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बदलते समय में अपने आंखों का रखें विशेष ध्यान, चिकित्सकीय परामर्श के बाद लें दवा।

राहुल कुमार, सारस न्यूज, किशनगंज।

ज्यादा तकनीकी उपकरण के उपयोग से आजकल आंखों के सूखने की समस्या ज्यादा।

चोट लगने पर मेडिकल स्टोर से दवा लेना खतरनाक।

बच्चों को मोबाइल स्क्रीन से दूर रहने की जरूरत।

बदलते समय के साथ लोगों के जीने के तरीकों में बहुत बदलाव आया है। अब लोग ज्यादातर समय अपने साथ मोबाइल फोन, कंप्यूटर का इस्तेमाल करते हैं, जिसका सीधा असर उनके आंखों पर पड़ता है। इससे लोगों के आंखों में परेशानी होने की संभावना होती है जो उन्हें मानसिक रूप से तनावग्रस्त कर सकता है। इससे सुरक्षा के लिए लोगों को पहले से ही सतर्क रहने की जरूरत है जिससे कि उनके आंखों में किसी तरह की समस्या न हो।

ज्यादा तकनीकी उपकरण के उपयोग से आजकल आंखों के सूखने की समस्या ज्यादा।

सिविल सर्जन डॉ. राजेश कुमार ने बताया कि आजकल लोगों के ज्यादा तकनीकी उपकरण इस्तेमाल करने से उनके आंखों के सूखने (ड्राई आई) ग्रसित होने की सम्भावना ज्यादा होती है। इससे ग्रसित होने पर आंखों को रिफ्रेक्टिव ऐरोर की समस्या होती है जिससे लोगों के सामान्य पलक झपकने की रेट घट जाती है। इसे मेडिकल भाषा में कंप्यूटर विज़न सिंड्रोम कहा जाता है। इससे ग्रसित मरीजों को आंखों में जलन, दिखाई कम देना, सर दर्द होना, आंखों में खुजली होना, आंखों से नियमित पानी निकलने जैसी परेशानी होती है। ऐसी स्थिति में लोगों को चिकित्सक से संपर्क करने के बाद ही निर्देशित दवाई का उपयोग करना चाहिए।

चोट लगने पर मेडिकल स्टोर से दवा लेना खतरनाक।

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि सामान्यतः आंखों में जरा सा भी चोट लगने या जलन होने पर लोग मेडिकल स्टोर से उन्ही के परामर्श अनुसार दवा का उपयोग करते हैं। ऐसा करने से समस्या हो सकती है। आंखों के किसी भी तरह की समस्या होने पर लोगों को मेडिकल स्टोर में जानकारी के अभाव के कारण स्केरोइड, आई ड्राप दे दिया जाता है। इससे लोगों के आंखों की रोशनी चले जाने का खतरा होता है। स्केरोइड, आई ड्राप के इस्तेमाल से आंखों में फंगल इंफेक्शन की प्रबल सम्भावना होती है। इसलिए सभी लोगों को बिना चिकित्सकीय परामर्श के आंखों से सम्बंधित दवा का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

बच्चों को मोबाइल स्क्रीन से दूर रहने की जरूरत।

सिविल सर्जन डॉ राजेश कुमार ने कहा कि आज कल बच्चों द्वारा मोबाइल का उपयोग ज्यादा किया जाता है। हमेशा मोबाइल स्क्रीन पर आंखे लगे रहने से आंखों के खराब होने, आंखों के डेरेपन होने की समस्या होती है। इसलिए लोगों को जितना हो सके इसके इस्तेमाल को सीमित करने की आवश्यकता है।

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