विश्व वृद्धजन दिवस के अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों ने समाज के बुजुर्गों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए विभिन्न स्वास्थ्य जांच और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस अवसर पर बुजुर्गों के स्वास्थ्य की विशेष जांच की गई और उनके परिवारों को उनकी देखभाल के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रेरित किया गया। स्वास्थ्य शिविरों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गठिया, पार्किंसंस, मनोभ्रंश, अल्जाइमर, हृदय रोग, कान-नाक-गला रोग, और नेत्र संबंधी बीमारियों की जांच की गई। इसके साथ ही, बुजुर्गों को इन बीमारियों से बचाव के उपायों के साथ-साथ उचित खानपान और जीवनशैली के बारे में सलाह भी दी गई।
स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी और जागरूकता
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बुजुर्गों की विशेष जांच के साथ-साथ उनके परिजनों को भी आवश्यक जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि बुजुर्गों को समय पर दवाई देना, उनके खानपान का ध्यान रखना और उनके भावनात्मक स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। “जिस घर में बुजुर्ग खुशहाल रहेंगे, उस घर में हमेशा खुशियों का माहौल होगा,” उन्होंने कहा। विश्व वृद्धजन दिवस पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम ने बुजुर्गों के सम्मान और स्वास्थ्य के प्रति समाज को जागरूक किया। बुजुर्गों की देखभाल करना न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह परिवार और समाज की खुशहाली के लिए भी आवश्यक है।
आशा कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका
एनसीडीओ डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर बुजुर्गों की सेहत की जानकारी ली और उनके साथ सम्मानपूर्ण व्यवहार करते हुए उनके स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी साझा की। साथ ही, उन्होंने स्थानीय पीएचसी और अस्पतालों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी और बुजुर्गों को उनका लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।
बुजुर्गों का ख्याल रखना ज़रूरी
डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि वृद्धावस्था में बुजुर्गों का शारीरिक और भावनात्मक ख्याल रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “अपने घरों में बुजुर्गों के स्वास्थ्य और उनकी अन्य आवश्यकताओं का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है। बुजुर्गों का सम्मान और उनकी जरूरतों का ख्याल रखना, उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा है।” स्वास्थ्य शिविरों में बुजुर्गों की नियमित जांच के साथ उन्हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गठिया, और अन्य बीमारियों से बचाव के तरीके बताए गए। डॉक्टरों ने बुजुर्गों को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और समय पर दवाइयां लेने की सलाह दी। यह भी बताया गया कि वृद्धावस्था में रोगों से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद आवश्यक है। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम बुजुर्गों के स्वास्थ्य और उनके प्रति समाज की जिम्मेदारी को समझने का एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
विश्व वृद्धजन दिवस के अवसर पर जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों ने समाज के बुजुर्गों के प्रति सम्मान प्रकट करते हुए विभिन्न स्वास्थ्य जांच और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया। इस अवसर पर बुजुर्गों के स्वास्थ्य की विशेष जांच की गई और उनके परिवारों को उनकी देखभाल के प्रति संवेदनशील बनाने के लिए प्रेरित किया गया। स्वास्थ्य शिविरों में मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गठिया, पार्किंसंस, मनोभ्रंश, अल्जाइमर, हृदय रोग, कान-नाक-गला रोग, और नेत्र संबंधी बीमारियों की जांच की गई। इसके साथ ही, बुजुर्गों को इन बीमारियों से बचाव के उपायों के साथ-साथ उचित खानपान और जीवनशैली के बारे में सलाह भी दी गई।
स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी और जागरूकता
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि सभी स्वास्थ्य संस्थानों में बुजुर्गों की विशेष जांच के साथ-साथ उनके परिजनों को भी आवश्यक जानकारी दी गई। उन्हें बताया गया कि बुजुर्गों को समय पर दवाई देना, उनके खानपान का ध्यान रखना और उनके भावनात्मक स्वास्थ्य का ख्याल रखना बेहद जरूरी है। “जिस घर में बुजुर्ग खुशहाल रहेंगे, उस घर में हमेशा खुशियों का माहौल होगा,” उन्होंने कहा। विश्व वृद्धजन दिवस पर आयोजित इस विशेष कार्यक्रम ने बुजुर्गों के सम्मान और स्वास्थ्य के प्रति समाज को जागरूक किया। बुजुर्गों की देखभाल करना न केवल उनके स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह परिवार और समाज की खुशहाली के लिए भी आवश्यक है।
आशा कार्यकर्ताओं की अहम भूमिका
एनसीडीओ डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि आशा कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर बुजुर्गों की सेहत की जानकारी ली और उनके साथ सम्मानपूर्ण व्यवहार करते हुए उनके स्वास्थ्य से संबंधित जानकारी साझा की। साथ ही, उन्होंने स्थानीय पीएचसी और अस्पतालों में उपलब्ध स्वास्थ्य सेवाओं की जानकारी दी और बुजुर्गों को उनका लाभ लेने के लिए प्रेरित किया।
बुजुर्गों का ख्याल रखना ज़रूरी
डॉ. उर्मिला कुमारी ने बताया कि वृद्धावस्था में बुजुर्गों का शारीरिक और भावनात्मक ख्याल रखना अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, “अपने घरों में बुजुर्गों के स्वास्थ्य और उनकी अन्य आवश्यकताओं का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है। बुजुर्गों का सम्मान और उनकी जरूरतों का ख्याल रखना, उनके प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा है।” स्वास्थ्य शिविरों में बुजुर्गों की नियमित जांच के साथ उन्हें मधुमेह, उच्च रक्तचाप, गठिया, और अन्य बीमारियों से बचाव के तरीके बताए गए। डॉक्टरों ने बुजुर्गों को संतुलित आहार, नियमित व्यायाम, और समय पर दवाइयां लेने की सलाह दी। यह भी बताया गया कि वृद्धावस्था में रोगों से बचने के लिए स्वस्थ जीवनशैली अपनाना बेहद आवश्यक है। इस तरह के जागरूकता कार्यक्रम बुजुर्गों के स्वास्थ्य और उनके प्रति समाज की जिम्मेदारी को समझने का एक महत्वपूर्ण प्रयास हैं।
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