एसडीएम अनिकेत कुमार की अध्यक्षता में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें शहर के प्रबुद्ध नागरिकों और पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में एसडीएम ने कहा कि नवरात्र शुरू होते ही लोग माता की भक्ति में लीन हो जाते हैं और पूजा पंडालों में भीड़ जुटने लगती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार भी दुर्गा पूजा शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न होगी, जैसा कि पूर्व वर्षों में होता आया है।
एसडीएम ने बताया कि पूजा को लेकर मंदिर समिति के लोगों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
एसडीपीओ गौतम कुमार ने कहा कि पर्व के दौरान भीड़भाड़ वाले स्थानों पर प्रवेश और निकासी के लिए अलग-अलग द्वार बनाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
बैठक में यह भी तय किया गया कि विसर्जन जुलूस केवल निर्धारित रूट से ही निकाला जाएगा। पूजा समितियों को लाइसेंस में उस रूट का स्पष्ट उल्लेख करना होगा। साथ ही साफ-सफाई और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। भीड़ वाले पंडालों तक पहुँचने के लिए किस रूट पर गाड़ियों का आवागमन होगा और किस रूट पर प्रतिबंध रहेगा, इस पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में विभिन्न पूजा समितियों के अध्यक्ष एवं सचिव भी मौजूद थे, जिन्होंने अपने सुझाव दिए। एसडीएम ने निर्देश दिया कि सभी पूजा समितियों को अपने पंडालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और सुरक्षा के अन्य उपाय भी सुनिश्चित करने होंगे। इसके अलावा, डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा तथा अश्लील गीतों का उपयोग बिल्कुल नहीं किया जाएगा।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
एसडीएम अनिकेत कुमार की अध्यक्षता में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें शहर के प्रबुद्ध नागरिकों और पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।
बैठक में एसडीएम ने कहा कि नवरात्र शुरू होते ही लोग माता की भक्ति में लीन हो जाते हैं और पूजा पंडालों में भीड़ जुटने लगती है। उन्होंने उम्मीद जताई कि इस बार भी दुर्गा पूजा शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न होगी, जैसा कि पूर्व वर्षों में होता आया है।
एसडीएम ने बताया कि पूजा को लेकर मंदिर समिति के लोगों को लाइसेंस लेना अनिवार्य होगा। सुरक्षा व्यवस्था के लिए मजिस्ट्रेट के साथ पुलिस पदाधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की जाएगी।
एसडीपीओ गौतम कुमार ने कहा कि पर्व के दौरान भीड़भाड़ वाले स्थानों पर प्रवेश और निकासी के लिए अलग-अलग द्वार बनाए जाएंगे, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की परेशानी न हो।
बैठक में यह भी तय किया गया कि विसर्जन जुलूस केवल निर्धारित रूट से ही निकाला जाएगा। पूजा समितियों को लाइसेंस में उस रूट का स्पष्ट उल्लेख करना होगा। साथ ही साफ-सफाई और ट्रैफिक व्यवस्था को लेकर भी विस्तार से चर्चा हुई। भीड़ वाले पंडालों तक पहुँचने के लिए किस रूट पर गाड़ियों का आवागमन होगा और किस रूट पर प्रतिबंध रहेगा, इस पर भी विचार-विमर्श किया गया।
बैठक में विभिन्न पूजा समितियों के अध्यक्ष एवं सचिव भी मौजूद थे, जिन्होंने अपने सुझाव दिए। एसडीएम ने निर्देश दिया कि सभी पूजा समितियों को अपने पंडालों में सीसीटीवी कैमरे लगाने होंगे और सुरक्षा के अन्य उपाय भी सुनिश्चित करने होंगे। इसके अलावा, डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा तथा अश्लील गीतों का उपयोग बिल्कुल नहीं किया जाएगा।
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