सारस न्यूज, सिलीगुड़ी।
किशनगंज में करोड़ों रूपये के नकली लॉटरी जब्त
- कारोबारी अपने घर को इर्द गिर्द साफ सफाई कर किया आग के हवाले नकली टिकट
- व्हाट्सएप के माध्यम से भी खेलाया जा रहा नकली लॉटरी टिकट
सारस न्यूज में खबर चलने के बाद पटना – बरिया बस स्टैंड से किशनगंज में लाए जा रहे नकली लॉटरी को पुलिस ने गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी कर राज रथ बस और रांची की एक बस से कुल 18 पेटी बरामद की। जिसकी कीमत करीब करोड़ों रुपये अनुमानित की जा रही है। इस कार्रवाई में 4 से 5 लोगों का एक गिरोह शामिल था। जो खुद को आयकर विभाग का अधिकारी बताकर बस चालकों से रंगदारी वसूलने की कोशिश कर रहा था।
बताते चलें कि नकली लॉटरी के कारोबार सिंघयाजोत निवासी ने पुलिस के छापेमारी के डर से घर को इर्द गिर्द सफाई कर नकली लॉटरी को इकठ्ठा करके आग के हवाले कर दिया। इस सूत्रों के अनुसार आग में वो नकली लॉटरियां थी, जिसका खेला हो चुका था। ताकि पुलिस द्वारा छापेमारी करने पर नकली लॉटरी का कोई सुराग नहीं मिले। लेकिन वह अब कारोबार को ऑनलाइन चला रहे हैं। व्हाट्सएप के माध्यम से नकली लॉटरी का कारोबार चला रहे हैं। उक्त लॉटरी डीलर अपने एजेंट को व्हाट्सएप पर भेज देते हैं। व्हाट्सएप के माध्यम से भी आमलोगों को खेलाया जा रहा है। सूत्रों ने बताया किसी एजेंट को 2 हजार टिकट, किसी एजेंट 3 हजार, किसी को हजार टिकट करके हजारों नकली लाटरी बिक्री करवा रहे हैं। सूत्रों ने बताया भातगांव बार्डर पर प्रत्येक दिन उक्त डीलर नकली लाटरी 2 हजार टिकट बिक्री करवा रहे हैं।
गरीब हो रहे कंगाल, माफिया हो रहे मालामाल:
बंगाल से भेजी जा रही प्रतिबंधित लॉटरी अब ठाकुरगंज एवं आसपास के पंचायत व शहरी क्षेत्रों में खुलेआम बेची जा रही है। इस अवैध कारोबार ने समाज के गरीब और गरीब तबके लोगों को बर्बादी की कगार पर पहुंचा दिया है। सूत्रों के अनुसार, इस धंधे में संलिप्त लॉटरी माफिया पहले खुद आर्थिक रूप से कमजोर थे, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में नकली लॉटरी से अर्जित धन से उन्होंने करोड़ों की संपत्ति खड़ी कर ली है। इसमें से सिंघयाजोत में बड़े दो नकली लॉटरी कारोबारी में से एक ने करोड़ों रूपये की विशाल संपत्ति बना ली है, तो दूसरे ने जमीन खरीदकर बिल्डिंग खड़ा कर ली है। यह माफिया आज करोड़पति बन चुके हैं, जबकि लॉटरी खरीदने वाले दिहाड़ी मजदूर और गरीब लोग कर्ज में डूबते जा रहे हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि लॉटरी की यह लत दिन भर की कमाई को निगल रही है। अधिकतर ग्राहक वही लोग हैं जो रोजाना मजदूरी करते हैं और दो वक्त की रोटी के लिए संघर्ष कर रहे हैं। रातों-रात अमीर बनने का सपना दिखाकर इनकी मेहनत की कमाई लूटी जा रही है।
प्रशासन बना है मूकदर्शक:
चौंकाने वाली बात यह है कि यह अवैध कारोबार स्थानीय प्रशासन की नाक के नीचे फल-फूल रहा है, लेकिन अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। लोगों ने मांग की है कि लॉटरी माफियाओं पर सख्त कार्रवाई की जाए और इस गैरकानूनी धंधे को तुरंत बंद कराया जाए। यदि समय रहते इस पर रोक नहीं लगाई गई, तो यह लत और अधिक लोगों को आर्थिक तबाही की ओर ले जाएगी।
(भाग -5 कल, पढ़ते रहिए सारस न्यूज)