“स्वस्थ समाज की दिशा में एक कदम – टीकाकरण कराएं, बीमारियों से बचाएं।”
किशनगंज में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और व्यापक बनाने के लिए नियमित टीकाकरण अभियान को नई गति मिली है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के तहत अब तक जिले में 96% लक्ष्य हासिल कर लिया गया है, जबकि टेढ़ागाछ प्रखंड में यह आंकड़ा 90% तक पहुंचा है। अभियान को और अधिक सफल बनाने और शेष लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए सोमवार को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद कुमार की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई और आगामी तीन महीनों में 100% टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
नियमित टीकाकरण – बच्चों और माताओं की सुरक्षा का कवच
टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोलियो, खसरा, डिप्थीरिया, टेटनस और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है। बैठक में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद कुमार ने कहा, “स्वस्थ बच्चे ही स्वस्थ समाज की नींव हैं। टीकाकरण न केवल बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में भी सहायक है।” उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे टीकाकरण अभियान में सक्रिय भागीदारी करें और स्वास्थ्य कर्मियों का पूरा सहयोग करें।
स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा और नई योजनाएं
समीक्षा बैठक में सीएचओ, एएनएम, आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। बैठक में निम्नलिखित स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी विशेष चर्चा हुई:
टीबी उन्मूलन अभियान: क्षय रोग की पहचान और उपचार के लिए तेज़ी से कार्रवाई।
एनसीडी स्क्रीनिंग: मधुमेह, हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के लिए विशेष शिविर।
परिवार नियोजन कार्यक्रम: जनसंख्या नियंत्रण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रयास।
आयुष्मान भारत कार्ड: जरूरतमंद परिवारों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिलाने में तेजी।
गृह प्रसव मुक्त पंचायत: जटिलताओं से बचने और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक जागरूकता।
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल आंकड़े हासिल करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चा और हर महिला स्वस्थ रहे।”
मिशन 100% टीकाकरण – घर-घर दस्तक अभियान
अगले तीन महीनों में 100% टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक योजना बनाई है। आशा कार्यकर्ता और एएनएम घर-घर जाकर टीकाकरण से छूटे लाभार्थियों की पहचान करेंगी और उन्हें प्रेरित करेंगी। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में टीकाकरण सत्र आयोजित करने के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग की टीम हर लाभार्थी तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी बच्चा या महिला टीकाकरण से वंचित नहीं रहेगी।”
जागरूकता अभियान से बढ़ेगी भागीदारी
जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण के महत्व पर जोर देने के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता सत्र और स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य आमजन को टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व से अवगत कराना है।
अभिभावकों से अपील – “टीकाकरण में सहयोग करें”
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सभी अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे इस अभियान में सहयोग करें। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद कुमार ने कहा, “टीकाकरण में लापरवाही न करें। हम सभी स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयासों और अभिभावकों के सहयोग से लक्ष्य को अवश्य पूरा करेंगे।”
“स्वस्थ समाज के निर्माण में टीकाकरण का योगदान अमूल्य है। आइए, इस अभियान में सहयोग करें और बीमारियों से मुक्त समाज की ओर कदम बढ़ाएं।”
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
