किशनगंज जिले के अंबेडकर टाउन हॉल के समीप भारत मुक्ति मोर्चा के बैनर तले भारत मुक्ति मोर्चा के जिला संयोजक राजेंद्र पासवान के नेतृत्व में अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन दिया। साथ ही केंद्र सरकार के विरोध और वक्फ बिल संशोधन के विरोध में जेल भरो आंदोलन अभियान चलाया। इस दौरान भारत मुक्ति मोर्चा के जिला संयोजक राजेंद्र पासवान अपने समर्थकों के साथ टाउन थाना पहुंचे।
ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं। भारत की चुनावी प्रणाली में ईवीएम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। चुनावों में हो रही धांधली के कई उदाहरण सामने आए हैं। भारत की जनता का ईवीएम मशीन के द्वारा किए जा रहे चुनाव प्रक्रिया पर बिलकुल भरोसा नहीं रहा है। किसी भी प्रकार के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव आवश्यक हैं, जिसके लिए बैलेट पेपर प्रणाली पुनः लागू की जाए।
ओबीसी और सभी जातियों की जाति आधारित जनगणना कराई जाए। आरएसएस-बीजेपी द्वारा संचालित वर्तमान केंद्र सरकार ने ओबीसी और सभी जातियों की जनगणना करने से इनकार कर दिया है, जो सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। संविधान में पिछड़े वर्गों को प्रतिनिधित्व (आरक्षण) और अन्य संवैधानिक लाभ और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए उनकी वास्तविक जनसंख्या का आंकड़ा आवश्यक है। इसके लिए जाति आधारित जनगणना अविलंब की जानी आवश्यक है, ताकि सभी जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का सही आकलन हो और नीतियां समानता के आधार पर बनाई जा सकें।
मूलनिवासी बहुजन महापुरुषों की आरएसएस और बीजेपी द्वारा संसद में की गई अवमानना का विरोध। देश के महान महापुरुषों डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर जी के बारे में आरएसएस-बीजेपी द्वारा संचालित वर्तमान केंद्र सरकार के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में अभद्र टिप्पणी करते हुए अवमानना की गई है। इसी तरह से हर बार आरएसएस-बीजेपी द्वारा संचालित वर्तमान केंद्र सरकार के संबंधित पदाधिकारियों और व्यक्तियों द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज, राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले, राजर्षि शाहूजी महाराज, डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर, पेरियार रामासामी, बिरसा मुंडा आदि महापुरुषों का अपमान सत्ताधारी दलों द्वारा किया जा रहा है। संसद में आरएसएस-बीजेपी द्वारा बहुजन महापुरुषों के योगदान को नजरअंदाज करना और उनका अपमान करना निंदनीय है। इस बात को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और संसद में इन महापुरुषों के योगदान को उचित सम्मान देने की मांग करते हैं।
बोधगया के महाबोधि महाविहार की मुक्ति। बोधगया स्थित महाबोधि महाविहार, जहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, वह मूलनिवासी बहुजन समाज की धरोहर है। वर्तमान में इस ऐतिहासिक स्थल पर ब्राह्मणवादी पंडितों का कब्जा है, जिसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। हम मांग करते हैं कि महाबोधि महाविहार को पूरी तरह से बौद्ध अनुयायियों के नियंत्रण में दिया जाए।
स्थानीय स्तर के अन्य बहुजन समाज से जुड़े मुद्दों का समाधान किया जाए। इस जेल भरो आंदोलन के तहत हर जिले स्तर पर बहुजन समाज के ऊपर हो रहे सामाजिक, राजकीय, आर्थिक, सांस्कृतिक रूप में किए जा रहे गंभीर स्थानीय मुद्दों को भी उठाया गया है। सरकार और जिला प्रशासन यंत्रणा को इन मुद्दों पर ध्यान देकर इसका तुरंत समाधान करना चाहिए।
राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।
किशनगंज जिले के अंबेडकर टाउन हॉल के समीप भारत मुक्ति मोर्चा के बैनर तले भारत मुक्ति मोर्चा के जिला संयोजक राजेंद्र पासवान के नेतृत्व में अपनी पांच सूत्री मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन दिया। साथ ही केंद्र सरकार के विरोध और वक्फ बिल संशोधन के विरोध में जेल भरो आंदोलन अभियान चलाया। इस दौरान भारत मुक्ति मोर्चा के जिला संयोजक राजेंद्र पासवान अपने समर्थकों के साथ टाउन थाना पहुंचे।
ईवीएम को हटाकर बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाएं। भारत की चुनावी प्रणाली में ईवीएम की पारदर्शिता और विश्वसनीयता पर लगातार सवाल उठ रहे हैं। चुनावों में हो रही धांधली के कई उदाहरण सामने आए हैं। भारत की जनता का ईवीएम मशीन के द्वारा किए जा रहे चुनाव प्रक्रिया पर बिलकुल भरोसा नहीं रहा है। किसी भी प्रकार के लोकतंत्र को मजबूत करने के लिए निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव आवश्यक हैं, जिसके लिए बैलेट पेपर प्रणाली पुनः लागू की जाए।
ओबीसी और सभी जातियों की जाति आधारित जनगणना कराई जाए। आरएसएस-बीजेपी द्वारा संचालित वर्तमान केंद्र सरकार ने ओबीसी और सभी जातियों की जनगणना करने से इनकार कर दिया है, जो सामाजिक न्याय के सिद्धांतों के खिलाफ है। संविधान में पिछड़े वर्गों को प्रतिनिधित्व (आरक्षण) और अन्य संवैधानिक लाभ और सुविधाएं सुनिश्चित करने के लिए उनकी वास्तविक जनसंख्या का आंकड़ा आवश्यक है। इसके लिए जाति आधारित जनगणना अविलंब की जानी आवश्यक है, ताकि सभी जातियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का सही आकलन हो और नीतियां समानता के आधार पर बनाई जा सकें।
मूलनिवासी बहुजन महापुरुषों की आरएसएस और बीजेपी द्वारा संसद में की गई अवमानना का विरोध। देश के महान महापुरुषों डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर जी के बारे में आरएसएस-बीजेपी द्वारा संचालित वर्तमान केंद्र सरकार के गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में अभद्र टिप्पणी करते हुए अवमानना की गई है। इसी तरह से हर बार आरएसएस-बीजेपी द्वारा संचालित वर्तमान केंद्र सरकार के संबंधित पदाधिकारियों और व्यक्तियों द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति संभाजी महाराज, राष्ट्रपिता ज्योतिबा फुले, राजर्षि शाहूजी महाराज, डॉ. बाबासाहब अम्बेडकर, पेरियार रामासामी, बिरसा मुंडा आदि महापुरुषों का अपमान सत्ताधारी दलों द्वारा किया जा रहा है। संसद में आरएसएस-बीजेपी द्वारा बहुजन महापुरुषों के योगदान को नजरअंदाज करना और उनका अपमान करना निंदनीय है। इस बात को हम कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। हम इसकी कड़ी निंदा करते हैं और संसद में इन महापुरुषों के योगदान को उचित सम्मान देने की मांग करते हैं।
बोधगया के महाबोधि महाविहार की मुक्ति। बोधगया स्थित महाबोधि महाविहार, जहाँ भगवान बुद्ध को ज्ञान प्राप्त हुआ, वह मूलनिवासी बहुजन समाज की धरोहर है। वर्तमान में इस ऐतिहासिक स्थल पर ब्राह्मणवादी पंडितों का कब्जा है, जिसे तुरंत समाप्त किया जाना चाहिए। हम मांग करते हैं कि महाबोधि महाविहार को पूरी तरह से बौद्ध अनुयायियों के नियंत्रण में दिया जाए।
स्थानीय स्तर के अन्य बहुजन समाज से जुड़े मुद्दों का समाधान किया जाए। इस जेल भरो आंदोलन के तहत हर जिले स्तर पर बहुजन समाज के ऊपर हो रहे सामाजिक, राजकीय, आर्थिक, सांस्कृतिक रूप में किए जा रहे गंभीर स्थानीय मुद्दों को भी उठाया गया है। सरकार और जिला प्रशासन यंत्रणा को इन मुद्दों पर ध्यान देकर इसका तुरंत समाधान करना चाहिए।