सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी यूडीआईडी परियोजना (Unique Disability ID) के तहत दिव्यांगजनों को यूनिक पहचान कार्ड प्रदान करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जिलाधिकारी विशाल राज के निर्देशानुसार शुक्रवार को सदर अस्पताल में दिव्यांगता जांच और प्रमाणपत्र वितरण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य दिव्यांगजनों को प्रमाणपत्र, डिजिटल पहचान कार्ड प्रदान करना, नवीकरण करना और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना था।
जिलाधिकारी की अपील: दिव्यांगजनों को अधिकार दिलाने में दें साथ
जिलाधिकारी विशाल राज ने समाज के सभी वर्गों से दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की अपील की। उन्होंने कहा: “दिव्यांगजन समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। उनकी पहचान सुनिश्चित करना और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना हमारी प्राथमिकता है। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि अपने आसपास के दिव्यांगजनों को इस अभियान में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। यह सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उनकी जिंदगी को सशक्त बनाने का प्रयास है।”
शिविर में 19 की जांच, 6 को प्रमाणपत्र
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि शिविर में 19 दिव्यांगजनों की जांच की गई, जिसमें 6 को प्रमाणपत्र जारी किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. राहुल कुमार के नेतृत्व में यह प्रक्रिया पूरी की गई। जिनके पास पहले से प्रमाणपत्र है, उनका नवीकरण भी किया गया। इसके अलावा, यूनिक डिसेबिलिटी आईडेंटिटी कार्ड (यूडीआईडी) जारी कर इसे आधार से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई।
यूडीआईडी कार्ड: दिव्यांगजनों की डिजिटल पहचान
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि जिले में 100% दिव्यांगजनों का ऑनलाइन प्रमाणीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑफलाइन प्रमाणपत्र अब राज्य में मान्य नहीं होंगे। “यूडीआईडी कार्ड न केवल दिव्यांगजनों को डिजिटल पहचान देगा, बल्कि उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ेगा। इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए रोजाना कार्य किया जा रहा है।”
शिविर में दी गई सुविधाएं
प्रमाणपत्र वितरण: दिव्यांगजनों को प्रमाणपत्र बनाकर दिया गया।
नवीकरण: जिनके प्रमाणपत्र की अवधि समाप्त हो गई थी, उनका नवीकरण किया गया।
विशेष ध्यान: बौद्धिक अक्षमता, विशिष्ट अधिगम, ऑटिज्म, और मानसिक दिव्यांगता से ग्रसित लोगों को प्राथमिकता दी गई।
विशेषज्ञ जांच: नाक, कान, गला, मूक-बधिर और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए विशेषज्ञ जांच की व्यवस्था की गई।
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा, “हर दिव्यांगजन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाए, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। समाज को दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील बनना होगा। यदि आपके आसपास कोई दिव्यांगजन है, तो उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक करें और सहायता करें।”
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “यह केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने का प्रयास है। हर दिव्यांगजन को डिजिटल पहचान देना और उन्हें सशक्त बनाना हमारा लक्ष्य है।”
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय की महत्त्वाकांक्षी यूडीआईडी परियोजना (Unique Disability ID) के तहत दिव्यांगजनों को यूनिक पहचान कार्ड प्रदान करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जिलाधिकारी विशाल राज के निर्देशानुसार शुक्रवार को सदर अस्पताल में दिव्यांगता जांच और प्रमाणपत्र वितरण शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य दिव्यांगजनों को प्रमाणपत्र, डिजिटल पहचान कार्ड प्रदान करना, नवीकरण करना और उन्हें सरकारी योजनाओं से जोड़ना था।
जिलाधिकारी की अपील: दिव्यांगजनों को अधिकार दिलाने में दें साथ
जिलाधिकारी विशाल राज ने समाज के सभी वर्गों से दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशीलता दिखाने की अपील की। उन्होंने कहा: “दिव्यांगजन समाज का अभिन्न हिस्सा हैं। उनकी पहचान सुनिश्चित करना और उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाना हमारी प्राथमिकता है। सभी नागरिकों से अनुरोध है कि अपने आसपास के दिव्यांगजनों को इस अभियान में भाग लेने के लिए प्रेरित करें। यह सिर्फ एक प्रक्रिया नहीं, बल्कि उनकी जिंदगी को सशक्त बनाने का प्रयास है।”
शिविर में 19 की जांच, 6 को प्रमाणपत्र
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि शिविर में 19 दिव्यांगजनों की जांच की गई, जिसमें 6 को प्रमाणपत्र जारी किया गया। विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. राहुल कुमार के नेतृत्व में यह प्रक्रिया पूरी की गई। जिनके पास पहले से प्रमाणपत्र है, उनका नवीकरण भी किया गया। इसके अलावा, यूनिक डिसेबिलिटी आईडेंटिटी कार्ड (यूडीआईडी) जारी कर इसे आधार से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू की गई।
यूडीआईडी कार्ड: दिव्यांगजनों की डिजिटल पहचान
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि जिले में 100% दिव्यांगजनों का ऑनलाइन प्रमाणीकरण सुनिश्चित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि ऑफलाइन प्रमाणपत्र अब राज्य में मान्य नहीं होंगे। “यूडीआईडी कार्ड न केवल दिव्यांगजनों को डिजिटल पहचान देगा, बल्कि उन्हें सरकार की कल्याणकारी योजनाओं से जोड़ेगा। इस प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए रोजाना कार्य किया जा रहा है।”
शिविर में दी गई सुविधाएं
प्रमाणपत्र वितरण: दिव्यांगजनों को प्रमाणपत्र बनाकर दिया गया।
नवीकरण: जिनके प्रमाणपत्र की अवधि समाप्त हो गई थी, उनका नवीकरण किया गया।
विशेष ध्यान: बौद्धिक अक्षमता, विशिष्ट अधिगम, ऑटिज्म, और मानसिक दिव्यांगता से ग्रसित लोगों को प्राथमिकता दी गई।
विशेषज्ञ जांच: नाक, कान, गला, मूक-बधिर और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों के लिए विशेषज्ञ जांच की व्यवस्था की गई।
जिलाधिकारी विशाल राज ने कहा, “हर दिव्यांगजन सरकारी योजनाओं का लाभ उठाए, यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है। समाज को दिव्यांगजनों के प्रति संवेदनशील बनना होगा। यदि आपके आसपास कोई दिव्यांगजन है, तो उन्हें इस प्रक्रिया के बारे में जागरूक करें और सहायता करें।”
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “यह केवल सरकारी योजना नहीं, बल्कि दिव्यांगजनों के जीवन में बड़ा बदलाव लाने का प्रयास है। हर दिव्यांगजन को डिजिटल पहचान देना और उन्हें सशक्त बनाना हमारा लक्ष्य है।”
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