प्रसव के दौरान जटिल परिस्थितियों में सीजेरियन ऑपरेशन (सी-सेक्शन) जीवन रक्षक साबित होता है। यह प्रक्रिया न केवल मां और शिशु को सुरक्षित रखती है, बल्कि गंभीर जटिलताओं को भी रोकती है। किशनगंज के सदर अस्पताल ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। अब यहां सीजेरियन प्रसव की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है, जिससे निजी अस्पतालों के भारी खर्च से लोगों को राहत मिली है।
जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक, 145 सीजेरियन प्रसव सफलतापूर्वक हुए, जिनमें 44 प्रसव रात के समय किए गए। यह उपलब्धि अस्पताल की आधुनिक सुविधाओं और चिकित्सकों की मेहनत को दर्शाती है। इस प्रयास की सराहना जिलाधिकारी विशाल राज और सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने करते हुए इसे जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र का मील का पत्थर बताया।
निशुल्क सेवाओं से राहत
पहले जटिल प्रसव के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता था, जहां सीजेरियन का खर्च ₹30,000-₹50,000 तक था। यह गरीब और मध्यम वर्ग के लिए आर्थिक बोझ बनता था। अब सदर अस्पताल में यह सुविधा पूरी तरह निशुल्क है। यहां अत्याधुनिक सीजेरियन कक्ष और प्रशिक्षित चिकित्सक उपलब्ध हैं। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “सरकार का उद्देश्य है कि हर गर्भवती महिला को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिले। यह सुविधा इसी दिशा में बड़ा कदम है।”
लक्ष्य प्रमाणीकरण: गुणवत्ता की गारंटी
सदर अस्पताल का प्रसव कक्ष “लक्ष्य प्रमाणीकरण” से सुसज्जित है, जो स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता और स्वच्छता सुनिश्चित करता है। उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने बताया, “हमारे प्रसव कक्ष और ऑपरेशन थिएटर में सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। हमारा उद्देश्य हर वर्ग को सुरक्षित और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।”
उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था पर विशेष ध्यान
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि “हाई रिस्क प्रेग्नेंसी” के मामलों में प्रशिक्षित चिकित्सकों की देखरेख में प्रसव बेहद जरूरी है। उन्होंने गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच और संतुलित आहार की महत्ता पर जोर दिया।
रात में जटिल प्रसव: सेवाओं की तत्परता का प्रमाण
महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि रात में 44 जटिल सीजेरियन प्रसव किए गए। यह अस्पताल की सेवाओं और टीम की तत्परता को दर्शाता है।
जननी बाल सुरक्षा योजना का लाभ
डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को ₹1400 और शहरी महिलाओं को ₹1000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इससे संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिल रहा है।
आधुनिक सुविधाओं ने बढ़ाया भरोसा
कोविड के दौरान शुरू हुई यह व्यवस्था अब स्थायी हो गई है। अस्पताल में आधुनिक कक्ष और प्रशिक्षित स्टाफ ने आम लोगों का भरोसा बढ़ाया है। अब लोग बिना आर्थिक चिंता के सरकारी अस्पताल की सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
अस्पताल की अपील
सदर अस्पताल की टीम ने जनता से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने की अपील की। डॉ. अनवर हुसैन ने कहा, “सरकारी सेवाओं का उद्देश्य हर वर्ग को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। इन सेवाओं पर भरोसा करें और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करें।” इस प्रकार, किशनगंज का सदर अस्पताल न केवल मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम कर रहा है, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत भी दे रहा है।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
