भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) शुरू करने का फैसला लिया है। इस अभियान के तहत 1 जुलाई 2025 को अर्हक तिथि मानते हुए राज्य भर में मतदाता सूची को अद्यतन किया जाएगा। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य के हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में हो और कोई भी अवैध या अपात्र नाम सूची में शामिल न रहे।
इस अभियान में बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाएंगे और सत्यापन करेंगे। साथ ही नागरिक ईसीआईनेट पोर्टल या ईएफ फॉर्म के माध्यम से स्वयं भी जानकारी अपडेट कर सकते हैं। अगर किसी मतदाता या राजनीतिक दल को कोई दावा या आपत्ति हो, तो वे निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन कर सकते हैं, जिसे जांच कर एईआरओ और ईआरओ द्वारा निपटाया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वृद्ध, दिव्यांग, बीमार और अन्य वंचित वर्गों को विशेष सुविधा प्रदान की जाए ताकि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे। इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर स्वयंसेवकों की नियुक्ति भी की जा सकती है।
निर्वाचन आयोग ने यह भी अपील की है कि सभी राजनीतिक दल अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करें ताकि पुनरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी प्रकार की त्रुटि प्रारंभिक स्तर पर ही ठीक की जा सके।
यह विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2003 के बाद पहली बार पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। आयोग का प्रयास है कि बिहार की मतदाता सूची को न्यायसंगत, अद्यतन और विश्वसनीय बनाया जाए जिससे आगामी चुनाव निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सकें।
राहुल कुमार, सारस न्यूज़, किशनगंज।
भारत निर्वाचन आयोग ने बिहार में विशेष गहन पुनरीक्षण (Special Intensive Revision – SIR) शुरू करने का फैसला लिया है। इस अभियान के तहत 1 जुलाई 2025 को अर्हक तिथि मानते हुए राज्य भर में मतदाता सूची को अद्यतन किया जाएगा। इस प्रक्रिया का मुख्य उद्देश्य है कि राज्य के हर योग्य नागरिक का नाम मतदाता सूची में हो और कोई भी अवैध या अपात्र नाम सूची में शामिल न रहे।
इस अभियान में बूथ लेवल अधिकारी (BLO) घर-घर जाकर मतदाताओं की जानकारी जुटाएंगे और सत्यापन करेंगे। साथ ही नागरिक ईसीआईनेट पोर्टल या ईएफ फॉर्म के माध्यम से स्वयं भी जानकारी अपडेट कर सकते हैं। अगर किसी मतदाता या राजनीतिक दल को कोई दावा या आपत्ति हो, तो वे निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवेदन कर सकते हैं, जिसे जांच कर एईआरओ और ईआरओ द्वारा निपटाया जाएगा।
मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (CEO) ने सभी जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वृद्ध, दिव्यांग, बीमार और अन्य वंचित वर्गों को विशेष सुविधा प्रदान की जाए ताकि कोई भी पात्र मतदाता सूची से वंचित न रहे। इसके लिए आवश्यकता पड़ने पर स्वयंसेवकों की नियुक्ति भी की जा सकती है।
निर्वाचन आयोग ने यह भी अपील की है कि सभी राजनीतिक दल अपने बूथ लेवल एजेंट (BLA) नियुक्त करें ताकि पुनरीक्षण प्रक्रिया में पारदर्शिता बनी रहे और किसी भी प्रकार की त्रुटि प्रारंभिक स्तर पर ही ठीक की जा सके।
यह विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान 2003 के बाद पहली बार पूरे राज्य में बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। आयोग का प्रयास है कि बिहार की मतदाता सूची को न्यायसंगत, अद्यतन और विश्वसनीय बनाया जाए जिससे आगामी चुनाव निष्पक्ष तरीके से संपन्न हो सकें।
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