पूर्व में फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं शिप्रा, अब नीतू कुमारी के कार्यों को भी सराहा गया
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा जिले की दो नर्सों—पूर्व लेबर रूम इंचार्ज जीएनएम शिप्रा भट्टाचार्य और जीएनएम नीतू कुमारी को उत्कृष्ट नर्सिंग सेवा के लिए मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान जिला पदाधिकारी के निर्देश पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रभारी जिला पदाधिकारी स्पर्श गुप्ता द्वारा प्रदान किया गया।
शिप्रा भट्टाचार्य: 15 वर्षों की निस्वार्थ सेवा का सम्मान
शिप्रा भट्टाचार्य, जो 2008 से सदर अस्पताल में अपनी सेवा दे रही हैं, ने 2019 से लेबर रूम इंचार्ज के रूप में कार्य किया। उनके कुशल नेतृत्व और सेवा भाव के कारण सदर अस्पताल को ‘लक्ष्य प्रमाणीकरण’ प्राप्त करने में सफलता मिली, जिससे संस्थागत प्रसव दर में वृद्धि हुई और मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी आई।
सम्मान प्राप्त करने के बाद शिप्रा ने कहा— “मेरा एक ही उद्देश्य रहा कि हर प्रसूता को सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव सेवा मिले। आज यह सम्मान पाकर मैं गर्व महसूस कर रही हूं और इसके लिए मैं जिला प्रशासन और अपने सहकर्मियों का आभार प्रकट करती हूं।” गौरतलब है कि पिछले वर्ष उन्हें बिहार सरकार द्वारा ‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
नीतू कुमारी: सेवा और समर्पण का प्रतीक
इसी कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाली जीएनएम नीतू कुमारी को भी मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
नीतू कुमारी ने प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सम्मान मिलने के बाद नीतू ने कहा— “यह सम्मान मेरे लिए एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत है। मैं आगे भी अपनी सेवाओं को और अधिक समर्पण के साथ जारी रखूंगी।”
जिला प्रशासन ने किया गर्व महसूस
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रभारी जिला पदाधिकारी स्पर्श गुप्ता ने कहा— “शिप्रा भट्टाचार्य और नीतू कुमारी जैसी समर्पित नर्सें हमारे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की रीढ़ हैं। इनका योगदान समाज और स्वास्थ्य विभाग के लिए प्रेरणादायक है। हम इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा— “स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नर्सों का कार्य सबसे महत्वपूर्ण होता है। वे न केवल मरीजों की देखभाल करती हैं बल्कि उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से भी समर्थन देती हैं। यह सम्मान उनके समर्पण और सेवा भाव के लिए है।”
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए प्रेरणा बनीं दोनों नर्सें
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि इस सम्मान के माध्यम से जिला प्रशासन ने न केवल इन दोनों नर्सों के कार्यों की सराहना की बल्कि अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रेरित करने का संदेश दिया।
शिप्रा भट्टाचार्य और नीतू कुमारी का समर्पण और सेवा भाव जिले के स्वास्थ्य विभाग के लिए गर्व का विषय बना रहेगा। यह सम्मान उन सभी नर्सों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो समाज और स्वास्थ्य सेवा के प्रति समर्पित हैं। जिला प्रशासन ने आशा व्यक्त की कि आगे भी इनकी सेवाएं स्वास्थ्य क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेंगी।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
पूर्व में फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार से सम्मानित हो चुकी हैं शिप्रा, अब नीतू कुमारी के कार्यों को भी सराहा गया
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जिला प्रशासन द्वारा जिले की दो नर्सों—पूर्व लेबर रूम इंचार्ज जीएनएम शिप्रा भट्टाचार्य और जीएनएम नीतू कुमारी को उत्कृष्ट नर्सिंग सेवा के लिए मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। यह सम्मान जिला पदाधिकारी के निर्देश पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान प्रभारी जिला पदाधिकारी स्पर्श गुप्ता द्वारा प्रदान किया गया।
शिप्रा भट्टाचार्य: 15 वर्षों की निस्वार्थ सेवा का सम्मान
शिप्रा भट्टाचार्य, जो 2008 से सदर अस्पताल में अपनी सेवा दे रही हैं, ने 2019 से लेबर रूम इंचार्ज के रूप में कार्य किया। उनके कुशल नेतृत्व और सेवा भाव के कारण सदर अस्पताल को ‘लक्ष्य प्रमाणीकरण’ प्राप्त करने में सफलता मिली, जिससे संस्थागत प्रसव दर में वृद्धि हुई और मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी आई।
सम्मान प्राप्त करने के बाद शिप्रा ने कहा— “मेरा एक ही उद्देश्य रहा कि हर प्रसूता को सुरक्षित और सम्मानजनक प्रसव सेवा मिले। आज यह सम्मान पाकर मैं गर्व महसूस कर रही हूं और इसके लिए मैं जिला प्रशासन और अपने सहकर्मियों का आभार प्रकट करती हूं।” गौरतलब है कि पिछले वर्ष उन्हें बिहार सरकार द्वारा ‘फ्लोरेंस नाइटिंगेल पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था।
नीतू कुमारी: सेवा और समर्पण का प्रतीक
इसी कार्यक्रम में स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में निस्वार्थ भाव से कार्य करने वाली जीएनएम नीतू कुमारी को भी मोमेंटो एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया।
नीतू कुमारी ने प्रसवपूर्व और प्रसवोत्तर देखभाल के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दिया है। उन्होंने गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं की बेहतर देखभाल सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
सम्मान मिलने के बाद नीतू ने कहा— “यह सम्मान मेरे लिए एक नई ऊर्जा और प्रेरणा का स्रोत है। मैं आगे भी अपनी सेवाओं को और अधिक समर्पण के साथ जारी रखूंगी।”
जिला प्रशासन ने किया गर्व महसूस
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रभारी जिला पदाधिकारी स्पर्श गुप्ता ने कहा— “शिप्रा भट्टाचार्य और नीतू कुमारी जैसी समर्पित नर्सें हमारे स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र की रीढ़ हैं। इनका योगदान समाज और स्वास्थ्य विभाग के लिए प्रेरणादायक है। हम इनके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।”
उन्होंने आगे कहा— “स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में नर्सों का कार्य सबसे महत्वपूर्ण होता है। वे न केवल मरीजों की देखभाल करती हैं बल्कि उन्हें मानसिक और भावनात्मक रूप से भी समर्थन देती हैं। यह सम्मान उनके समर्पण और सेवा भाव के लिए है।”
स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के लिए प्रेरणा बनीं दोनों नर्सें
सिविल सर्जन डॉ. मंजर आलम ने बताया कि इस सम्मान के माध्यम से जिला प्रशासन ने न केवल इन दोनों नर्सों के कार्यों की सराहना की बल्कि अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को भी प्रेरित करने का संदेश दिया।
शिप्रा भट्टाचार्य और नीतू कुमारी का समर्पण और सेवा भाव जिले के स्वास्थ्य विभाग के लिए गर्व का विषय बना रहेगा। यह सम्मान उन सभी नर्सों के लिए प्रेरणास्रोत है, जो समाज और स्वास्थ्य सेवा के प्रति समर्पित हैं। जिला प्रशासन ने आशा व्यक्त की कि आगे भी इनकी सेवाएं स्वास्थ्य क्षेत्र में नए मानक स्थापित करेंगी।