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“स्टॉप डायरिया अभियान” को लेकर जिलास्तरीय समन्वय बैठक सम्पन्न — बच्चों की जिंदगी बचाने के लिए प्रशासन ने कसी कमर।

सारस न्यूज़, किशनगंज।

डीएम विशाल राज बोले — “यह सिर्फ एक अभियान नहीं, बच्चों के जीवन की रक्षा का साझा संकल्प है”


किशनगंज, 14 जुलाई 2025:
जिले में डायरिया जैसी गंभीर बीमारी से शिशु मृत्यु दर को शून्य तक लाने के उद्देश्य से “स्टॉप डायरिया अभियान-2025” को प्रभावी बनाने हेतु आज समाहरणालय सभागार में एक महत्त्वपूर्ण जिला समन्वय बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता जिलाधिकारी श्री विशाल राज ने की। स्वास्थ्य विभाग के साथ-साथ शिक्षा, ICDS, नगर परिषद, समाज कल्याण एवं अन्य संबंधित विभागों के प्रतिनिधि इसमें शामिल हुए।


DM का स्पष्ट संदेश: “कागज़ों से निकलकर ज़मीन पर दिखे अभियान”

जिलाधिकारी श्री विशाल राज ने बैठक में कहा,

“डायरिया आज भी बच्चों की मौत का एक बड़ा कारण बना हुआ है। यदि हम हर घर तक ओआरएस और जिंक पहुंचाएं, स्वच्छता सुनिश्चित करें और लोगों को सही जानकारी दें — तो हम सैकड़ों मासूमों की जान बचा सकते हैं। यह सिर्फ दवाओं का वितरण नहीं, बल्कि जन-जागरूकता और संवेदनशीलता का अभियान है।”

उन्होंने सभी विभागों को स्पष्ट निर्देश दिए कि वे आपसी तालमेल के साथ ‘मिशन मोड’ में कार्य करें ताकि यह अभियान हर घर तक पहुंचे।


आशा और सेविकाएं बनेंगी बच्चों की ‘जीवन रक्षक कड़ी’

सिविल सर्जन डॉ. राज कुमार चौधरी ने जानकारी दी कि अभियान के दौरान आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर ORS और 14 जिंक टैबलेट वितरित करेंगी। माताओं को घर पर घोल बनाना सिखाया जाएगा और दस्त के शुरुआती लक्षणों की पहचान कर समय पर इलाज लेने की जानकारी दी जाएगी।

इसके साथ ही VHSND सत्रों में स्तनपान, पोषण और स्वच्छता जैसे विषयों को प्रमुखता दी जाएगी।


‘ORS-Zinc कॉर्नर’ बनाए जाएंगे, हर स्वास्थ्य केंद्र पर मिलेगा त्वरित उपचार

डॉ. चौधरी ने बताया कि जिले के सभी प्राथमिक व सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर ORS-Zinc कॉर्नर स्थापित किए जाएंगे, जहां दस्त प्रभावित बच्चों को नि:शुल्क दवाएं, काउंसलिंग और इलाज प्रदान किया जाएगा।

“एक ही छत के नीचे परामर्श से लेकर उपचार तक की सुविधा मिलेगी, जिससे लोग सहजता से इलाज करवा सकें।”


विद्यालयों से उठेगी स्वच्छता की आवाज

डीपीएम डॉ. मुनाजिम ने बताया कि विद्यालयों को भी इस अभियान से सक्रिय रूप से जोड़ा जाएगा।
पोस्टर प्रतियोगिता, हैंडवॉश डेमो, निबंध लेखन व स्वच्छता रैलियों के ज़रिए बच्चों को स्वच्छता, हाथ धोने, और साफ पानी पीने की शिक्षा दी जाएगी।

“बच्चे जब सीखते हैं, तो अपने घरों को भी जागरूक बनाते हैं।”


नगर निकाय को मिले निर्देश – जल स्रोतों की सफाई व निगरानी सुनिश्चित करें

नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी ने बताया कि अभियान के दौरान सार्वजनिक जल स्रोतों की सफाई, जल गुणवत्ता परीक्षण, और शौचालयों की नियमित देखरेख सुनिश्चित की जाएगी ताकि साफ जल और स्वच्छ वातावरण सभी को मिले।


संवेदनशील इलाकों पर विशेष ध्यान — ‘एक जैसे नहीं, जरूरत के मुताबिक वितरण’

डॉ. चौधरी ने बताया कि प्रवासी मजदूरों की बस्तियों, शहरी झुग्गियों, बाढ़ प्रभावित गांवों और ईंट-भट्ठों जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में मोबाइल मेडिकल टीमें तैनात की जाएंगी।

“हम संसाधनों का समान नहीं, बल्कि समुचित वितरण करेंगे — जहां जरूरत ज़्यादा, वहां ध्यान भी ज़्यादा।”


जनभागीदारी ही असली शक्ति: DM का जनता से आह्वान

श्री विशाल राज ने सभी नागरिकों से अपील की,

“एक ORS घोल, एक जिंक गोली — किसी मासूम की जान बचा सकती है। यह ज़िम्मेदारी सिर्फ सरकार की नहीं, हर माता-पिता, हर शिक्षक और हर सेविका की है।”

उन्होंने सभी से आग्रह किया कि लक्षण दिखते ही बच्चे को स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं, घर में ओआरएस घोल बनाना सीखें, और साफ पानी का प्रयोग करें।


अभियान की आत्मा — “दस्त से डरें नहीं, जागरूक बनें”

जिला स्वास्थ्य समिति के प्रतिनिधि श्री सुमन सिन्हा ने कहा कि यह महज एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि एक जन आंदोलन बनेगा, जो हर मोहल्ले, टोले और विद्यालय तक पहुंचेगा।

“दस्त से एक भी मौत नहीं — ओआरएस और जिंक हर घर तक पहुंचे, यही है हमारा संकल्प।”
“स्वच्छता, पोषण और जानकारी — यही है डायरिया से सुरक्षा की त्रिशक्ति।”


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