“मिशन 100% टीकाकरण और स्वस्थ समाज की ओर बड़ा कदम”
“स्वस्थ समाज की दिशा में एक कदम – टीकाकरण कराएं, बीमारियों से बचाएं।”
किशनगंज में स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ और व्यापक बनाने के लिए नियमित टीकाकरण अभियान को नई गति मिली है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस अभियान के तहत अब तक जिले में 96% लक्ष्य हासिल कर लिया गया है, जबकि टेढ़ागाछ प्रखंड में यह आंकड़ा 90% तक पहुंचा है। अभियान को और अधिक सफल बनाने और शेष लाभार्थियों तक पहुंचने के लिए सोमवार को जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद कुमार की अध्यक्षता में समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों की भी समीक्षा की गई और आगामी तीन महीनों में 100% टीकाकरण का लक्ष्य निर्धारित किया गया।
नियमित टीकाकरण – बच्चों और माताओं की सुरक्षा का कवच
टीकाकरण बच्चों और गर्भवती महिलाओं को पोलियो, खसरा, डिप्थीरिया, टेटनस और अन्य गंभीर बीमारियों से बचाने का सबसे प्रभावी तरीका है। बैठक में जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद कुमार ने कहा, “स्वस्थ बच्चे ही स्वस्थ समाज की नींव हैं। टीकाकरण न केवल बीमारियों से बचाव करता है, बल्कि बच्चों के शारीरिक और मानसिक विकास में भी सहायक है।” उन्होंने अभिभावकों से अपील की कि वे टीकाकरण अभियान में सक्रिय भागीदारी करें और स्वास्थ्य कर्मियों का पूरा सहयोग करें।
स्वास्थ्य कार्यक्रमों की समीक्षा और नई योजनाएं
समीक्षा बैठक में सीएचओ, एएनएम, आशा फैसिलिटेटर और आशा कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। बैठक में निम्नलिखित स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी विशेष चर्चा हुई:
टीबी उन्मूलन अभियान: क्षय रोग की पहचान और उपचार के लिए तेज़ी से कार्रवाई।
एनसीडी स्क्रीनिंग: मधुमेह, हृदय रोग और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियों के लिए विशेष शिविर।
परिवार नियोजन कार्यक्रम: जनसंख्या नियंत्रण और मातृ-शिशु स्वास्थ्य में सुधार के लिए प्रयास।
आयुष्मान भारत कार्ड: जरूरतमंद परिवारों को स्वास्थ्य बीमा योजना का लाभ दिलाने में तेजी।
गृह प्रसव मुक्त पंचायत: जटिलताओं से बचने और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए सामुदायिक जागरूकता।
जिला पदाधिकारी विशाल राज ने कहा, “हमारा उद्देश्य केवल आंकड़े हासिल करना नहीं है, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि हर बच्चा और हर महिला स्वस्थ रहे।”
मिशन 100% टीकाकरण – घर-घर दस्तक अभियान
अगले तीन महीनों में 100% टीकाकरण का लक्ष्य हासिल करने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने व्यापक योजना बनाई है। आशा कार्यकर्ता और एएनएम घर-घर जाकर टीकाकरण से छूटे लाभार्थियों की पहचान करेंगी और उन्हें प्रेरित करेंगी। ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में टीकाकरण सत्र आयोजित करने के लिए अतिरिक्त स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “स्वास्थ्य विभाग की टीम हर लाभार्थी तक पहुंचने के लिए प्रतिबद्ध है। कोई भी बच्चा या महिला टीकाकरण से वंचित नहीं रहेगी।”
जागरूकता अभियान से बढ़ेगी भागीदारी
जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीकाकरण के महत्व पर जोर देने के लिए पंचायत स्तर पर जागरूकता सत्र और स्वास्थ्य शिविर आयोजित किए जा रहे हैं। इन प्रयासों का उद्देश्य आमजन को टीकाकरण और अन्य स्वास्थ्य सेवाओं के महत्व से अवगत कराना है।
अभिभावकों से अपील – “टीकाकरण में सहयोग करें”
जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग ने सभी अभिभावकों से अनुरोध किया है कि वे इस अभियान में सहयोग करें। जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ. देवेंद कुमार ने कहा, “टीकाकरण में लापरवाही न करें। हम सभी स्वास्थ्य कर्मियों के प्रयासों और अभिभावकों के सहयोग से लक्ष्य को अवश्य पूरा करेंगे।”
“स्वस्थ समाज के निर्माण में टीकाकरण का योगदान अमूल्य है। आइए, इस अभियान में सहयोग करें और बीमारियों से मुक्त समाज की ओर कदम बढ़ाएं।”