सारस न्यूज़, राहुल कुमार, किशनगंज।
जिले के 70 प्रतिशत आबादी को अपने गंतब्य तक पहुंचाने वाले महानंदा पूल (मौजाबाड़ी घाट) पर आये दिन लग रहे भयंकर जाम से जहां आवागमन प्रभावित हो रहा है वहीं बीमार और लाचार भी इस जाम को झेलने को विवश है। शनिवार दोपहर एक से तीन बजे के बीच लगे इस भयंकर जाम ने कइयों को रुला दिया। कई और बीमार भी इस जाम में कराहते दिखे तो राहगीर परेशान स्थिति ऐसी थी कि पुल के दोनों तरफ 04 किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतारें लग गयी। काफी मशक्कत और पुरजोर कोशिश के बाद भी जाम हटने में काफी वक्त लगा। पूल से जाम हटा आवागमन सुचारू रूप से शुरू हो पाया। लेकिन घंटों जाम में फंसे लोगों का जीना मुहाल हो गया। बतातें चले कि जिले के पांच प्रखंडों की करीब 12 लाख आबादी को जिला मुख्यालय से जोड़ने के लिए यही एक मात्र पूल है। पुल पर जाम लगने की स्थिति में इन प्रखंडों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूरी तरह बाधित हो जाता है। शनिवार के जाम में भी कई एम्बुलेंस जाम में फंसी रही। ओवरलोड ट्रकों की आवाजाही से इस सड़क पर इतना ज्यादा ट्रैफिक हो गया है कि दिन भर देर संध्या तक इस रोड पर जाम की स्थिति बनी रहती है। जिले के पांच प्रखंडों के लोगों की यात्रा थकाऊ और उबाऊ बन गया है। 25 किलोमीटर के सफर में कई घंटे लग रहे है। स्थानीय लोगों की मानें तो चालकों का यातायात नियमों से कोई सरोकार नहीं वे जब चाहे मनमाने ढंग से सामान लोड कर गंतव्य की ओर रवाना हो जाते हैं। इससे दुर्घटना की आशंका बनी रहती है। ओवरलोड वाहनों के दौड़ने से सड़कों की सेहत खराब हाने के साथ ही इन वाहनों पर चलने वाले चालक -परिचालकों की जान पर भी खतरा मंडराता रहता है.कई बार खराब सड़क होने की वजह से ट्रक पलट जाते हैं। आलम यह है कि स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार शिकायत करने पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है।