राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार के अपर सचिव डॉ. महेंद्र पाल ने शुक्रवार को ठाकुरगंज अंचल का दौरा कर राजस्व महाअभियान की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अंचल कार्यालय ठाकुरगंज में अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की और अभियान की जमीनी हकीकत को परखा।
निरीक्षण के क्रम में डॉ. पाल ने मालिनगांव एवं बंदरझूला पंचायतों में लगाए गए राजस्व शिविरों का भी जायजा लिया। उन्होंने वहां उपस्थित ग्रामीणों से बातचीत की, उनकी समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
अपर सचिव ने शिविरों में चल रहे प्रपत्र वितरण, ऑनलाइन सुधार, उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा जैसे कार्यों की प्रगति पर संतोष जताया, लेकिन साथ ही यह भी निर्देश दिया कि सभी कार्यों की निरंतर निगरानी सुनिश्चित की जाए ताकि लाभुकों को समय पर सेवाएं मिल सकें।
उन्होंने बताया कि राजस्व महाअभियान का उद्देश्य है—प्रत्येक रैयत को उसकी भूमि से संबंधित पारदर्शी और शुद्ध अभिलेख उपलब्ध कराना। इससे न केवल दाखिल-खारिज और परिमार्जन जैसे कार्य तेज़ी से निपटाए जा सकेंगे, बल्कि भूमि विवादों की संख्या भी कम होगी।
साथ ही, शुद्ध भूमि अभिलेखों के आधार पर ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ और बैंकों से ऋण प्राप्ति की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जा सकेगा।
निरीक्षण के दौरान संबंधित अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मचारी और अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।
सारस न्यूज, किशनगंज।
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, बिहार सरकार के अपर सचिव डॉ. महेंद्र पाल ने शुक्रवार को ठाकुरगंज अंचल का दौरा कर राजस्व महाअभियान की प्रगति की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने अंचल कार्यालय ठाकुरगंज में अधिकारियों के साथ विस्तृत समीक्षा बैठक की और अभियान की जमीनी हकीकत को परखा।
निरीक्षण के क्रम में डॉ. पाल ने मालिनगांव एवं बंदरझूला पंचायतों में लगाए गए राजस्व शिविरों का भी जायजा लिया। उन्होंने वहां उपस्थित ग्रामीणों से बातचीत की, उनकी समस्याएं सुनीं और संबंधित अधिकारियों को समाधान के लिए आवश्यक निर्देश दिए।
अपर सचिव ने शिविरों में चल रहे प्रपत्र वितरण, ऑनलाइन सुधार, उत्तराधिकार नामांतरण, बंटवारा जैसे कार्यों की प्रगति पर संतोष जताया, लेकिन साथ ही यह भी निर्देश दिया कि सभी कार्यों की निरंतर निगरानी सुनिश्चित की जाए ताकि लाभुकों को समय पर सेवाएं मिल सकें।
उन्होंने बताया कि राजस्व महाअभियान का उद्देश्य है—प्रत्येक रैयत को उसकी भूमि से संबंधित पारदर्शी और शुद्ध अभिलेख उपलब्ध कराना। इससे न केवल दाखिल-खारिज और परिमार्जन जैसे कार्य तेज़ी से निपटाए जा सकेंगे, बल्कि भूमि विवादों की संख्या भी कम होगी।
साथ ही, शुद्ध भूमि अभिलेखों के आधार पर ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ और बैंकों से ऋण प्राप्ति की प्रक्रिया को भी सरल बनाया जा सकेगा।
निरीक्षण के दौरान संबंधित अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मचारी और अन्य विभागीय अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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