स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर
जिले के पोठिया प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में आशा दिवस के अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं को फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम (FPLMIS) के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य डिजिटल साधनों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना था।
FPLMIS: पारदर्शी स्वास्थ्य सेवाओं का आधार
FPLMIS एक आधुनिक प्रणाली है, जो परिवार नियोजन सामग्रियों की मांग और आपूर्ति को सुचारू बनाने में मदद करती है। प्रशिक्षण में आशा कार्यकर्ताओं को माला-एन, कॉंडोम, छाया गोली, ओरल पिल्स और निश्चय किट जैसी सामग्रियों का ऑनलाइन इंडेंट करने का तरीका सिखाया गया। इस प्रणाली से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और सामग्रियों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
प्रशिक्षण के उद्देश्य और लाभ
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शाहिद रजा अंसारी ने बताया कि FPLMIS के उपयोग से परिवार नियोजन कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी। यह प्रणाली न केवल सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने में भी सहायक होगी।
अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी जोर
प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी निर्देश दिए गए, जिनमें शामिल हैं:
गर्भवती महिला देखभाल (ANC)
नवजात शिशु देखभाल (HBNC)
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर रिपोर्टिंग (MDR और CDR)
टीकाकरण
गैर-संचारी रोग (NCD)
एनीमिया मुक्त भारत अभियान
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका पर सिविल सर्जन का वक्तव्य
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “आशा कार्यकर्ता हमारे स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ हैं। FPLMIS जैसी प्रणाली उनके कार्य को अधिक प्रभावी बनाएगी। यह डिजिटल पहल परिवार नियोजन सामग्री की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाएगी।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार का लक्ष्य “स्वस्थ समाज, समृद्ध समाज” है, और यह डिजिटल प्रयास जनसंख्या स्थिरीकरण और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समुदाय में जागरूकता का प्रसार
कार्यक्रम में प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक सरिता कुमारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक सुनील कुमार, बीएमए पंकज कुमार सिंह, और डाटा ऑपरेटर शाहिद इकबाल ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को समुदाय में परिवार नियोजन, टीकाकरण और पोषण संबंधी जागरूकता फैलाने के सुझाव दिए।
कार्यक्रम के अंत में आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी जिम्मेदारियों को अधिक कुशलता से निभाने और स्वास्थ्य सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया। FPLMIS जैसे डिजिटल प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और एक जागरूक समाज के निर्माण में मील का पत्थर साबित होंगे।
राहुल कुमार, किशनगंज
स्वास्थ्य कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन पर जोर
जिले के पोठिया प्रखंड स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) में आशा दिवस के अवसर पर जिला स्वास्थ्य समिति के निर्देशानुसार एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान आशा कार्यकर्ताओं को फैमिली प्लानिंग लॉजिस्टिक मैनेजमेंट एंड इंफॉर्मेशन सिस्टम (FPLMIS) के उपयोग का प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य डिजिटल साधनों के माध्यम से स्वास्थ्य सेवाओं को अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाना था।
FPLMIS: पारदर्शी स्वास्थ्य सेवाओं का आधार
FPLMIS एक आधुनिक प्रणाली है, जो परिवार नियोजन सामग्रियों की मांग और आपूर्ति को सुचारू बनाने में मदद करती है। प्रशिक्षण में आशा कार्यकर्ताओं को माला-एन, कॉंडोम, छाया गोली, ओरल पिल्स और निश्चय किट जैसी सामग्रियों का ऑनलाइन इंडेंट करने का तरीका सिखाया गया। इस प्रणाली से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता और सामग्रियों की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित होगी।
प्रशिक्षण के उद्देश्य और लाभ
प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. शाहिद रजा अंसारी ने बताया कि FPLMIS के उपयोग से परिवार नियोजन कार्यक्रमों को बेहतर ढंग से लागू करने में मदद मिलेगी। यह प्रणाली न केवल सामग्रियों की उपलब्धता सुनिश्चित करेगी, बल्कि स्वास्थ्य सेवाओं को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने में भी सहायक होगी।
अन्य स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी जोर
प्रशिक्षण के दौरान आशा कार्यकर्ताओं को अन्य महत्वपूर्ण स्वास्थ्य कार्यक्रमों पर भी निर्देश दिए गए, जिनमें शामिल हैं:
गर्भवती महिला देखभाल (ANC)
नवजात शिशु देखभाल (HBNC)
मातृ एवं शिशु मृत्यु दर रिपोर्टिंग (MDR और CDR)
टीकाकरण
गैर-संचारी रोग (NCD)
एनीमिया मुक्त भारत अभियान
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका पर सिविल सर्जन का वक्तव्य
सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने कहा, “आशा कार्यकर्ता हमारे स्वास्थ्य तंत्र की रीढ़ हैं। FPLMIS जैसी प्रणाली उनके कार्य को अधिक प्रभावी बनाएगी। यह डिजिटल पहल परिवार नियोजन सामग्री की समय पर उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ बनाएगी।”
उन्होंने आगे कहा कि सरकार का लक्ष्य “स्वस्थ समाज, समृद्ध समाज” है, और यह डिजिटल प्रयास जनसंख्या स्थिरीकरण और स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
समुदाय में जागरूकता का प्रसार
कार्यक्रम में प्रखंड सामुदायिक उत्प्रेरक सरिता कुमारी, प्रखंड स्वास्थ्य प्रबंधक सुनील कुमार, बीएमए पंकज कुमार सिंह, और डाटा ऑपरेटर शाहिद इकबाल ने भी हिस्सा लिया। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को समुदाय में परिवार नियोजन, टीकाकरण और पोषण संबंधी जागरूकता फैलाने के सुझाव दिए।
कार्यक्रम के अंत में आशा कार्यकर्ताओं ने अपनी जिम्मेदारियों को अधिक कुशलता से निभाने और स्वास्थ्य सेवाओं को घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया। FPLMIS जैसे डिजिटल प्रयास ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार लाने और एक जागरूक समाज के निर्माण में मील का पत्थर साबित होंगे।