राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने के लिए जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं। इस दिशा में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा कई विशेष कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन की ओर से स्वास्थ्य योजनाओं की समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसकी अध्यक्षता जिलाधिकारी श्री विशाल राज ने की। बैठक में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मियों की उपस्थिति में स्वास्थ्य सेवाओं की समीक्षा की गई और आगामी योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया।
सभी स्वास्थ्य कर्मियों को शत-प्रतिशत कार्य करने की आवश्यकता
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले के हर गर्भवती महिला को सुरक्षित प्रसव की सुविधा प्रदान करना प्रशासन की प्राथमिकता है। इसके लिए स्वास्थ्य कर्मियों का शत-प्रतिशत प्रयास और प्रशिक्षित होना आवश्यक है ताकि ग्रामीण इलाकों में भी महिलाओं को समय पर चिकित्सा सेवाएं प्राप्त हो सकें। प्रसव केंद्रों में बेहतर सेवाओं के लिए टॉयलेट, टॉयज रूम और फिक्स रोस्टर का निर्माण जल्द किया जाएगा। इसके साथ ही, अस्पतालों में ओपीडी सेवाओं को भी प्रभावी बनाने का निर्देश दिया गया।
गृह प्रसव से मुक्त करने का आदेश
बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने जिले के सभी पंचायतों को गृह प्रसव से मुक्त करने का आदेश दिया। इस पहल का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षित प्रसव को बढ़ावा देना और मातृ मृत्यु दर को कम करना है। बहादुरगंज, दिघलबैंक, और तेधागाछ प्रखंडों में गृह प्रसव की उच्च दर को देखते हुए यह कदम उठाया गया। आशा कार्यकर्ता और एएनएम कर्मियों की मदद से ग्रामीण महिलाओं के प्रसव की स्थिति पर नजर रखी जाएगी।
स्वास्थ्य सुविधाओं की नियमित निगरानी
जिलाधिकारी ने स्वास्थ्य संस्थानों की सेवाओं को नियमित रूप से जांचने के निर्देश दिए और कहा कि यदि कोई कर्मी अपने कर्तव्यों का पालन नहीं करता है, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बैठक में सिविल सर्जन, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे, जिन्होंने जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए।