पोठिया प्रखंड के मिर्जापुर पंचायत में स्थित कटहलडांगी प्राथमिक विद्यालय अब डोंक नदी के लगातार बढ़ते कटाव की सीमा पर खड़ा है। विशेषज्ञों और ग्रामीणों की चेतावनी है कि यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो निकट भविष्य में यह विद्यालय नदी की तेज धार में बह सकता है।
स्थानीय मुखिया बरियार मरांडी ने बताया कि दो साल पहले इसी स्थान पर एक दुखद घटना हुई थी। स्कूल के रसोइया के रिश्तेदार का बच्चा नदी में बह गया था, जिसे बाद में ग्रामीणों और गोताखोरों ने धोबीडंगा डोंक नदी से बरामद किया। उन्होंने कहा कि यह घटना सभी के लिए चेतावनी है कि विद्यालय के आसपास सुरक्षित बचाव और कड़ी निगरानी की आवश्यकता है।
ग्रामीणों का कहना है कि कटहलडांगी विद्यालय के इस स्थिति में बने रहना उनके बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो प्राकृतिक आपदा के कारण बड़ा हादसा होने की संभावना है। स्थानीय प्रशासन ने मौके का जायजा लेने और उचित संरक्षण उपाय शुरू करने की बात कही है, ताकि नदी के कटाव से विद्यालय और बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि नदी किनारे बने इस तरह के संवेदनशील ढांचे के लिए मिट्टी की मजबूती बढ़ाने और नदी के बहाव को नियंत्रित करने के लिए स्थायी उपाय किए जाएँ। वहीं, पंचायत स्तर पर ग्रामीणों को जागरूक करने और बचाव की तैयारी रखने का भी निर्देश दिया गया है।
सारस न्यूज, वेब डेस्क।
पोठिया प्रखंड के मिर्जापुर पंचायत में स्थित कटहलडांगी प्राथमिक विद्यालय अब डोंक नदी के लगातार बढ़ते कटाव की सीमा पर खड़ा है। विशेषज्ञों और ग्रामीणों की चेतावनी है कि यदि समय रहते इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो निकट भविष्य में यह विद्यालय नदी की तेज धार में बह सकता है।
स्थानीय मुखिया बरियार मरांडी ने बताया कि दो साल पहले इसी स्थान पर एक दुखद घटना हुई थी। स्कूल के रसोइया के रिश्तेदार का बच्चा नदी में बह गया था, जिसे बाद में ग्रामीणों और गोताखोरों ने धोबीडंगा डोंक नदी से बरामद किया। उन्होंने कहा कि यह घटना सभी के लिए चेतावनी है कि विद्यालय के आसपास सुरक्षित बचाव और कड़ी निगरानी की आवश्यकता है।
ग्रामीणों का कहना है कि कटहलडांगी विद्यालय के इस स्थिति में बने रहना उनके बच्चों की सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। यदि प्रशासन ने जल्द कार्रवाई नहीं की, तो प्राकृतिक आपदा के कारण बड़ा हादसा होने की संभावना है। स्थानीय प्रशासन ने मौके का जायजा लेने और उचित संरक्षण उपाय शुरू करने की बात कही है, ताकि नदी के कटाव से विद्यालय और बच्चों को सुरक्षित रखा जा सके।
विशेषज्ञों का सुझाव है कि नदी किनारे बने इस तरह के संवेदनशील ढांचे के लिए मिट्टी की मजबूती बढ़ाने और नदी के बहाव को नियंत्रित करने के लिए स्थायी उपाय किए जाएँ। वहीं, पंचायत स्तर पर ग्रामीणों को जागरूक करने और बचाव की तैयारी रखने का भी निर्देश दिया गया है।
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