कोवाबाड़ी गांव में आयोजित तीन दिवसीय अखंड हरिनाम संकीर्तन का समापन शनिवार दोपहर को श्रद्धा और उल्लास के वातावरण में हुआ। बीते बुधवार से लगातार 72 घंटे तक चले इस धार्मिक आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालु महिलाओं और पुरुषों ने भक्ति में लीन होकर कीर्तन-भजन में भाग लिया।
समापन समारोह के दौरान नगर भ्रमण करते हुए श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर भक्तिभाव के साथ राधा-कृष्ण समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का विसर्जन किया। मंत्रोच्चारों के बीच प्रतिमाएं कोवाबाड़ी की पावन महानंदा नदी में विसर्जित की गईं।
इस अवसर पर अष्टयाम कमिटी के राज कुमार बसाक, जगरनाथ बसाक, सुरेश शर्मा, राजेश बारोई, चितरंजन बसाक, राज कुमार शर्मा सहित कई प्रमुख सदस्य सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि कोवाबाड़ी में हर वर्ष निर्धारित तिथि पर यह अखंड संकीर्तन का आयोजन होता है, जो गांव की आस्था और परंपरा का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
कोवाबाड़ी गांव में आयोजित तीन दिवसीय अखंड हरिनाम संकीर्तन का समापन शनिवार दोपहर को श्रद्धा और उल्लास के वातावरण में हुआ। बीते बुधवार से लगातार 72 घंटे तक चले इस धार्मिक आयोजन में सैकड़ों श्रद्धालु महिलाओं और पुरुषों ने भक्ति में लीन होकर कीर्तन-भजन में भाग लिया।
समापन समारोह के दौरान नगर भ्रमण करते हुए श्रद्धालुओं ने एक-दूसरे को अबीर-गुलाल लगाकर भक्तिभाव के साथ राधा-कृष्ण समेत अन्य देवी-देवताओं की प्रतिमाओं का विसर्जन किया। मंत्रोच्चारों के बीच प्रतिमाएं कोवाबाड़ी की पावन महानंदा नदी में विसर्जित की गईं।
इस अवसर पर अष्टयाम कमिटी के राज कुमार बसाक, जगरनाथ बसाक, सुरेश शर्मा, राजेश बारोई, चितरंजन बसाक, राज कुमार शर्मा सहित कई प्रमुख सदस्य सक्रिय रूप से उपस्थित रहे।
गौरतलब है कि कोवाबाड़ी में हर वर्ष निर्धारित तिथि पर यह अखंड संकीर्तन का आयोजन होता है, जो गांव की आस्था और परंपरा का अभिन्न हिस्सा बन चुका है।
Leave a Reply