शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलवा में यहां की अव्यवस्थाओं को लेकर मरीजों ने जमकर हंगामा किया। सुबह से ही अस्पताल में भीड़ बढ़ने लगी थी, और जैसे ही मरीजों ने पर्ची कटवाकर डॉक्टर से परामर्श लिया, उन्हें कई तरह की जांच कराने के लिए कहा गया। जब मरीज जांच करवाने के लिए लैब गए तो वहां कोई लैब टेक्नीशियन मौजूद नहीं था। लगभग एक से डेढ़ घंटे इंतजार करने के बाद भी कोई नहीं आया।
मरीजों ने जब अस्पताल प्रभारी डॉ. तमशील अहमद अंसारी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि लैब टेक्नीशियन आज छुट्टी पर है। इस पर मरीजों ने सवाल उठाया कि यदि लैब टेक्नीशियन छुट्टी पर हैं तो डॉक्टरों द्वारा जांच क्यों लिखी जा रही है। कुछ मरीजों ने आरोप लगाया कि अक्सर लैब टेक्नीशियन को अनुपस्थित रखा जाता है ताकि लोग मजबूरी में बाहर से निजी जगहों पर जाकर जांच करवाएं।
मरीजों के हंगामे को देखते हुए अस्पताल प्रभारी ने आनन-फानन में एक स्टाफ को जांच के लिए नियुक्त किया। जानकारी के अनुसार, जिस कर्मी को जांच के कार्य में लगाया गया, वह गाछपाड़ा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) में सीएचओ के पद पर कार्यरत राकेश बर्मन हैं। पूछताछ के दौरान पता चला कि गाछपाड़ा एचडब्ल्यूसी को बंद कर उन्हें यहाँ बुलाया गया था, जिससे गाछपाड़ा के मरीजों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
जांच के इंतजार में बैठे मरीजों ने अस्पताल की शौचालय की अत्यंत खराब स्थिति की भी शिकायत की। उन्होंने बताया कि शौचालय में चारों ओर गंदगी फैली हुई है, और वहां शौच करना तो दूर, खड़ा रहना भी मुश्किल है। महिला मरीजों को अस्पताल में विशेष रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
वहीं, बेलवा के मुखिया, सरपंच, और पंचायत समिति के सदस्यों ने बताया कि जब से डॉ. तमशील अहमद अंसारी को नए प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है, तब से स्वास्थ्य केंद्र में कई शिकायतें आ रही हैं। अस्पताल का संचालन ठीक से नहीं हो रहा है। पिछले एक साल में सिर्फ एक बार ही रोगी कल्याण समिति की बैठक हुई है, और इस वर्ष अभी तक एक बार भी बैठक नहीं की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रभारी डॉक्टर अक्सर मनमानी करते हैं, जिससे स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति और खराब हो रही है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
शुक्रवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेलवा में यहां की अव्यवस्थाओं को लेकर मरीजों ने जमकर हंगामा किया। सुबह से ही अस्पताल में भीड़ बढ़ने लगी थी, और जैसे ही मरीजों ने पर्ची कटवाकर डॉक्टर से परामर्श लिया, उन्हें कई तरह की जांच कराने के लिए कहा गया। जब मरीज जांच करवाने के लिए लैब गए तो वहां कोई लैब टेक्नीशियन मौजूद नहीं था। लगभग एक से डेढ़ घंटे इंतजार करने के बाद भी कोई नहीं आया।
मरीजों ने जब अस्पताल प्रभारी डॉ. तमशील अहमद अंसारी से इस बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि लैब टेक्नीशियन आज छुट्टी पर है। इस पर मरीजों ने सवाल उठाया कि यदि लैब टेक्नीशियन छुट्टी पर हैं तो डॉक्टरों द्वारा जांच क्यों लिखी जा रही है। कुछ मरीजों ने आरोप लगाया कि अक्सर लैब टेक्नीशियन को अनुपस्थित रखा जाता है ताकि लोग मजबूरी में बाहर से निजी जगहों पर जाकर जांच करवाएं।
मरीजों के हंगामे को देखते हुए अस्पताल प्रभारी ने आनन-फानन में एक स्टाफ को जांच के लिए नियुक्त किया। जानकारी के अनुसार, जिस कर्मी को जांच के कार्य में लगाया गया, वह गाछपाड़ा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) में सीएचओ के पद पर कार्यरत राकेश बर्मन हैं। पूछताछ के दौरान पता चला कि गाछपाड़ा एचडब्ल्यूसी को बंद कर उन्हें यहाँ बुलाया गया था, जिससे गाछपाड़ा के मरीजों को भी काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा।
जांच के इंतजार में बैठे मरीजों ने अस्पताल की शौचालय की अत्यंत खराब स्थिति की भी शिकायत की। उन्होंने बताया कि शौचालय में चारों ओर गंदगी फैली हुई है, और वहां शौच करना तो दूर, खड़ा रहना भी मुश्किल है। महिला मरीजों को अस्पताल में विशेष रूप से समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
वहीं, बेलवा के मुखिया, सरपंच, और पंचायत समिति के सदस्यों ने बताया कि जब से डॉ. तमशील अहमद अंसारी को नए प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया है, तब से स्वास्थ्य केंद्र में कई शिकायतें आ रही हैं। अस्पताल का संचालन ठीक से नहीं हो रहा है। पिछले एक साल में सिर्फ एक बार ही रोगी कल्याण समिति की बैठक हुई है, और इस वर्ष अभी तक एक बार भी बैठक नहीं की गई है। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रभारी डॉक्टर अक्सर मनमानी करते हैं, जिससे स्वास्थ्य केंद्र की स्थिति और खराब हो रही है।
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