जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने वैशाली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वृद्धावस्था पेंशन में हाल ही में की गई बढ़ोतरी सरकार की मजबूरी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमारी लगातार आवाज और जन समर्थन के दबाव में सरकार ने 400 रुपये की पेंशन को बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया है। अगर नवंबर में जन सुराज की सरकार बनती है, तो इसे 2000 रुपये प्रतिमाह कर दिया जाएगा।
उन्होंने इसे लोकतंत्र की जीत बताया और कहा कि जन सुराज के उभरने से अन्य राजनीतिक दलों को अब जवाबदेह होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के पास पहले कोई विकल्प नहीं था, इसलिए राजनीतिक बंधुआगिरी चल रही थी। अब जनता विकल्प चाहती है और जन सुराज वही विकल्प बनकर उभर रहा है।
प्रशांत किशोर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि दिलीप जायसवाल पहले यह स्पष्ट करें कि वे जिस कॉलेज में क्लर्क थे, उसके मालिक कैसे बन गए? और यह भी बताएं कि उस कॉलेज से कितने नेताओं के परिजनों ने मेडिकल की पढ़ाई की है?
उन्होंने यह भी चुनौती दी कि अगर उनके खिलाफ लगाए गए आरोप सही हैं, तो साइबर विशेषज्ञों की टीम से जांच करवाई जाए। किशोर ने आरोप लगाया कि जायसवाल को फेसबुक ग्रुप और पेज में भी अंतर नहीं पता, फिर भी वे आरोप लगाने में लगे हैं।
प्रशांत किशोर ने परिवारवाद पर तीखा प्रहार करते हुए राष्ट्रीय स्तर के नेताओं पर हमला बोला। उन्होंने कहा, अगर लालू यादव, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी में हिम्मत है, तो अपने परिवार से बाहर, अपने समाज के किसी योग्य व्यक्ति को पार्टी का नेता बनाकर दिखाएं।
उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता जाति के नाम पर राजनीति करते हैं, लेकिन असल में सिर्फ अपने परिवार की चिंता करते हैं। लालू यादव को यादव समाज से ज्यादा तेजस्वी की चिंता है, चिराग को पासवान समाज से ज्यादा खुद की चिंता है और मांझी भी सिर्फ अपने परिवार को आगे बढ़ा रहे हैं।
सारस न्यूज, किशनगंज।
जन सुराज अभियान के संयोजक प्रशांत किशोर ने वैशाली में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि वृद्धावस्था पेंशन में हाल ही में की गई बढ़ोतरी सरकार की मजबूरी का परिणाम है। उन्होंने कहा कि हमारी लगातार आवाज और जन समर्थन के दबाव में सरकार ने 400 रुपये की पेंशन को बढ़ाकर 1100 रुपये कर दिया है। अगर नवंबर में जन सुराज की सरकार बनती है, तो इसे 2000 रुपये प्रतिमाह कर दिया जाएगा।
उन्होंने इसे लोकतंत्र की जीत बताया और कहा कि जन सुराज के उभरने से अन्य राजनीतिक दलों को अब जवाबदेह होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि लोगों के पास पहले कोई विकल्प नहीं था, इसलिए राजनीतिक बंधुआगिरी चल रही थी। अब जनता विकल्प चाहती है और जन सुराज वही विकल्प बनकर उभर रहा है।
प्रशांत किशोर ने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल पर भी करारा प्रहार किया। उन्होंने सवाल उठाया कि दिलीप जायसवाल पहले यह स्पष्ट करें कि वे जिस कॉलेज में क्लर्क थे, उसके मालिक कैसे बन गए? और यह भी बताएं कि उस कॉलेज से कितने नेताओं के परिजनों ने मेडिकल की पढ़ाई की है?
उन्होंने यह भी चुनौती दी कि अगर उनके खिलाफ लगाए गए आरोप सही हैं, तो साइबर विशेषज्ञों की टीम से जांच करवाई जाए। किशोर ने आरोप लगाया कि जायसवाल को फेसबुक ग्रुप और पेज में भी अंतर नहीं पता, फिर भी वे आरोप लगाने में लगे हैं।
प्रशांत किशोर ने परिवारवाद पर तीखा प्रहार करते हुए राष्ट्रीय स्तर के नेताओं पर हमला बोला। उन्होंने कहा, अगर लालू यादव, चिराग पासवान और जीतन राम मांझी में हिम्मत है, तो अपने परिवार से बाहर, अपने समाज के किसी योग्य व्यक्ति को पार्टी का नेता बनाकर दिखाएं।
उन्होंने आरोप लगाया कि ये नेता जाति के नाम पर राजनीति करते हैं, लेकिन असल में सिर्फ अपने परिवार की चिंता करते हैं। लालू यादव को यादव समाज से ज्यादा तेजस्वी की चिंता है, चिराग को पासवान समाज से ज्यादा खुद की चिंता है और मांझी भी सिर्फ अपने परिवार को आगे बढ़ा रहे हैं।
Leave a Reply