किशनगंज दिगंबर जैन भवन में आचार्य पुष्पदंत महाराज के प्रभावक शिष्य आचार्य प्रमुख सागर जी महाराज के सानिध्य में पंचकल्याणक महामहोत्सव पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान विश्व में अराजकता का माहौल फैल रहा है, उसे लेकर भी विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। आचार्य श्री प्रमुख सागर जी महाराज ने बताया कि इस महापंचकल्याणक में गर्भ कल्याणक, जन्म कल्याणक, ज्ञान कल्याणक, तप कल्याणक और मोक्ष कल्याणक के रूप में मनाया जाता है। गर्भ कल्याणक उन्हीं भव्य आत्माओं का होता है जो पूर्व में साधना करके गर्व से नहीं, विनम्रता से जीते हैं, जो नर से नारायण, कंकर से शंकर, पशु से परमेश्वर आदि सभी में परमात्मा का दर्शन कर लेते हैं — वही परमात्मा के पथ पर चल सकते हैं। क्योंकि सभी में प्रकट रूप में किसी शक्ति रूप में परमात्मा विराजमान हैं।
जन्म कल्याणक सुख का समय व्यतीत होते ही देर नहीं लगती। तप कल्याणक में परिग्रह को छोड़कर पंचमुखी के क्लोज होता है। ठीक उसी तरह ज्ञान कल्याणक में तीर्थंकर भगवान प्रभु अपनी आत्मा की गहराई में पहुंच जाते हैं। सबसे पहले बंधन वाला और सबसे पहले टूटने वाला यही कर्म होता है। आचार्य श्री ने कहा कि इसी कर्म से जब आपका भाग्य उदय होता है तब आप पंचकल्याणक के पात्र बनते हैं और उनका दर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्व में मानव जाति आपस के भाईचारे को छोड़कर मानव जाति के प्रति हिंसा का वातावरण बना रही है। यह विश्व पर बड़े खतरे का संकेत है। लोग अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए परिवार, समाज, देश — यहां तक कि विश्व को भी अपना निशाना बना रहे हैं। इसके लिए बिहार की पावन धरती पर किशनगंज में विश्व शांति यज्ञ का आयोजन भी किया जा रहा है।
जैन समाज के अध्यक्ष त्रिलोकचंद जैन ने कहा कि किशनगंज समाज को आचार्य श्री प्रमुख सागर जी महाराज के निर्देशन में पंचकल्याणक और विश्व शांति यज्ञ में महाराज का सानिध्य मिल रहा है, यह गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि इस महामहोत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण आकर अपनी भाव-भक्ति से धर्म का लाभ ले रहे हैं। आयोजन सफल बनाने में समाज के सभी वर्गों का योगदान हो रहा है। इस धार्मिक कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठाचार्य कमलेश जी शास्त्री के निर्देशन में हो रहा है। आचार्य प्रमुख सागर जी के सत्संग के संचालक गुवाहाटी के सोगानी जी ने बताया कि महाराज संघ का आगामी कार्यक्रम कोलकाता की ओर है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज दिगंबर जैन भवन में आचार्य पुष्पदंत महाराज के प्रभावक शिष्य आचार्य प्रमुख सागर जी महाराज के सानिध्य में पंचकल्याणक महामहोत्सव पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जा रहा है। इस दौरान विश्व में अराजकता का माहौल फैल रहा है, उसे लेकर भी विश्व शांति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है। आचार्य श्री प्रमुख सागर जी महाराज ने बताया कि इस महापंचकल्याणक में गर्भ कल्याणक, जन्म कल्याणक, ज्ञान कल्याणक, तप कल्याणक और मोक्ष कल्याणक के रूप में मनाया जाता है। गर्भ कल्याणक उन्हीं भव्य आत्माओं का होता है जो पूर्व में साधना करके गर्व से नहीं, विनम्रता से जीते हैं, जो नर से नारायण, कंकर से शंकर, पशु से परमेश्वर आदि सभी में परमात्मा का दर्शन कर लेते हैं — वही परमात्मा के पथ पर चल सकते हैं। क्योंकि सभी में प्रकट रूप में किसी शक्ति रूप में परमात्मा विराजमान हैं।
जन्म कल्याणक सुख का समय व्यतीत होते ही देर नहीं लगती। तप कल्याणक में परिग्रह को छोड़कर पंचमुखी के क्लोज होता है। ठीक उसी तरह ज्ञान कल्याणक में तीर्थंकर भगवान प्रभु अपनी आत्मा की गहराई में पहुंच जाते हैं। सबसे पहले बंधन वाला और सबसे पहले टूटने वाला यही कर्म होता है। आचार्य श्री ने कहा कि इसी कर्म से जब आपका भाग्य उदय होता है तब आप पंचकल्याणक के पात्र बनते हैं और उनका दर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि आज विश्व में मानव जाति आपस के भाईचारे को छोड़कर मानव जाति के प्रति हिंसा का वातावरण बना रही है। यह विश्व पर बड़े खतरे का संकेत है। लोग अपनी स्वार्थ पूर्ति के लिए परिवार, समाज, देश — यहां तक कि विश्व को भी अपना निशाना बना रहे हैं। इसके लिए बिहार की पावन धरती पर किशनगंज में विश्व शांति यज्ञ का आयोजन भी किया जा रहा है।
जैन समाज के अध्यक्ष त्रिलोकचंद जैन ने कहा कि किशनगंज समाज को आचार्य श्री प्रमुख सागर जी महाराज के निर्देशन में पंचकल्याणक और विश्व शांति यज्ञ में महाराज का सानिध्य मिल रहा है, यह गर्व की बात है। उन्होंने बताया कि इस महामहोत्सव में बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्तगण आकर अपनी भाव-भक्ति से धर्म का लाभ ले रहे हैं। आयोजन सफल बनाने में समाज के सभी वर्गों का योगदान हो रहा है। इस धार्मिक कार्यक्रम का संचालन प्रतिष्ठाचार्य कमलेश जी शास्त्री के निर्देशन में हो रहा है। आचार्य प्रमुख सागर जी के सत्संग के संचालक गुवाहाटी के सोगानी जी ने बताया कि महाराज संघ का आगामी कार्यक्रम कोलकाता की ओर है।
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