ्य संबंधी जागरूकता फैलाने का प्रयास किया गया है। उन्होंने कहा, “हर व्यक्ति तक जागरूकता पहुंचाना हमारा लक्ष्य है।” कार्यक्रम ने स्वास्थ्य कर्मियों को तैयार करने के साथ-साथ उन्हें समाज में सकारात्मक बदलाव लाने की प्रेरणा भी दी।