सारस न्यूज़, किशनगंज।
किशनगंज जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की है। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो के माध्यम से सदर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, किशनगंज (बेलवा) के लेबर रूम में कार्यरत एक संविदा एएनएम द्वारा प्रसव के बाद मरीज के परिजनों से अवैध रूप से पैसे लेने का मामला सामने आया था।
मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन के निर्देश पर जांच कराई गई। जांच कार्य जिला परिवहन पदाधिकारी-सह-वरीय प्रभारी पदाधिकारी, किशनगंज प्रखंड तथा जिला कार्यक्रम प्रबंधक, जिला स्वास्थ्य समिति, किशनगंज द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। जांच उपरांत प्रतिवेदन संबंधित सक्षम प्राधिकारी को समर्पित किया गया।
जांच के दौरान संबंधित संविदा एएनएम श्रीमती मनोरमा सिन्हा (मूल पदस्थापन—स्वास्थ्य उपकेन्द्र मोतीहारा, प्रतिनियुक्ति—पीएचसी किशनगंज, बेलवा) ने अपने लिखित बयान में यह स्वीकार किया कि प्रसव के बाद कभी-कभी मरीज के परिजन द्वारा धनराशि दी जाती है। इस स्वीकारोक्ति से वायरल वीडियो में दर्शाए गए आरोपों की पुष्टि हुई। जांच प्रतिवेदन में प्रथम दृष्टया उक्त कृत्य को रिश्वतखोरी एवं भ्रष्टाचार की श्रेणी में माना गया है।
प्रमाणित तथ्यों के आधार पर Human Resource Manual Rules and Regulation, 2021 तथा संविदा एकरारनामा की शर्तों के तहत श्रीमती मनोरमा सिन्हा का संविदा तत्काल प्रभाव से समाप्त करते हुए उन्हें सेवा से मुक्त कर दिया गया है।
इस संबंध में जिला पदाधिकारी, किशनगंज श्री विशाल राज ने स्पष्ट कहा कि बिहार सरकार की नीति के अनुसार सरकारी सेवाओं में किसी भी प्रकार की रिश्वतखोरी, अनियमितता एवं भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भविष्य में भी इस प्रकार के मामलों में दोषियों के विरुद्ध सख्त और त्वरित कार्रवाई जारी रहेगी।
