सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज-जिले में स्टॉप डायरिया अभियान की शुरूआत मंगलवार से की गई। ‘दस्त की रोकथाम अभियान-2024’ के लिए जिले के सदर अस्पताल समेत सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उप स्वास्थ्य केन्द्रों में ओआरएस-जिक कॉर्नर का शुभारंभ किया गया। सदर अस्पताल में इसका शुभारंभ सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने किया। सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय दस्त नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिले के 5 साल तक के बच्चों को ओआरएस और जिंक की खुराक दी जानी है। इसके तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर भ्रमण करेगी। इस क्रम में प्रत्येक घरों में ओआरएस के पैकेट दिए जाएंगे लेकिन, जिंक की गोलियां सिर्फ उन परिवारों को दी जाएगी, जिनके बच्चे दस्त से ग्रसित रहते हों। उन्होंने बताया डायरिया होने पर दो से छह माह तक के बच्चों को जिंक की आधी गोली प्रतिदिन 14 दिनों तक देनी है। वहीं, छह से पांच वर्ष तक के बच्चों को प्रतिदिन जिंक की एक गोली दी जानी है। सबसे जरूरी बात यह है कि छह माह तक के बच्चों को यदि दस्त हो जाए, तो माताओं को स्तनपान कराते रहना है। ताकि, शिशुओं में रोग प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो सके।
डीआईओ डॉ देवेंद्र कुमार ने बताया की डायरिया का प्रसार कम करने और शिशु-मृत्यु दर को शून्य करने के उद्देश्य से इस वर्ष दो माह का विशेष अभियान चलेगा। ‘दस्त की रोकथाम अभियान-2024’ के नाम से चलने वाला अभियान 23 जुलाई से लेकर 22 सितंबर तक चलेगा।
दस्त से ग्रसित बच्चों दी जाएगी जिंक टेबलेट
डायरिया से होने वाले मृत्यु का मुख्य कारण निर्जलीकरण के साथ इलेक्ट्रोलाइटस की कमी होना है। इस दस्त की रोकथाम अभियान के दौरान पांच वर्ष तक उम्र के बच्चों के बीच निःशुल्क ओआरएस के शैशे वितरण करने के साथ दस्त से ग्रसित बच्चों के उपचार के लिए जिंक टेबलेट दी जाएगी। ओआरएस एवं जिंक के प्रयोग से डायरिया से होने वाली मृत्यु को टाला जा सकता है। दस्त बंद होने के बाद भी जिंक की खुराक दो हफ्ते तक जारी रखने का निर्देश दिया गया है। इसके अलावा सरकारी अस्पतालों में दस्त में प्रयोग होने वाली जरूरी दवाओं की उपलब्धता भी सुनिश्चित करने को कहा गया है।
अभियान की निगरानी के निर्देश
डीडीए सुमन कुमार ने बताया की अभियान के तहत विशेषकर जिला के उच्च प्राथमिकता वाले प्रखंडों, सुदूर क्षेत्र, स्लम, बाढ़ से प्रभावित इलाके एवं वैसे इलाके जहां दस्त का प्रकोप अधिक है, वहां विशेष रूप से अभियान की निगरानी करने का निर्देश दिया गया है। प्रखंड स्तर पर इस अभियान का सघन पर्यवेक्षण एवं मूल्यांकन किया जाएगा। इसके अलावा आरोग्य सत्र दिवसों के दौरान आने वाली माताओं को डायरिया नियंत्रण संबंधी जानकारी दी जाएगी। वहीं, एएनएम स्तनपान एवं अनुपूरक आहार के फायदों के बारे में भी बताएगी। शहरी क्षेत्रों में नगर निकायों के साथ समन्वय स्थापित कर डायरिया के नियंत्रण हेतु पोस्टर लगाने के निर्देश दिए गए हैं।
अभियान को सफल बनाने को सभी विभाग का कोलोब्रेशन
वहीं जिला पदाधिकारी के निर्देशानुसार अभियान को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग, सामाजिक कल्याण विभाग, सार्वजनिक स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, शहरी विकास एवं आवास विभाग, ग्रामीण विकास, शिक्षा विभाग से समन्वय स्थापित किया है।
मौके पर डीएस डॉ अनवर, डीडीए सुमन कुमार सिन्हा, डीसीएम प्रशान्त कुमार, पीरामल फ़ाउंडेशन के निशांत कुमार, अश्विनी पटेल, सैयद मोनीश, पीएसआई इंडिया के अमलेश कुमार, आरबीएसके डीसी पंकज कुमार समेत अन्य लोग मौजूद थे।
