सारस न्यूज़, वेब डेस्क।
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की दर्दनाक मौत ने पूरे देश को हिला दिया है। इसके बाद केंद्र और राज्य सरकारों ने देशभर में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया है। विशेष रूप से सीमावर्ती इलाकों में सतर्कता बढ़ा दी गई है, और हर संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा रही है।
इसी सतर्कता के दौरान भारत-नेपाल सीमा पर किशनगंज से सटे पश्चिम बंगाल के पानी टंकी इलाके में सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता हाथ लगी। सशस्त्र सीमा बल (SSB) ने दो अलग-अलग ऑपरेशनों में म्यांमार के छह युवकों को हिरासत में लिया है, जो संदिग्ध रूप से भारत में अवैध रूप से रह रहे थे।
धार्मिक शिक्षा की आड़ में अवैध प्रवेश
गिरफ्तार सभी युवक म्यांमार के नागरिक हैं और धर्मशास्त्र (बाइबल) की पढ़ाई कर रहे थे। पुलिस के मुताबिक ये 2022-23 के दौरान बिना पासपोर्ट और वीजा के मिजोरम के रास्ते भारत में दाखिल हुए थे। सभी नागालैंड के वोखा जिले में स्थित विटर थियोलॉजिकल कॉलेज में रहकर पढ़ाई कर रहे थे।
इनके पास से कई फर्जी दस्तावेज मिले हैं — जैसे आधार कार्ड (ज्यादातर दिल्ली में बने हुए), वोटर आईडी कार्ड और एक युवक के पास पैन कार्ड भी मिला है। इससे यह संकेत मिलता है कि उन्होंने भारतीय पहचान पत्र बनवाकर यहां स्थायी तौर पर रहने की कोशिश की थी।
सैर के बहाने नेपाल जाने की कोशिश
पुलिस जांच में सामने आया है कि छुट्टियों के दौरान ये युवक सिलीगुड़ी आए थे और अन्य नेपाली व भारतीय छात्रों के साथ मिलकर नेपाल के बिरतामोड़ में स्थित ‘हैप्पी लैंड एडवेंचर पार्क’ घूमने जा रहे थे। लेकिन जैसे ही वे बॉर्डर पार करने की कोशिश कर रहे थे, SSB ने तीन अलग-अलग समूहों में इन्हें पकड़ लिया।
जांच जारी, फर्जी दस्तावेजों का बड़ा नेटवर्क होने की आशंका
पुलिस अब यह जांच कर रही है कि क्या इन युवकों के पीछे कोई बड़ा रैकेट या संगठन काम कर रहा है जो फर्जी दस्तावेज बनवाकर विदेशी नागरिकों को भारत में बसाने का काम करता है। इस मामले में और भी गिरफ्तारियों की संभावना जताई जा रही है।
