माहवारी स्वच्छता प्रबंधन और जागरूकता को लेकर पोठिया प्रखण्ड के दामलबारी पंचायत स्थित इलहाम एकेडमी में चल रहे दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस कार्यशाला में अगल-बगल के गाँव की तकरीबन 120 लड़कियों ने भाग लिया और माहवारी के प्रति जागरूक हुईं। उक्त कार्यशाला में रिपल्स ऑफ होप संस्था की ओर से आई सोनम कुमारी व गांधी फेलो अंजली के द्वारा लड़कियों के बीच माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर विस्तार से बात चीत की गई एवं इससे जुड़ी कई अहम बातें बताई गई। उक्त कार्यशाला को आयोजित करने एवं इसे सफल करने में सीमांचल लाइब्रेरी फाउंडेशन के संस्थापक साकिब अहमद की भूमिका रही। रिपल्स ऑफ होप की सोनम कुमारी बताती हैं की लड़कियों को माहवारी आने से पहले इस प्रक्रिया के बारे में पता ही नहीं होता, क्योंकि इस बारे में बात करना अच्छा नहीं माना जाता। यही वजह है कि मुश्किलों से भरे इन चार-पांच दिनों में उनकी बुनियादी जरूरत को पूरा करने पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण परिवेश और बस्तियों में रहने वाली किशोरियों के साथ होती है। हम लोग बस्तियों और ग्रामीण इलाकों में किशोरियों और महिलाओं में माहवारी के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूकता को लेकर इस तरह की कार्यशाला का आयोजन करते हैं, ताकि सही समय में लड़कियों को सही जानकारी मिल सके और उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो। वहीं गांधी फेलो अंजली ने कहा कि इस आधुनिक युग मे अब भी अधिकांश किशोरियां व महिलाएं माहवारी से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूक नहीं हैं। हमारी पूरी कोशिश रहती है कि जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से समाज के बीच मासिक धर्म से संबंधित गलत अवधारणाओं को दूर करें, महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी सही जानकारी दें। यह बात सही है कि पहले के मुकाबले महिलाएं और समाज के अन्य लोग काफी जागरूक हुए हैं, लेकिन इसकी संख्या आज भी कम है। ग्रामीण इलाकों में हालात आज भी काफी खराब हैं। वहीं इस कार्यशाला के सफल संचालन पर इलहाम एकेडमी के निर्देशक शाह फैसल ने कहा कि हम गौरवान्वित हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह की कार्यशाला का आयोजन पहली बार हमारे एकेडमी में हुआ है। हम उन तमाम अभिभावकों का भी शुक्रगुज़ार हैं जिन्होंने रूढ़िवादी सोच को कुचल कर अपनी-अपनी बच्चियों को बढ़-चढ़कर इस कार्यशाला में भेजने की हिम्मत जुटाई। हम उन तमाम विद्यार्थियों(लड़कियों) के ज़ज्बों को सलाम करते हैं जिन्होंने सामाजिक बेड़ियों की चिंता किए बिना, नए तरह की परिदृश्य में आकर चीजें सीखने की कोशिश की।इलहाम एकेडमी आगामी दिनों में भी संस्थागत सहयोग से सामाजिक बदलाव और जागरूकता आधारित कार्यक्रम करती रहेगी। वहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आइशा बेगम, दुलाली कुमारी, सुमन कुमारी, खुशी, रहनुमा, रिज़वाना खातुन, मेहवीश, नीलम और नुजहत आदि ने भरपूर सहयोग किया।
सारस न्यूज, पोठिया (किशनगंज)।
माहवारी स्वच्छता प्रबंधन और जागरूकता को लेकर पोठिया प्रखण्ड के दामलबारी पंचायत स्थित इलहाम एकेडमी में चल रहे दो दिवसीय कार्यशाला का सफलतापूर्वक समापन हुआ। इस कार्यशाला में अगल-बगल के गाँव की तकरीबन 120 लड़कियों ने भाग लिया और माहवारी के प्रति जागरूक हुईं। उक्त कार्यशाला में रिपल्स ऑफ होप संस्था की ओर से आई सोनम कुमारी व गांधी फेलो अंजली के द्वारा लड़कियों के बीच माहवारी स्वच्छता प्रबंधन को लेकर विस्तार से बात चीत की गई एवं इससे जुड़ी कई अहम बातें बताई गई। उक्त कार्यशाला को आयोजित करने एवं इसे सफल करने में सीमांचल लाइब्रेरी फाउंडेशन के संस्थापक साकिब अहमद की भूमिका रही। रिपल्स ऑफ होप की सोनम कुमारी बताती हैं की लड़कियों को माहवारी आने से पहले इस प्रक्रिया के बारे में पता ही नहीं होता, क्योंकि इस बारे में बात करना अच्छा नहीं माना जाता। यही वजह है कि मुश्किलों से भरे इन चार-पांच दिनों में उनकी बुनियादी जरूरत को पूरा करने पर भी ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। सबसे ज्यादा दिक्कत ग्रामीण परिवेश और बस्तियों में रहने वाली किशोरियों के साथ होती है। हम लोग बस्तियों और ग्रामीण इलाकों में किशोरियों और महिलाओं में माहवारी के दौरान स्वच्छता के प्रति जागरूकता को लेकर इस तरह की कार्यशाला का आयोजन करते हैं, ताकि सही समय में लड़कियों को सही जानकारी मिल सके और उन्हें भविष्य में किसी प्रकार की कोई समस्या ना हो। वहीं गांधी फेलो अंजली ने कहा कि इस आधुनिक युग मे अब भी अधिकांश किशोरियां व महिलाएं माहवारी से जुड़ी बीमारियों के प्रति जागरूक नहीं हैं। हमारी पूरी कोशिश रहती है कि जागरूकता कार्यक्रम के माध्यम से समाज के बीच मासिक धर्म से संबंधित गलत अवधारणाओं को दूर करें, महिलाओं और किशोरियों को माहवारी प्रबंधन संबंधी सही जानकारी दें। यह बात सही है कि पहले के मुकाबले महिलाएं और समाज के अन्य लोग काफी जागरूक हुए हैं, लेकिन इसकी संख्या आज भी कम है। ग्रामीण इलाकों में हालात आज भी काफी खराब हैं। वहीं इस कार्यशाला के सफल संचालन पर इलहाम एकेडमी के निर्देशक शाह फैसल ने कहा कि हम गौरवान्वित हैं कि ग्रामीण क्षेत्र में इस तरह की कार्यशाला का आयोजन पहली बार हमारे एकेडमी में हुआ है। हम उन तमाम अभिभावकों का भी शुक्रगुज़ार हैं जिन्होंने रूढ़िवादी सोच को कुचल कर अपनी-अपनी बच्चियों को बढ़-चढ़कर इस कार्यशाला में भेजने की हिम्मत जुटाई। हम उन तमाम विद्यार्थियों(लड़कियों) के ज़ज्बों को सलाम करते हैं जिन्होंने सामाजिक बेड़ियों की चिंता किए बिना, नए तरह की परिदृश्य में आकर चीजें सीखने की कोशिश की।इलहाम एकेडमी आगामी दिनों में भी संस्थागत सहयोग से सामाजिक बदलाव और जागरूकता आधारित कार्यक्रम करती रहेगी। वहीं इस कार्यक्रम को सफल बनाने में आइशा बेगम, दुलाली कुमारी, सुमन कुमारी, खुशी, रहनुमा, रिज़वाना खातुन, मेहवीश, नीलम और नुजहत आदि ने भरपूर सहयोग किया।
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