राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
राहत संस्था और जस्ट राइट्स फॉर चिल्ड्रन के द्वारा मस्जिद, मदरसों, मंदिरों, गुरुद्वारा और चर्च में धर्मगुरुओं के माध्यम से बाल विवाह के खिलाफ जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। धर्मगुरुओं से अपील की गई है कि वे अपने अनुयायियों को बाल विवाह के नुकसान और इसके कानूनी पहलुओं के बारे में जागरूक करें।
कानून के अनुसार, किसी भी लड़की की शादी 18 वर्ष से पहले और लड़कों की शादी 21 वर्ष से पहले नहीं होनी चाहिए। इस कानून का उद्देश्य बच्चों को शिक्षा के मुख्य धारा से जोड़ना और उन्हें पूर्ण शिक्षा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करना है।
धर्मगुरु समाज में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और उनके द्वारा की गई अपील का लोगों पर अधिक प्रभाव पड़ता है। इसलिए, धर्मगुरुओं से अपील की गई है कि वे अपने अनुयायियों को बाल विवाह के खिलाफ जागरूक करें और उन्हें इसके कानूनी परिणामों के बारे में बताएं।
राहत संस्था की सचिव डॉ. फरजाना बेगम ने कहा कि उनका मकसद है कि हर बच्चा सुरक्षित रहे और अपने शिक्षा के अधिकार को हासिल करे। संस्था की टीम द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है जिसमें बिपिन बिहारी, अभिषेक कश्यप, दानिश एसर शाह, विपिन, विनय कुमार, भवानी, संकीता, उस हसन बानो, कपिल साहब और बाबू शामिल हैं।