प्रसव के दौरान जटिल परिस्थितियों में सीजेरियन ऑपरेशन (सी-सेक्शन) जीवन रक्षक साबित होता है। यह प्रक्रिया न केवल मां और शिशु को सुरक्षित रखती है, बल्कि गंभीर जटिलताओं को भी रोकती है। किशनगंज के सदर अस्पताल ने इस दिशा में उल्लेखनीय प्रगति की है। अब यहां सीजेरियन प्रसव की सुविधा निशुल्क उपलब्ध है, जिससे निजी अस्पतालों के भारी खर्च से लोगों को राहत मिली है।
जनवरी 2024 से दिसंबर 2024 तक, 145 सीजेरियन प्रसव सफलतापूर्वक हुए, जिनमें 44 प्रसव रात के समय किए गए। यह उपलब्धि अस्पताल की आधुनिक सुविधाओं और चिकित्सकों की मेहनत को दर्शाती है। इस प्रयास की सराहना जिलाधिकारी विशाल राज और सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने करते हुए इसे जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र का मील का पत्थर बताया।
निशुल्क सेवाओं से राहत
पहले जटिल प्रसव के लिए निजी अस्पतालों का सहारा लेना पड़ता था, जहां सीजेरियन का खर्च ₹30,000-₹50,000 तक था। यह गरीब और मध्यम वर्ग के लिए आर्थिक बोझ बनता था। अब सदर अस्पताल में यह सुविधा पूरी तरह निशुल्क है। यहां अत्याधुनिक सीजेरियन कक्ष और प्रशिक्षित चिकित्सक उपलब्ध हैं। सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “सरकार का उद्देश्य है कि हर गर्भवती महिला को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिले। यह सुविधा इसी दिशा में बड़ा कदम है।”
लक्ष्य प्रमाणीकरण: गुणवत्ता की गारंटी
सदर अस्पताल का प्रसव कक्ष “लक्ष्य प्रमाणीकरण” से सुसज्जित है, जो स्वास्थ्य सेवाओं में गुणवत्ता और स्वच्छता सुनिश्चित करता है। उपाधीक्षक डॉ. अनवर हुसैन ने बताया, “हमारे प्रसव कक्ष और ऑपरेशन थिएटर में सभी आधुनिक सुविधाएं हैं। हमारा उद्देश्य हर वर्ग को सुरक्षित और सुलभ स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है।”
उच्च जोखिम वाली गर्भावस्था पर विशेष ध्यान
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि “हाई रिस्क प्रेग्नेंसी” के मामलों में प्रशिक्षित चिकित्सकों की देखरेख में प्रसव बेहद जरूरी है। उन्होंने गर्भावस्था के दौरान नियमित जांच और संतुलित आहार की महत्ता पर जोर दिया।
रात में जटिल प्रसव: सेवाओं की तत्परता का प्रमाण
महिला चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शबनम यास्मीन ने बताया कि रात में 44 जटिल सीजेरियन प्रसव किए गए। यह अस्पताल की सेवाओं और टीम की तत्परता को दर्शाता है।
जननी बाल सुरक्षा योजना का लाभ
डॉ. अनवर हुसैन ने बताया कि जननी बाल सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण महिलाओं को ₹1400 और शहरी महिलाओं को ₹1000 की प्रोत्साहन राशि दी जाती है। इससे संस्थागत प्रसव को बढ़ावा मिल रहा है।
आधुनिक सुविधाओं ने बढ़ाया भरोसा
कोविड के दौरान शुरू हुई यह व्यवस्था अब स्थायी हो गई है। अस्पताल में आधुनिक कक्ष और प्रशिक्षित स्टाफ ने आम लोगों का भरोसा बढ़ाया है। अब लोग बिना आर्थिक चिंता के सरकारी अस्पताल की सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।
अस्पताल की अपील
सदर अस्पताल की टीम ने जनता से सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाने की अपील की। डॉ. अनवर हुसैन ने कहा, “सरकारी सेवाओं का उद्देश्य हर वर्ग को सस्ती और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना है। इन सेवाओं पर भरोसा करें और सुरक्षित प्रसव सुनिश्चित करें।” इस प्रकार, किशनगंज का सदर अस्पताल न केवल मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम कर रहा है, बल्कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को राहत भी दे रहा है।