सारस न्यूज़: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को घोषणा की कि सरकार मार्च 2025 तक सड़क दुर्घटना पीड़ितों को ‘कैशलेस’ या नकद रहित इलाज प्रदान करने के लिए एक संशोधित योजना लागू करेगी। इस योजना के तहत प्रति दुर्घटना प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। यह सुविधा किसी भी सड़क पर मोटर वाहनों के कारण होने वाली सभी दुर्घटनाओं पर लागू होगी।
योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए), पुलिस, अस्पताल, और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के समन्वय से कार्यान्वित किया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ईडीएआर) ऐप और एनएचए की लेनदेन प्रबंधन प्रणाली इस योजना के आईटी प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेंगे।
सात दिन तक मिलेगी इलाज की सुविधा
गडकरी ने बताया कि पायलट कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा के अनुसार, दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिन तक और प्रति व्यक्ति 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज प्रदान किया जाएगा। सरकार इस योजना का संशोधित संस्करण मार्च 2025 तक पेश करेगी।
मार्च 2024 में, सड़क परिवहन मंत्रालय ने चंडीगढ़ में इस योजना का पायलट कार्यक्रम शुरू किया था। इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना था। बाद में, इस पायलट कार्यक्रम को छह अन्य राज्यों में भी लागू किया गया।
ड्राइवरों के काम के घंटे और थकान
गडकरी ने कहा कि सरकार वाणिज्यिक वाहन चालकों के लिए काम के घंटे तय करने की नीति पर विचार कर रही है। चालकों की थकान के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए श्रम कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है।
ड्राइवरों की कमी और प्रशिक्षण की पहल
गडकरी ने यह भी बताया कि देश में 22 लाख ड्राइवरों की कमी है। इस समस्या के समाधान के लिए 6 और 7 जनवरी 2025 को सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक दो-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में वाहन कबाड़ नीति, पीयूसीसी 2.0, और बीएस-सात मानदंडों के कार्यान्वयन जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
ड्राइवरों के प्रशिक्षण के लिए देशभर में चालक प्रशिक्षण संस्थानों (डीटीआई) की स्थापना की योजना बनाई गई है। इसके तहत संस्थानों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और एटीएस (स्वचालित प्रशिक्षण स्टेशन) तथा डीटीआई के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। यह योजनाएं सड़क परिवहन क्षेत्र में सुधार लाने और दुर्घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होंगी।
शशि कोशी रोक्का, सारस न्यूज़ टीम
सारस न्यूज़: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को घोषणा की कि सरकार मार्च 2025 तक सड़क दुर्घटना पीड़ितों को ‘कैशलेस’ या नकद रहित इलाज प्रदान करने के लिए एक संशोधित योजना लागू करेगी। इस योजना के तहत प्रति दुर्घटना प्रति व्यक्ति अधिकतम 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज मिलेगा। यह सुविधा किसी भी सड़क पर मोटर वाहनों के कारण होने वाली सभी दुर्घटनाओं पर लागू होगी।
योजना को राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए), पुलिस, अस्पताल, और राज्य स्वास्थ्य एजेंसियों के समन्वय से कार्यान्वित किया जाएगा। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का ई-विस्तृत दुर्घटना रिपोर्ट (ईडीएआर) ऐप और एनएचए की लेनदेन प्रबंधन प्रणाली इस योजना के आईटी प्लेटफॉर्म के रूप में कार्य करेंगे।
सात दिन तक मिलेगी इलाज की सुविधा
गडकरी ने बताया कि पायलट कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा के अनुसार, दुर्घटना की तारीख से अधिकतम सात दिन तक और प्रति व्यक्ति 1.5 लाख रुपये तक का कैशलेस इलाज प्रदान किया जाएगा। सरकार इस योजना का संशोधित संस्करण मार्च 2025 तक पेश करेगी।
मार्च 2024 में, सड़क परिवहन मंत्रालय ने चंडीगढ़ में इस योजना का पायलट कार्यक्रम शुरू किया था। इसका उद्देश्य सड़क दुर्घटना पीड़ितों को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना था। बाद में, इस पायलट कार्यक्रम को छह अन्य राज्यों में भी लागू किया गया।
ड्राइवरों के काम के घंटे और थकान
गडकरी ने कहा कि सरकार वाणिज्यिक वाहन चालकों के लिए काम के घंटे तय करने की नीति पर विचार कर रही है। चालकों की थकान के कारण होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए श्रम कानूनों का अध्ययन किया जा रहा है।
ड्राइवरों की कमी और प्रशिक्षण की पहल
गडकरी ने यह भी बताया कि देश में 22 लाख ड्राइवरों की कमी है। इस समस्या के समाधान के लिए 6 और 7 जनवरी 2025 को सड़क परिवहन मंत्रालय ने एक दो-दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया। कार्यशाला में वाहन कबाड़ नीति, पीयूसीसी 2.0, और बीएस-सात मानदंडों के कार्यान्वयन जैसे विषयों पर चर्चा की गई।
ड्राइवरों के प्रशिक्षण के लिए देशभर में चालक प्रशिक्षण संस्थानों (डीटीआई) की स्थापना की योजना बनाई गई है। इसके तहत संस्थानों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और एटीएस (स्वचालित प्रशिक्षण स्टेशन) तथा डीटीआई के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचे का निर्माण किया जाएगा। यह योजनाएं सड़क परिवहन क्षेत्र में सुधार लाने और दुर्घटनाओं को कम करने में महत्वपूर्ण साबित होंगी।